पुलिसकर्मियों (policemen) के सामने लाठी (lathi) उठाए खड़ी एक महिला की पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है तस्वीर दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन (farmers protest) की है।
बूम ने पाया कि तस्वीर 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी नहीं है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि क़ानून (farm law) के ख़िलाफ़ किसानों के प्रदर्शन का आज छठा दिन है। नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ हजारों की तादाद में पंजाब, हरियाणा के किसान 'दिल्ली चलो' (Delhi Chalo) मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्हें रस्ते में वाटर कैनन (water cannons) और आंसू गैस (tear gas) के गोलों का सामना करना पड़ा है। किसानों ने केंद्र सरकार की तरफ़ से 3 दिसंबर को इस मामले पर बात करने की पेशकश ठुकरा दिया है। इसी पृष्ठभूमि में तस्वीर फ़र्ज़ी दावे से शेयर की जा रही है।
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वायरल तस्वीर में लाल साड़ी पहने महिला को पुलिस कर्मियों के सामने हाथ में लाठी लहराते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा कि "नकली झांसी की रानी को देख चुके तो अब देखो असली झांसी की रानी जो किसान हक के लिए कूद पड़ी है युद्ध के मैदान में...माँ तुझे सलाम..."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
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तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़े पैमाने पर शेयर की गयी है।
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मुंबई में किसानों के धरने की दो साल पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर को बिंग पर रिवर्स इमेज से सर्च किया तो उसी तस्वीर को शेयर करने वाले दो फ़ेसबुक पोस्ट मिले।
हैदराबाद फ़नी क्लब पर शेयर किए गए 10 सितंबर 2016 के पोस्ट में से एक के साथ कोई कैप्शन नहीं है। आर्काइव यहां देखें।
6 अक्टूबर, 2018 को फ़ेसबुक पेज केरल स्टूडेंट्स यूनियन पर शेयर की गई एक अन्य पोस्ट में मलयालम कैप्शन के साथ वायरल तस्वीर तस्वीर की गई, जिसमें लिखा गया था, "यह केवल एक शॉट में समाप्त हो सकता है ... और अभी भी विरोध ... बहुत सारी स्टिकी वायर्स के लिए .. । # किसान 'संघर्ष'।
(मलयालम : ഒറ്റ വെടിയുണ്ടയിൽ തീരാവുന്നതെയുള്ളൂ...എന്നിട്ടും പ്രതിഷേധിക്കുന്നു...ഒരുപാട് ഒട്ടിയ വയറുകൾക്കായി... #കർഷകസമരം)
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हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से वायरल तस्वीर के पीछे के संदर्भ का पता लगाने में असमर्थ था।
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