फैक्ट चेक

नहीं, ये तस्वीरें और वीडियो कोविड-19 वैक्सिन की नहीं हैं

तस्वीर और वीडियो एक झूठे दावे के साथ वायरल हो रहे हैं कि कोरोनावायरस की वैक्सिन उपलब्ध है।

By - Swasti Chatterjee | 28 March 2020 5:13 PM IST

नहीं, ये तस्वीरें और वीडियो कोविड-19 वैक्सिन की नहीं हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एक फार्मा कंपनी, रोशे को धन्यावद देते हुए कई असंबंधित तस्वीरें और वीडियो ग़लत दावों के साथ वायरल हो रहे हैं। इन तस्वीरों और वीडियो के साथ भ्रामक दावा किया जा रहा है कि घातक नोवेल कोरोनावायरस के ख़िलाफ एक वैक्सिन तैयार हो चुकी है।

वायरल व्हाट्सएप्प फॉरवर्ड में कोरिया द्वारा निर्मित COVID-19 डायग्नोस्टिक किट की तस्वीर, कोरोनावीरस परिवार पर पुराने पेटेंट के स्क्रीनशॉट और एक तेज COVID-19 टेस्ट के बारे में प्रेस को संबोधित करते हुए ट्रम्प का पहले से ही ख़ारिज किया गया वीडियो शामिल है।

यह भी पढ़ें: सेना ने बाड़मेर में नहीं बनाया 1,000 बेड वाला क्वारंटीन सुविधायुक्त अस्पताल

वायरल तस्वीरों और वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "बड़ी खबर! कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार। इंजेक्शन के बाद 3 घंटे के भीतर रोगी को ठीक करने में सक्षम। अमेरिका के वैज्ञानिकों को सलाम। अभी ट्रम्प ने घोषणा की कि रोश मेडिकल कंपनी अगले रविवार को वैक्सीन को लॉन्च करेगी और इसके लाखों खुराक तैयार हैं !!! "


कोविड-19 की टेस्ट किट की तस्वीर भी समान दावों के साथ वायरल है।

Full View

फ़ैक्टचेक

निम्नलिखित टर्म के बीच के अंतर को समझना महत्वपूर्ण है - कोरोनावायरस, नोवेल कोरोनावायरस, SARS-CoV2 या HCoV-19 और कोविड-19।

यह भी पढ़ें: नहीं, सरकार कोरोनावायरस को मारने के लिए दवा का छिड़काव नहीं कर रही है

कोरोनावायरस: वायरस का एक परिवार जो सामान्य सर्दी, गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) और मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

नोवेल कोरोनावायरस एक नया कोरोनावायरस प्रकार है जिसे HCoV-19 कहा जाता है और अब सामान्यतः SARS-CoV2 के नाम से जाना जाता है।

कोविड-19 वह रोग है जो SARS-CoV2 वायरस के कारण होता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके लिए वैक्सिन विकसित करने के लिए तेजी से शोध कर रहे हैं। ये प्रोजेक्ट अभी भी शुरूआती चरण में हैं। मानव टेस्ट कुछ संभावित टीकों के लिए शुरू हो गए हैं, लेकिन सफल होने पर उनका रोल-आउट केवल 2021 की शुरुआत तक होने का अनुमान है।

वायरल मैसेज भ्रामक है क्योंकि उस पर COVID-19 1gM / 1gG वाले बॉक्स की फोटो एक डायग्नोस्टिक टेस्ट की है न कि वैक्सीन की। एक पेटेंट का स्क्रीनशॉट पोल्ट्री में पाए जाने वाले कोरोनावायरस (मानव नहीं) के एक स्ट्रेन के लिए है, जबकि दूसरा स्क्रीनशॉट कोरोनावायरस के इलाज के लिए पेटेंट है, लेकिन वह मौजूदा स्ट्रेन नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प को दिखाने वाला वीडियो भी रोशे को कोरोनावायरस परीक्षण के लिए आपातकालीन स्वीकृति प्राप्त करने के बारे में है, न कि वैक्सीन के लिए है।

यह भी पढ़ें: हंतावायरस का डर - बातें जो आपके लिए जानना ज़रूरी हैं

कोविड-19 टेस्ट किट की तस्वीर

एक मेडिकल किट दिखाने वाली तस्वीर मूल रूप से एक डायग्नोस्टिक किट है जिसे हाल ही में दक्षिण कोरिया द्वारा विकसित किया गया था। तस्वीर कुछ छोटे पैकेट, एक ड्रॉपर, निर्देशों का एक सेट और एक बॉक्स के साथ एक पृष्ठ दिखाती है, सभी को "SGTi-Flex COVID-19 IgM / IgG" के रूप में लेबल किया गया है। बूम ने पाया कि तस्वीर नोवेल कोरोनावायरस के लिए एक टेस्ट किट है, जो दक्षिण कोरियाई चिकित्सा कंपनी सुगेंटेक द्वारा बनाई गई है। रिपोर्टों के अनुसार, टेस्ट 10 मिनट में किए जा सकते हैं। टेस्ट किट पर ज़्यादा यहाँ पढ़ा जा सकता है।

कोरोनावायरस पेटेंट के स्क्रीनशॉट


दोनो तस्वीर का दावा है कि कोरोनवायरस के ख़िलाफ टीकाकरण के पेटेंट क्रमशः 2015 और 2018 में दायर किए गए थे।

पिरब्राइट इंस्टीट्यूट के 2018 पेटेंट के स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि नोवेल कोरोनावायरस के संक्रमण का इलाज करने के लिए एक टीका पाया गया है। एक स्पष्टीकरण में, पिरब्राइट इंस्टीट्यूट ने कहा कि यह संक्रामक ब्रोंकाइटिस वायरस (IBV) पर एक कोरोनावायरस रिसर्च करता है जो मुर्गी और सूअर को संक्रमित करता है। इसका मतलब है कि यह गैर-मानव प्रजातियों में कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के लिए एक पेटेंट है। इसके पहले बूम ने इसे ख़ारिज किया था।

यह भी पढ़ें: यह पुलिस द्वारा कोविड-19 के संदिग्धों को रोकने का वीडियो नहीं बल्कि मॉक ड्रिल है

पिरब्राइट इंस्टीट्यूट वेबसाइट के स्पष्टीकरण के एक अंश में लिखा गया है, "पिरब्राइट वर्तमान में मानव कोरोना वायरस के साथ काम नहीं करता है। संस्थान के पास पेटेंट नंबर 10130701 है जो कोरोनावायरस के एक क्षीण (कमजोर) रूप के विकास को कवर करता है जो संभवतः पक्षियों और अन्य जानवरों में श्वसन रोगों को रोकने के लिए एक वैक्सीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह से फ्लू से लेकर पोलियो तक कई टीके बनाए जाते हैं। हमने अभी तक एक आईबीवी वैक्सीन विकसित नहीं की है, लेकिन शोध जारी है।"

लुडविग मैक्सिमिलियंस यूनिवर्सिटी द्वारा पेटेंट


म्युनिक के लुडविग मैक्सिमिलियन्स यूनिवर्सिटी द्वारा दूसरे पेटेंट का स्क्रीनशॉट मूल रूप से मई, 2015 में दर्ज़ किया गया था। यह पेटेंट कोरोनावायरस के बड़े परिवार पर केंद्रित है। पेटेंट के एक अंश में लिखा है, "जैसा कि यहां इस्तेमाल किया गया है" कोरोनावायरस संक्रमण "का अर्थ है एक संक्रमण, जिसमें एक मरीज संक्रमित होता है, जिसमें कोरोनावायरस वायरस होता है, जिसमें मानव कोरोनावायरस HCoV-NL63, HCoV-OC43, HCoV-229E, HCoV-HKU1, SARS-CoV (सेवर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम-कोरोना वायरस), और CoV MERS (मध्य पूर्व रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वायरस, जिसे पहले "EMC" कहा जाता है) शामिल हैं।

इस पेटेंट में- HCoV-19 या SARS-CoV2 COVID-19 के लिए जिम्मेदार वायरस के लिए इलाज शामिल नहीं है (पेटेंट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)।

बूम ने पहले ही पेटेंट आवेदकों में से एक अल्ब्रेक्ट वॉन ब्रून से संपर्क किया है, यदि वह जवाब देते है तो लेख को अपडेट किया जाएगा।

रोशे डायग्नोस्टिक्स के प्रेसिडेंट को धन्यवाद देते हुए ट्रम्प का वीडियो

वायरस के लिए डायग्नोस्टिक ​​परीक्षण को रोल आउट करने के लिए आपातकालीन स्वीकृति प्रदान करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) को धन्यवाद देते हुए रोशे डायग्नोस्टिक्स (उत्तरी अमेरिका) के प्रेसिडेंट और सीईओ, मैथ्यू सोज का वीडियो भी वायरल मैसेज में शामिल है। बूम से सबसे पहले फ़ैक्टचेक करते हुए बताया था कि कंपनी को वायरस के लिए एक निदान टेस्ट रोल करने के लिए आपातकालीन अनुमति दी गई थी ना कि वैक्सीन के लिए स्वीकृति नहीं दी गई है।

यह भी पढ़ें: यह पुलिस द्वारा कोविड-19 के संदिग्धों को रोकने का वीडियो नहीं बल्कि मॉक ड्रिल है

Tags:

Related Stories