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फैक्ट चेक

नहीं, तस्वीर में दिख रहा युवक बिहार के गुलनाज़ ख़ातून केस का आरोपी नहीं है

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर एक अलग कथित हत्या के आरोपी की है जो जुलाई में उसी ज़िले में हुई थी।

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18 Nov 2020 8:02 AM GMT

बिहार के वैशाली ज़िले में गुलनाज़ ख़ातून पर केरोसीन डालकर ज़िन्दा जलाने के एक कथित आरोपी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है, जोकि फ़ेक है। तस्वीर में भगवा रंग की शर्ट और हाथ में भगवा झंडा लिए दिख रहे युवक को सोशल मीडिया पर हत्या के कथित तीन आरोपियों में से एक बताया जा रहा है।

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट में दिख रहा युवक गुलनाज़ ख़ातून की हत्या का आरोपी नहीं है। हालांकि उसका नाम इसी साल जुलाई में उसी ज़िले में हुई एक अन्य कथित हत्या में आया था। 

हमने वैशाली के सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस से भी बात की जिन्होंने हमें बताया कि गुलनाज़ के अभियुक्तों का कोई राजनैतिक संबंध नहीं था जैसा कि कई सोशल मीडिया पोस्टों द्वारा दावा किया गया है। एसपी ने हमें यह भी बताया कि एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है, बाक़ी की तलाश जारी है।

वैशाली ज़िले के देसरी थाने के रसूलपुर हबीब गांव में 30 अक्तूबर को कथित छेड़खानी का विरोध करने पर 20 साल की एक युवती गुलनाज़ ख़ातून को गांव के ही तीन लोगों ने केरोसिन डालकर ज़िंदा जला दिया था। घायल अवस्था में उसे हाजीपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने के चलते पीड़िता को पटना पीएमसीएच में भर्ती किया गया था, जहां 15 नवंबर को गुलनाज़ ने दम तोड़ दिया। 17 नवंबर को मामले के मुख्य आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है। पुलिस मामले में दो अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है ।

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मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब पीड़िता का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, 15 दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर चंदपुरा थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है।

इस बीच गुलनाज़ की तस्वीरें और वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर '#JusticeForGulnaz' जस्टिस फ़ॉर गुलनाज़ के साथ ट्रेंड करते हुए वायरल हो गयीं, यहां तक कि मृतक के परिवार के सदस्य भी आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "बिहार के वैशाली जिले की गुलनाज़ जिसे सतीश_कुमार और चंदन_कुमार ने शादी से इंकार करने पर अपने साथियों के साथ मिलकर मिट्टी का तेल छिड़क कर जला डाला था वह ज़िन्दगी की जंग हार गई और उनका निधन हो गया, अपराधी अभी भी आज़ाद है बलात्कारी की पहचान आप कपडे से कर सकते है।"

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें। 

फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़े पैमाने पर एक ही दावे के साथ तस्वीर वायरल है। पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें।

ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने मामले पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वैशाली के एसपी से संपर्क किया। एसपी मनीष ने बूम को बताया कि घटना के मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया है और एफ़आईआर में नामजद अन्य दो की तलाश जारी है।

एसपी ने बूम को बताया, "आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई थी। वह किसी भी राजनैतिक या सामाजिक संगठन से नहीं जुड़ा है।"

हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो 11 अगस्त, 2020 का एक ट्वीट मिला जिसमें तीन अन्य तस्वीरों के साथ ये तस्वीर भी शेयर की गयी थी, लेकिन एक अलग दावे के साथ।

मुस्लिम आवाज़ ट्विटर हैंडल ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "लोकतंत्र की धरती (वैशाली) महनार में कट्टरता के आर में एक मुस्लिम लड़की का सरेयाम घर से उठा ले जाकर उसकी हत्या कर उसके लाश को कुँए में फेंक दिया गया ! मगर अभी तक आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हुई।"

ट्वीट के साथ चार तस्वीरों का एक सेट शेयर किया गया है, जिसमें अख़बार की एक कतरन, एक लड़की की फ़ोटो, भगवा शर्ट पहने युवक की वायरल फोटो और एक कुएं के अंदर एक लड़की का शव दिखाई दे रहा है।

हमें फ़ेसबुक पर अलग कैप्शन के साथ जुलाई में शेयर की गयी वही तस्वीर मिली।

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हमने अखबार की कतरन से हिंट लेते हुए हिंदी कीवर्ड 'शाहजहां खातून की बेटी सोमी परवीन' और 'शालू कुमार सिंह' के साथ एक सर्च किया तो घटना के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स मिली।

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 19 जुलाई, 2020 को हुई जब महनार नगर परिषद की पूर्व चेयरमैन शाहजहाँ खातून की बेटी अपने घर से लापता हो गई। बच्ची का शव एक कुएं से बरामद किया गया था। मृतक के परिवार वालों ने अपने पड़ोसी अमन सिंह उर्फ शालू कुमार सिंह पर युवती की हत्या का आरोप लगाया था।

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हमने फिर फ़ेसबुक पर संबंधित कीवर्ड के साथ सर्च किया और मामले में दर्ज की गई एफ़आईआर रिपोर्ट की एक तस्वीर पाई। हमें पीड़िता के भाई मोहम्मद साबिर का मोबाइल नंबर एफ़आईआर में मिला। बूम ने मामले पर अधिक जानकारी के लिए उनसे संपर्क किया।

साबिर ने तस्वीर में दिख रहे युवक की पहचान अमन कुमार सिंह उर्फ़ शालू कुमार सिंह के रूप में की।

उसने राजपूत अमन प्रियदर्शी और शालू कुमार सिंह के नाम से दो फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल बनाए हैं। उसने मेरी बहन की हत्या की है। मैंने गुलनाज़ ख़ातून की हत्या के संबंध में उसकी (शालू सिंह) फ़ोटो देखी है, लेकिन ऐसा नहीं है - मोहम्मद साबिर

अमन उर्फ़ शालू की गिरफ़्तारी के सवाल पर साबिर ने कहा कि वह अब भी गिरफ़्त से बाहर है।

हमने महनार पुलिस से संपर्क किया पर पुलिस इंस्पेक्टर ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

हमने तब अमन कुमार सिंह के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल की तलाश की, जिसके स्क्रीनशॉट मृतक लड़की के भाई साबिर ने हमें भेजे थे। हालाँकि, हम उन प्रोफाइलों को नहीं खोज सके जिन्हें शायद डिलीट कर दिया गया है।




इसी दौरान हम 'बजरंग दल महनार' नाम के एक फ़ेसबुक पेज को ढूंढने में कामयाब रहे जहां अमन सिंह उर्फ़ शालू सिंह की एक तस्वीर शेयर की गई थी।

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हालांकि तस्वीर में दिख रहा नंबर अब सेवा में नहीं है।

बूम ने बजरंग दल महनार पेज को खंगाला और वायरल तस्वीर के बारे में अधिक जानकारी के लिए कई लोगों से संपर्क किया। हम दो लोगों से बात करने में कामयाब रहे, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल तस्वीर में अमन उर्फ़ शालू है।

बूम ने शालू के क़रीबी दोस्त सुभाष कुमार से संपर्क किया, उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि तस्वीर शालू की है और उसका गुलनाज़ मामले से कोई लेना देना नहीं है। सुभाष ने बताया कि इस मामले पर सोशल मीडिया पर उसकी (शालू) तस्वीर ग़लत तरीके से वायरल होने पर उसके पिता ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी है।

हमने फ़ेसबुक पेज बजरंग दल महनार पर शेयर की गई तस्वीर और गुलनाज़ की हत्या से जुड़े पोस्ट की तस्वीर के चेहरे की तुलना भी की। हमने पाया कि दोनों तस्वीरों के चेहरे की विशेषताओं के बीच 99.92 फ़ीसदी समानता है।


हालांकि बूम गुलनाज़ के परिवारजनों द्वारा लड़की की हत्या में अमन सिंह की भागीदारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने में असमर्थ रहा।

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