HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

भारत-चीन टकराव: असंबंधित तस्वीरों में चीनी सैनिकों के शव होने का दावा

बूम ने पाया कि तस्वीरें उन हैंडओवर समारोहों से हैं जब दक्षिण कोरिया ने कोरियाई युद्ध में लड़ने वाले चीनी सैनिकों के अवशेष लौटाए थे।

By - Swasti Chatterjee | 26 Jun 2020 1:55 PM IST

चीनी सैनिकों के शवों से भरे ताबूतों के पुराने तस्वीरों का एक सेट वायरल हो रहा है | यह तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है की भारत-चीन झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों के शव हैं | यह दावा फ़र्ज़ी है | दरअसल यह तस्वीर चीनी सैनिकों के अवशेष तो हैं पर भारत-चीन विवाद के नहीं बल्क़ि 1950-1953 के बीच लड़ा गया कोरियाई वॉर में मारे गए चीनी सैनिकों के हैं |

पूर्वी लदाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15-16 जून को झड़प हुई थी | इसमें भारत के करीब 20 सैनिकों की मौत हुई थी | चीन ने अब तक मारे गए सैनिकों की संख्या पर आधिकारिक खुलासा नहीं किया है |

वायरल तस्वीरें दिखाती हैं की लम्बी कतार में चीनी पीपल्स वालंटियर सैनिकों के ताबूत ले जाए जा रहे हैं | यह सैनिक कोरियाई वॉर में मारे गए थे जिनके अवशेष कोरिया ने लौटाए थे | यह उनकी अंतिम विदाई के वक़्त की तस्वीरें हैं |

भारतीय सेना ने यह पुष्टि की है की झड़प में 20 सैनिक, जिनमें बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर भी थे, मारे गए थे | यह झड़प पूर्वी लदाख की गलवान घाटी में हुई थी |

चीन द्वारा कोई आधिकारिक बयान न देने से सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी अफ़वाहें फ़ैल रही हैं | इस पोस्ट के साथ एक 56 सैनिकों के नाम की लिस्ट भी है जिसे बूम ने पहले ख़ारिज किया है |

यह भी पढ़ें: पीपल्स लिबरेशन आर्मी के 56 पूर्व जनरल्स के नाम मारे गए चीनी सैनिकों के रूप में वायरल

यह लिस्ट विकिपीडिया के कॉपी किये गए नाम है जो दरअसल पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पी.एल.ए के जनरल्स के नाम हैं |

वायरल पोस्ट्स नीचे देखें, इनके आर्काइव्ड यहाँ और यहाँ देखें |

Full View


Full View

बूम ने यही तस्वीर अपने हेल्पलाइन नंबर पर भी पायी जिसमें इसकी पुष्टि की मांग की गयी थी |


यही तस्वीर छत्तीसगढ़ वैभव नामक हिंदी न्यूज़पेपर ने भी इस्तेमाल की थी जिसमें दावा किया गया है की चीन ने 56 सैनिक खोए थे |


यह भी पढ़ें: क्या उत्तर प्रदेश में ऐमिम कार्यकर्ताओं ने भारतीय तिरंगा जलाया?

फ़ैक्ट चेक

बूम ने तीनों तस्वीरों पर एक-एक कर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह दक्षिण कोरिया और चीन के बीच चीनी सैनिकों के अवशेषों के हैंडओवर समारोह का हिस्सा हैं, जो कई वर्षों से हो रहे हैं।


तस्वीर 1 और 3

सैनिकों के शवों को ताबूतों में ले जा रहे यह तस्वीर अप्रैल 2019 से हैं, जब चीन ने कोरियाई युद्ध में मारे गए सैनिकों के लिए दफन समारोह आयोजित किया था । यह समारोह 4 अप्रैल, 2019 को पूर्वोत्तर चीन के लियाओनिंग प्रांत में शेनयांग में आयोजित किया गया था। शिन्हुआ नेट की आधिकारिक वेबसाइट में कैप्शन के अनुसार, ताबूत 10 चीनी सैनिकों के अवशेष थे, जो युद्ध में मारे गए थे। मारे गए सैनिकों के शव कोरिया गणराज्य द्वारा वापस कर दिए गए थे । वास्तविक तस्वीरों तक पहुंचने के लिए यहां और यहां क्लिक करें।

दूसरी तस्वीर

ताबूतों के साथ चल रहे सैनिकों की तस्वीर मूल रूप से मार्च, 2016 की एक तस्वीर का एक कटा-छंटा रूप है, जो दक्षिण कोरिया में चीनी राजदूत किउ गुओहोंग को 1950-53 कोरियाई वॉर में मारे गए चीनी पीपुल्स वालंटियर्स (सीपीवी) के सैनिकों के अवशेषों को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाता है। नीचे देखा जा सकता है।


यह तस्वीर दक्षिण कोरिया के इंचोन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक हैंडओवर समारोह के दौरान ली गई थी । मार्च 2016 में, दक्षिण कोरिया ने कोरियाई युद्ध में मारे गए 36 चीनी सैनिकों के अवशेष लौटा दिए थे । 2019 में कोरियाई युद्ध में मारे गए चीनी सैनिकों के नश्वर अवशेषों के छठे हैंडओवर समारोह को चिह्नित किया। अतीत में, दक्षिण कोरिया ने 589 चीनी सैनिकों के अवशेष स्थानांतरित किए थे, जिसमें 2014 में 437, 2015 में 68, 2016 में 36, 2017 में 28 और 2018 में 20 शामिल हैं ।

ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्यक्रम आमतौर पर अप्रैल के शुरू में, मृतकों की याद में चीनी अवकाश, टुम्ब-स्वीपिंग डे से पहले किया जाता है । 

Tags:

Related Stories