Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • रोज़मर्रा
  • हवा साफ़ है या ख़राब बताने वाला एयर...
रोज़मर्रा

हवा साफ़ है या ख़राब बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स आख़िर है क्या?

हवा की गुणवत्ता के हिसाब से इसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत ख़राब और गंभीर श्रेणी में बांटा गया है

By - Mohammad Salman |
Published -  9 Nov 2020 2:41 PM IST
  • हवा साफ़ है या ख़राब बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स आख़िर है क्या?

    राजधानी दिल्ली में दीवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब हो चुकी है। शहर के कई इलाकों में हवा इतनी ज़हरीली हो चुकी है जिसमें सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है। सोमवार 12 बजे तक पुसा, दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 759 तक पहुंच गया जबकि आनंद विहार इलाके से सटे वसुंधरा (गाज़ियाबाद) में वायु की गुणवत्ता का स्तर 887 पहुंच चुका था, जिसे 'प्रदूषण का आपातकाल' माना जाता है।

    एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि वायु गुणवत्ता सूचकांक, अगर आसान भाषा में कहें तो हवा की शुद्धता को मापने का एक पैमाना है । इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय की गयी कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड, पार्टिकल पॉल्यूशन/पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा का आंकलन किया जाता है।

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि आख़िर एयर क्वालिटी इंडेक्स है क्या? तो हम आपको समझाते हैं कि साल के अंतिम कुछ महीनो में लगातार ख़बरों में बने रहने वाला और दिल्ली सरकार की नींद उड़ा देने वाला शब्द 'एक्यूआई' क्या है, कैसे काम करता है, इसके प्रदूषक क्या हैं इत्यादि ।

    केबीसी शो में अमिताभ बच्चन ने मनुस्मृति से जुड़ा सवाल पूछा, शिकायत दर्ज

    सुना तो बहुत, मगर है क्या?

    वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य तौर पर हमें यह बताता है कि जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं वो कितनी साफ़ सुथरी है या यूं कहें कि उसमें कितनी शुद्धता है। यह सूचकांक आम आदमी को उनके आस-पास के इलाके की हवा की और हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है, की बेहतर समझ उपलब्ध कराता है।

    वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदल कर लोगों को बताने के मक़सद से भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 17 सितंबर 2014 को शुरू किया गया था।

    इसके अंदर भी श्रेणियां

    हवा की शुद्धता मापने वाले इस पैमाने को 'एक संख्या-एक रंग-एक व्याख्या' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें 6 अलग-अलग रंगों के माध्यम से 6 एक्यूआई श्रेणियों को तैयार किया गया है, जो वायु प्रदूषण के अलग-अलग स्तरों को बताता है।

    हवा की गुणवत्ता के हिसाब से इसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर, जैसे जैसे हवा की गुणवत्ता ख़राब होती जाती है वैसे ही रैंकिंग अच्छी से ख़राब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती जाती है।


    दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर यहां देखें।

    एक्यूआई जब 0 और 50 के बीच होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है, 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'थोड़ा प्रदूषित', 201 और 300 के बीच 'ख़राब', 301 और 400 के बीच 'बेहद ख़राब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

    वायु गुणवत्ता सूचकांक या एयर क्वालिटी इंडेक्स बुनियादी तौर पर 8 प्रदूषकों (प्रदूषण फ़ैलाने वाले कारक) से मिलकर बना है | इसमें पीएम 10, पीएम 2.5, NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड), SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड), CO (कार्बन मोनोऑक्साइड), O3 (ओज़ोन), NH3 (अमोनिया) और Pb (सीसा) शामिल हैं।

    हरियाणा में पुजारी के साथ मारपीट का वीडियो गुजरात का बताकर वायरल

    और ये PM2.5 और PM10 क्या है?

    पीएम (PM) यानि पर्टिकुलेट मैटर या इसे कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण होता है। ये कण हवा में मौजूद होते हैं, चूंकि यह इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। इसमें धूल, धुआं और धातु के बहुत छोटे कण शामिल होते हैं।

    PM 2.5 हमारे वायुमंडल के कण पदार्थ के रूप में होता है जिसका डायामीटर 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है, जो हमारे बालों की मोटाई के करीब 3 प्रतिशत होता है। आम तौर पर हम इन कणों को केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से ही देख सकते हैं। PM2.5 का स्तर बढ़ जाने पर वातावरण में धुंध छा जाती है जिससे साफ़ दिखना भी कम हो जाता है और चारों ओर कोहरे जैसा वातावरण हो जाता है, जैसा कि आजकल दिल्ली में हो रहा है।

    PM10 वो कण हैं जिनका डायमीटर 10 माइक्रोमीटर होता है यानि एक मीटर से 10 लाख गुना छोटे। इसमें धूल, धातु के बहुत छोटे कण शामिल होते हैं। PM10 और 2.5 धूल, निर्माणाधीन कार्यो से होते प्रदुषण और कूड़ा व पुआल जलाने से ज़्यादा बढ़ता है।

    यहां जानकारी के लिए बता दें कि हवा में PM2.5 की मात्रा 60 और PM10 की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए शुद्ध और सुरक्षित माना जाता है।

    जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि यह कण इतने छोटे होते हैं कि हमें दिखते नहीं हैं, यह हवा में घुले-मिले हुए होते हैं। ऐसे में जब हम सांस लेते हैं तो यह कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और गले में ख़राश, फेफड़ों को नुकसान, जकड़न, हाई ब्लडप्रेशर, दिल का दौरा, स्ट्रोक और भी कई गंभीर बीमारियों का ख़तरा पैदा कर देते हैं।

    लेकिन इसकी निगरानी कौन करता है?

    वायु प्रदूषण से मुक़ाबले के लिए भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था। कार्यक्रम को कई थिंक टैंकों और प्रीमियर संस्थानों के साथ जोड़ा गया है, जिसमें आईआईटी, ट्रिपल आईटी और एनआईटी शामिल हैं, ताकि इसके उद्देश्यों को पूरा किया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत, नियमित आधार पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 984 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया गया। इन स्टेशनों में से 779 मैनुअल स्टेशन हैं और 205 निरंतर निगरानी स्टेशन हैं।

    बाक़ी शहरों में कितनी साफ़ है हवा

    देश में दिल्ली और इससे सटे इलाकों के मुक़ाबले बाक़ी शहरों में हवा की गुणवत्ता काफ़ी बेहतर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक्यूआई 382, भोपाल में 182, चेन्नई में 174, जयपुर में 139 वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई में एक्यूआई का स्तर 134 है। हालांकि इन शहरों में हवा की गुणवत्ता दिल्ली की तुलना में साफ़ ज़रूर है लेकिन उतनी भी नहीं कि 'साफ़ सुथरी' कही जा सके।

    उत्तर-पूर्वी इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद अच्छी है। कोलकाता के बालीगंज इलाके में एक्यूआई का स्तर महज़ 42 है जिसे 'अच्छी' हवा की श्रेणी में गिना जाता है। जबकि शिलोंग में एक्यूआई 16 और आइज़ोल में एक्यूआई का स्तर सिर्फ़ 12 है, यानि बिल्कुल साफ़ सुथरी हवा।


    देश के विभिन्न शहरों की वायु गुणवत्ता जानने के लिए यहां क्लिक करें।

    महिला के साथ मारपीट का वीडियो यूथ कांग्रेस ने फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया

    Tags

    Air Quality IndexAQIAir PollutionDelhi Air PollutionStubble BurningFarmers StubbleDelhi GovernmentAir Quality India
    Read Full Article
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!