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फैक्ट चेक

क्या रशियन्स को घर के अंदर रखने के लिए पुतिन ने सड़कों पर शेर छोड़ दिए?

बूम ने पाया कि ग्राफिक एक प्रैंक जनरेटर ऐप के साथ बनाया गया था और गली में घूमते शेर की तस्वीर पुरानी और असंबंधित है।

By - Sumit | 23 March 2020 3:09 PM IST

सोशल मीडिया पर सड़के पर घूमते हुए शेर की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर को 'ब्रेकिंग न्यूज़' बताते हुए दावा किया जा रहा है कि रूस में व्लादिमीर पुतिन ने लोगों को घर के अंदर रखने के लिए लगभग 500 शेरों को रोड पर छोड़ा है।

तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है "'ब्रेकिंग न्यूज़: रूस की सड़कों पर 500 से अधिक शेर छोड़े गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग इस महामारी के प्रकोप के दौरान घर के अंदर रह रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन ने लोगों को घर के अंदर रहने के लिए लगभग 500 शेरों को छोड़ा।" तस्वीर के साथ 'लाइव' लोगो और टाइमस्टैम्प भी है जिससे लगता है कि यह टेलीविज़न का स्क्रीनग्रैब है।

बूम ने पाया कि तस्वीर को 2016 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में लिया गया था और वायरल पोस्ट एक मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके बनाया गया था।

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वायरल पोस्ट नीचे शेयर किया गया है और इसके अर्काइव वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है।

ऐसे समय में जब कोरोनावायरस के प्रकोप ने दुनिया भर के कई देशों को लॉकडाउन होने के लिए मजबूर कर दिया है, ऐसी तस्वीर के झांसे में कई लोग आए हैं और इस ग़लत दावे को सच समझ रहे हैं। यह वायरल पोस्ट ट्वीटर पर भी व्यापक रुप से शेयर किया जा रहा है।




फ़ैक्टचेक

बूम ने ब्रेकिंग न्यूज़ टेम्प्लेट को छोड़कर वायरल फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च किया और 2016 के कई लेख पाए जिनमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

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15 अप्रैल, 2016 को न्यूयॉर्क पोस्ट के एक लेख में इसी तस्वीर को दिखाया गया है और बताया गया कि यह घटना दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग की है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबस नाम के शेर को एक स्थानीय फिल्म कंपनी द्वारा पास के एक लायन पार्क से लिया गया था और शूटिंग के हिस्से के रूप में सड़क पर छोड़ा गया था।


यूके के डेली मेल में उसी दिन प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट में भी यह बताया गया कि घटना दक्षिण अफ्रिका के जोहान्सबर्ग की थी।


दिलचस्प बात यह है कि गल्फ न्यूज़ ने 23 सितंबर, 2019 को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख ग़लत जानकारी देते हुए इसे साऊदी अरब के जेद्दा की घटना बताया।


अब जब बूम ने पता लगाया कि मूल तस्वीर 2016 की है, हमें उस एप का पता लगाना था जिसके 'ब्रेकिंग न्यूज़' टेम्पलेट की मदद के साथ यह वायरल पोस्ट बनाया गया है। ब्रेक योर ओन न्यूज़ एक ऐसा ही ऐप है।

हमने ऐप की मदद से 'ब्रेकिंग न्यूज़' टेम्पलेट बनाने के लिए डेली मेल में प्रकाशित मूल छवि का इस्तेमाल किया। यहां देखें हमें क्या मिला।

इमेज के टॉप दाएं कोने पर ऐप के लोगो को फोटो एडिटिंग ऐप की मदद से हटाया जा सकता है।

ऐप की मदद से बूम द्वारा बनाया गया एक और 'ब्रेकिंग न्यूज़' नीचे देख सकते हैं।

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