सोशल मीडिया पर वायरल एक क्लिप के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान (Rajasthan) में पटाखे फोड़ने पर बैन लगने के बाद वहां के राजपूतों (Rajputs) ने बंदूकों से फ़ायरिंग (firing) करके दिवाली (Diwali) मनाई |
बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है। वायरल वीडियो मार्च 2020 में राजस्थान के उदयपुर के मेनार में ऐतिहासिक 'जमरा बीज शौर्य पर्व' का है, जिसमें स्थानीय लोग होली के दौरान 'बारूदी होली' खेलते हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदूषण को देखते हुए राजस्थान सहित कई राज्य सरकारों ने दीवाली में पटाखों पर पाबंदी (crackers ban) लगा दी थी। सोशल मीडिया में लोग इस तरह के फ़ैसलों को हिन्दू त्योहार पर पाबंदी के रूप में देख रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में वीडियो वायरल हो रही है।
करीब 26 सेकंड लंबे वीडियो में बड़ी तादाद में लोगों को बंदूक से फ़ायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। जबकि कुछ लोग उस दृश्य को अपने मोबाइल में फ़िल्मा रहे हैं। आसपास रंगीन लाइटों की सजावट भी देखी जा सकती है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "राजस्थान में अशोक गहलोत की कोंग्रेस सरकार ने दिवाली पर पटाखे बेन किये। फिर क्या, वहाँ के राजपूतों ने अपने अंदाज़ में दिवाली मनाई? जय हिंदुत्व जय राजपुताना।"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।
वीडियो क्लिप फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़े पैमाने पर वायरल है।
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के कीफ़्रेम को यांडेक्स रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो वायरल क्लिप से मिलती कई वीडियो क्लिप्स मिले। पंकज मेनारिया नाम के यूट्यूब चैनल पर हमें 22 अगस्त 2018 का एक वीडियो मिला जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा था 'मेनार जमरा बीज'। ऐसा ही एक वीडियो 22 मार्च 2019 में अपलोड हुआ मिला, जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा था 'मेनार इतिहास का बहुत बड़ा योगदान है। जमराबिज 2019'।
हमने वीडियो के कैप्शन से हिंट लेते हुए सर्च किया तो जमरा बीज से जुड़ी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें कहा गया कि उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मेनार गांव में होली के दूसरे दिन परंपरा के अनुसार 'बारूदी होली' खेली जाती है।
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार "इस बारूद की होली को देखकर लगता है कि होली की जगह दीवाली मनाई जा रही है। इस दिन सभी स्थानीय लोग आतिशबाजी और बंदूकों से हवाई फ़ायरिंग करके इस दिन को एतिहासिक बनाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है की महाराणा प्रताप के पिता उदयसिंह के समय मेनारिया ब्राह्मण ने कुशल रणनीति के साथ युद्ध कर मेवाड़ राज्य की रक्षा की थी। इस दिन की याद में इस त्यौहार को अलग अंदाज़ में मनाया जाता है।"
हमने 'बारूदी होली', 'जमरा बीज', 'मेनार होली' जैसे कीवर्ड के साथ सर्च किया तो फ़ेसबुक पर वही वीडियो मिला, जो इस समय वायरल है। उमेश मेनारिया II नाम के फ़ेसबुक पेज पर 12 मार्च 2020 को अपलोड किये गए वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'मेनार जमराबिज शौर्य पर्व की झलक 2020।" इस पर्व से जुड़े अन्य पोस्ट यहां देखें।
पत्रिका वेबसाइट के मुताबिक़ "जमरा बीज पर्व के दौरान देर रात तलवारों की गेर से पहले गांव के ओंकारेश्वर चौराहे पर लाल जाजम बिछाई जाती है और इसके साथ ही कसूंबे की रस्म की जाती है। शाम को मशालचियों की अगुवाई में सफेद धोती-कुर्ता और कसूमल पाग पहने ग्रामीणों के पांच दल पांच रास्तों से चौराहा पहुंचते है। फिर दीपावली की तरह जगमग चौराहे पर पटाखों के अलावा देर रात तक बंदूकें गरजती है। होली के बाद उदयपुर का यह गांव मेनार युद्ध के मैदान में तब्दील हो जाता है।"
"पूर्व रजवाड़े के सैनिकों की पोशाकों में लोग हाथ में बंदूक लिए एक दूसरे को ललकारते हैं। मेवाड़ी परिधान में गांव के बच्चे और बुज़ुर्ग हाथों में तलवार और बंदूक लिए सर पर पगड़ी बांधे सफ़ेद धोती कुर्ता पहनकर निकलते हैं। शाम ढलते ही बंदूक के मुंह खुल जाते हैं जो देर रात तक ख़ामोश नहीं होते।"
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