सुल्तानपुर पुलिस ने हिन्दू बालयोगी की मौत के बारे में फ़ैल रहे सांप्रदायिक दावों को ख़ारिज करते हुए इसे 'साफ तौर पर खुदकुशी' का मामला बताया है ।
(ध्यान रहे इस लेख में खुदकुशी का विवरण है ।)
पिछले दो दिनों से बालयोगी सत्येंद्र आनंद सरस्वती के शव की तस्वीर वायरल हो रही है । यह तस्वीर एक शरीर को रस्सी के फंदे से लटका हुआ दिखाती है । हमने पाया कि तस्वीर सत्येंद्र आनंद सरस्वती की है जो हिंदी न्यूज़ वेबसाइटों के मुताबिक़ 22 साल का था ।
कई ट्विटर यूज़र्स इस ग्राफ़िक तस्वीर को इन दावों के साथ शेयर कर रहे हैं कि स्थानीय मुसलमानों ने श्रावण महीने के दौरान पूजा करने के चलते हुई बहस के कारण इस बालयोगी को मौत के घाट उतार दिया ।
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बूम ने ट्वीट्स को लेख में नहीं रखने का फ़ैसला किया है । अर्काइव्ड वर्शन यहाँ, यहाँ, और यहाँ देखें ।
हिंदी में एक कैप्शन भी है जो कुछ इस तरह है 'यूपी के कोइरीपुर सुल्तानपुर में मंदिर के पुजारी "सत्येंद्र आनंद सरस्वती" का शव पेड़ पर लटका मिला, एक दिन पहिले ही पुजारी की पड़ोस के "शान्तिदूतो" से सावन के पूजा को लेकर बहस की थी, पर इस ब्राम्हण पुजारी की आवाज उठाने कोई नही आएगा क्योंकि ये कोई टोपी वाला नही बल्कि भगवाधारी है.?'
इस ट्वीट को लेख लिखने के वक़्त तक करीब 4,400 बार रिट्वीट किया जा चुका है ।
यही तस्वीर इन्हीं फ़र्ज़ी दावों के साथ फ़ेसबुक पर भी वायरल हो रही है
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फ़ैक्ट चेक
हमनें एक कीवर्ड्स सर्च किया और पाया की दो हिंदी वेबसाइट दैनिक भास्कर (आर्काइव) और नवभारत टाइम्स (आर्काइव) ने इस घटना को रिपोर्ट किया था ।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार: "लोग चर्चा कर रहे हैं कि बाबा की हत्या करके लाश को लटका दिया गया है या उसने खुद आत्महत्या कर लिया है? स्थानीय लोगों ने बताया कि बाल योगी आनन्द सरस्वती बाबा हिमाचल प्रदेश से आए हुए थे और सालों से यहां चांदा थाना क्षेत्र के छतौना कला ग्राम के वीर बाबा मंदिर पर रहते थे"
इससे संकेत लेते हुए हमनें सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक हरि मीणा से बात की । "इसे न ही मुस्लिम ने मारा है ना ही किसी और ने । पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी है । यह खुदकुशी के मामला है," मीना ने बूम से बताया ।
इसके बाद हमनें लंभुआ सर्किल के सर्किल ऑफ़िसर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस लाल सिंह चौधरी से बात की । उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर मृतक सत्येंद्र आनंद सरस्वती की ही है ।
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"मैं ख़ुद उस मंदिर में हो कर आया हूँ जहाँ यह खुदकुशी की घटना हुआ थी । इसके अलावा और दो मंदिर भी गया था जहाँ सत्येंद्र का आना जाना था । यह साफ तौर पर खुदकुशी का मामला है । जो भी कुछ और दावा कर रहा है, फ़र्ज़ी और निराधार है," चौधरी ने कहा ।
स्थानीय लोगों के साथ मृतक के किसी झगड़े या बहस के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा, "हमें झगड़े और बहस, किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली ।"
चौधरी ने यह भी कहा कि मृतक गांजा और बीड़ी का आदि था । हालांकि बूम लाल सिंह चौधरी की यह बात को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सकता ।