एक अखबार के पैरोडी ट्विटर अकाउंट का स्क्रीनशॉट इस दावे के साथ वायरल है की प्रसिद्द वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार द्वारा 59 चीनी ऍप्लिकेशन्स पर बैन के ख़िलाफ़ एक जनहित याचिका दाखिल की है और कहा है की यह 'एक समुदाय' के लोगों के विरुद्ध उठाया गया कदम है जो टिकटोक नामक ऐप्प के नए सुपरस्टार्स हैं |
बूम ने पाया की यह एक पैरोडी हैंडल है | इस हैंडल के 'बायो' में भी पैरोडी हैंडल होने का उल्लेख किया गया है | ट्वीट का स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है |
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इस ट्वीट का हिंदी अनुवाद है: "जस्ट इन: प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की जिसमें सरकार के 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें कोई सुरक्षा का खतरा नहीं है, लेकिन सरकार ने केवल 1 विशेष समुदाय को परेशान करने वाले ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो टिकटॉक पर नए सुपरस्टार थे (फाइल फ़ोटो)।"
ऐसी कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
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फ़ैक्ट चेक
हमनें एक्सप्रेस ऑफ़ इंडिया का ट्विटर हैंडल खोजा | ये ट्विटर द्वारा वेरीफाइड नहीं है और ना ही इसके ज़्यादा फॉलोवर्स हैं रिपोर्ट लिखे जाने तक ट्विटर हैंडल के महज़ 558 फॉलोवर्स थे | इसके साथ ही हैंडल पर पैरोडी अकाउंट लिखा हुआ है |
इस फ़ोटो से समझ आता है की हैंडल का नाम द इंडियन एक्सप्रेस और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया को जोड़कर बनाया गया है | अकाउंट का आर्काइव यहां देखें |
इस अकाउंट ने यह ट्वीट 1 जुलाई को किया था जिसके साथ प्रशांत भूषण की तस्वीर भी पोस्ट की थी |
Just In : Prashant Bhushan files a PIL in supreme court against the government order of banning 59 Chinese Apps citing their is no security threat but government has banned the apps just to harass 1 particular community who were the new superstar in app called TikTok (File Pic). pic.twitter.com/4MzsCWCMKF
— The Express Of India (@ExpressOfIndia) July 1, 2020
इस अकाउंट को अप्रैल 2020 में बनाया गया है और बायो में @TiimesHow (एक दूसरा पैरोडी) अकाउंट के बंद होने पर दुःख जताया गया है |
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इसके बाद हमनें न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली और पाया की ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जो प्रशांत भूषण द्वारा ऐसी किसी जनहित याचिका के बारे में हो | हमनें प्रशांत भूषण के ट्विटर हैंडल को भी देखा पर कोई ट्वीट नहीं था जो इस तरह की किसी याचिका का ज़िक्र करे |