सोशल मीडिया पर इन दिनों धरना स्थल में घायल लोगों को दिखाता तस्वीरों का एक सेट वायरल हो रहा है। इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें हालिया किसानों के विरोध प्रदर्शन की हैं। केंद्र सरकार के कृषि बिल के ख़िलाफ़ देशभर में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरों में भारतीय युवा कांग्रेस, केरल के सदस्य हैं। हमने प्रदर्शन में शामिल विधायक वीटी बलराम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि सोने की तस्करी के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा केरल के एक मंत्री की जांच की जा रही है। इस प्रदर्शन का आयोजन मंत्री के इस्तीफ़े की मांग के लिए किया गया था।
यह तस्वीरें ऐसे समय में वायरल हुई हैं जब देश के कई हिस्सों में किसान तीन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, जिसे 27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी।
युवाओं पर पुलिस बर्बरता दिखाती यह तस्वीरें पुरानी हैं
सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "किसान आंदोलन हुआ उग्र तस्वीरें आपको भयभीत कर देगी अन्नदाताओं पर जो अत्याचार हो रहा है यह बिकाऊ दलाल गोदी मीडिया आपको नहीं दिखाएगा...दलाल गोदी मीडिया को देश के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए और सिर्फ हिंदू मुस्लिम करने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं नेता से ज्यादा देस की मीडिया देश को बर्बाद कर रही है"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें। फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ वायरल तस्वीरों को यहां और यहां देखें।
इसके अलावा ट्विटर पर भी उसी दावे के साथ तस्वीरों को शेयर किया गया है।
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें। ट्विटर पर कई यूज़र ने पोस्ट को शेयर किया है, यहां और यहां देखें।
कृषि बिल्स 2020: पुराने प्रदर्शनों की तस्वीरें फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीरों पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि उनमें से एक तस्वीर कांग्रेसी नेता वीटी बलराम की है। बलराम केरल की थ्रीथला विधानसभा सीट से विधायक हैं।
हमें भारतीय युवा कांग्रेस, केरल के आधिकारिक हैंडल से 18 सितंबर का एक ट्वीट मिला जिसमें कुछ वायरल तस्वीरें थीं।
भारतीय युवा कांग्रेस, केरल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने 18 सितंबर को तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि "कांग्रेस विधायक वीटी बलराम और अन्य युवा कांग्रेस के कार्यक्रताओं पर बर्बर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है। इस तरह के हमलों और प्रदर्शनकारियों को घायल करने के लिए पुलिस का सहारा लेना दुखद है। हम लाठीचार्ज के कारण की उचित जांच और मंत्री केटी जलील के इस्तीफे की मांग करते हैं। (एसआईसी)'।
इस मामले पर कांग्रेस के नेता शशि थरूर और श्रीनिवास बी.वी ने घटना की तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया। ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखें |
उल्लेखनीय है कि केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील एक राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की तस्करी में उनकी कथित भागीदारी को लेकर विपक्षी दलों का विरोध झेल रहे हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एक डिप्लोमेटिक कन्साइनमेंट खेप से 30 किलोग्राम सोना जब्त करने के बाद 5 जुलाई को तस्करी का मामला सामने आया। सोने की तस्करी मामले के बारे में यहाँ और यहां पढ़ें।
हाल ही में सोने की तस्करी के मामले में केटी जलील को 17 सितंबर को एनआईए के अधिकारियों द्वारा तस्करी मामले में उनकी कथित संलिप्तता पर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जलील के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों के साथ पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शनकारियों में कांग्रेस और भाजपा की युवा इकाई युवक कांग्रेस और युवा मोर्चा के कार्यकर्ता शामिल थे।
जनसत्ता में 17 सितंबर को प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया और उल्लेख किया कि वीटी बलराम प्रदर्शनकारियों में से एक थे जो लाठीचार्ज में घायल हो गए थे।
बूम ने बलराम से संपर्क किया, उन्होंने वायरल तस्वीरों के किसान प्रदर्शन से जुड़े होने की बात को ख़ारिज किया।
बलराम ने बताया कि "यह एक सोने की तस्करी मामले में एनआईए जांच में फंसे मंत्री के इस्तीफ़े की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन की है।"
नहीं, वीडियो में दिख रहा व्यक्ति हिमालय ड्रग कंपनी का मालिक नहीं है