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फ़ैक्ट चेक

पुलिस पर भीड़ द्वारा पथराव की घटना दिल्ली की नहीं, अहमदाबाद की है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 का है जिसे गुजरात के अहमदाबाद में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान फिल्माया गया था।

By - Anmol Alphonso | 28 Feb 2020 2:14 PM GMT

अहमदाबाद में फिल्माया एक तीन महीने पुराना वीडियो दिल्ली का बता कर सोशल मीडिया पर फ़िर से वायरल किया जा रहा है। पिछले दिनों हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण दिल्ली चर्चा का विषय बना हुआ है।

वीडियो में पुलिस की गाड़ी को दिखाया गया है जो सायरन बजाते हुए हिंसक भीड़ के बीच से निकलने की कोशिश कर रही है। भीड़ को पुलिस की गाड़ी पर पथराव करते हुए दिखाया गया है।

45 सेकंड की इस क्लिप को पूर्व सैनिक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य मेजर सुरेंद्र पूनिया ने शेयर किया और इसे ग़लत तरीके से दिल्ली में चल रहे दंगों से जोड़ा।

यह भी पढ़ें: पत्थर के साथ पुलिसकर्मी की पुरानी तस्वीर दिल्ली में पुलिस हिंसा के रूप में वायरल

पुनिया ने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा, "वे कश्मीर को दिल्ली लाए हैं। वे पत्थर नहीं फेक रहे हैं, वे भाारत को तोड़ रहे हैं..."

अर्काइव वर्शन के लिए यहां देखें

बूम ने पहले भी पुनिया द्वारा फैलाई गई ग़लत जानकारियों को ख़ारिज किया है। ( यहां और पढ़ें। )

वीडियो को अशोक पंडित ने भी झूठे दावे के साथ शेयर किया था। बूम द्वारा ख़ारिज ख़ारिज ग़लत जानकारियां जो अशोक पंडित ने फैलाई थीं, यहां और यहां पढ़ें|

अर्काइव के लिए यहां देखें

फेसबुक पर वायरल

यही वीडियो फेसबुक पर भी समान कैप्शन के साथ वायरल है।

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अर्काइव के लिए यहां क्लिक करें।

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वीडियो पर बारीकी से नज़र डालने पर पता चलता है कि दुकानों पर गुजराती में लिखा हुआ है। इससे पता चलता है कि वायरल वीडियो गुजरात से है, ना कि दिल्ली से है, जैसा कि दावा किया गया है। 11 सेकंड के टाइम-स्टैम्प पर गुजराती लिपि में "चिराग टेलर्स" लिखा हुआ देखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के अशोक नगर कि मस्जिद में तोड़फोड़ और आगजनी कि घटना सच है

गूगल पर दुकान का नाम, "चिराग टेलर्स" और "अहमदाबाद" खोजने पर हमने पाया कि यह गुजरात के अहमदाबाद में शाह आलम रोड पर स्थित है। गूगल मैप्स पर दुकान का स्थान अन्य प्रसिद्ध दुकान जैसे 'फेमस चिकन सप्लायर' से भी मेल खाता है जिसे वायरल वीडियो में देखा जा सकता है।

इसके अलावा, ट्वीटर पर, 'अहमदाबाद', 'पत्थर', 'पुलिस' कीवर्ड्स के साथ खोज करने पर हमें यही वीडियो मिला, जिसे 19 दिसंबर, 2019 को देशगुजरात के हैंडल से ट्वीट किया गया था। वीडियो के साथ दिए कैप्शन में लिखा है, "कैब के विरोध के दौरान अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। महिला पुलिसकर्मी सहित कम से कम दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस की गाड़ी पर भी हमला हुआ।"

हमने समाचार रिपोर्टों की खोज की और पाया कि यह घटना अहमदाबाद के शाह-ए-आलम में 19 दिसंबर, 2019 को एक एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी| यह प्रदर्शन तब हिंसक हो गया था जब प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कुछ पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया था। इस घटना के कई अन्य वीडियो वायरल हुए थे, जहां एक पुलिस अधिकारी पर पथराव कर रहे लोगों की भीड़ को देखा जा सकता है। इस घटना के वीडियो से ऑनलाइन व्यापक रुप से बहस छिड़ गई थी।

उस समय पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमले के लिए एक कांग्रेस पार्षद और 48 अन्य को गिरफ़्तार किया गया था। इसी सीक्वेंस में देखा जा सकता है कि यह वीडियो टीवी 9 गुजराती के कवरेज में दिखाया गया है। वीडियो को दिसंबर 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।

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