पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री का चीन में मस्जिद में प्रार्थना करने वाला 2015 का वीडियो झूठे दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग कोरोनावायरस से सुरक्षा के लिए एक मस्जिद में प्रार्थना कर रहे हैं।
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) लोगो के साथ वायरल वीडियो में एक मस्जिद में पुरुषों के एक समूह को प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है। साथ ही बैकग्राउंड में 'अस-सलाम-अलैकुम' के अरबी अभिवादन को सुना जा सकता है। वायरल वीडियो को व्हाट्सएप्प और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैप्शन के साथ फैलाया जा रहा है, जिसमें लिखा है:"कुरान को अपनी तरह से अनुवाद करने की बात कहने वाले चीन के पीएम ने महसूस किया कि कोरोना वायरस से बचाने का एकमात्र तरीका अल्लाह को 'सजदा' करना है और वे प्रार्थना करने के लिए मस्जिद गए, माशा अल्लाह ...।"
यह भी पढ़ें: क्या ब्रॉइलर मुर्गियों में पाया गया है कोरोनावायरस?
कैप्शन में हालिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया गया है कि चीन 'समाजवादी विचारधारा को प्रतिबिंबित करने के लिए' बाइबल और कुरान को फिर से लिखेगा।
फ़ेसबुक पर इसे विभिन्न पेजों के माध्यम से हजारों बार देखा गया है।
फ़ेसबुक अर्काइव पोस्ट यहां देखें।
13 हज़ार फॉलोअर्स वाले एक पेज ने भी यह वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया है।
फ़ेसबुक पर वीडियो यहां देखें और अर्काइव पोस्ट यहां देखें।
हमें बूम हेल्पलाइन नंबर (+91 7700906111) पर भी यह वीडियो मिला जिसमें इसकी सच्चाई के बारे में पूछा गया है।
China PM who told we'll translate the Quran as our own, realised that the only one way to protect from the Corona virus is doing 'sajtha' to Allah and went to mosque to pray, Masha Allah.... pic.twitter.com/5zS3u2m8wO
— Maheen (@Maheen83086711) February 2, 2020
ट्वीट अर्काइव यहां देखें।
यह भी पढ़ें: फ्लोरिडा में चमगादड़ों के एक वीडियो को कोरोना वायरस के श्रोत के रूप में किया वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वीडियो 2015 का है और तत्कालीन मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी को चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान देश की एक मस्जिद में दिखाया गया है। वीडियो में वर्तमान प्रधानमंत्री को नहीं दिखाया गया है।
बूम ने वीडियो के कीफ़्रेम का विश्लेषण किया और वायर न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अर्काइव की ठीक से जांच की और पाया कि यह वीडियो जुलाई 2015 में उनके आधिकारिक चैनल पर अपलोड किया गया था।
यह भी पढ़ें: मलेशियाई सुपरमार्केट में महिला की मौत हार्ट फेल से हुई, कोरोनावायरस से नहीं
वीडियो के वर्णन में लिखा गया है, "पैन मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी मस्जिद में गए।" वीडियो में यात्रा की कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा गया, "चीन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी ने बीजिंग की नान ज़िया पो मस्जिद का दौरा किया और शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लिया। मस्जिद चीन के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक है और किंग राजवंश के दौरान लगभग तीन सौ साल पहले बनाया गया था। "
नीचे एपी वीडियो देखें:
अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उस समय मलेशिया के प्रधान मंत्री, अब्दुल्ला अहमद बदावी, अपनी यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लेने के लिए बीजिंग की नान ज़िया पो मस्जिद गए थे।बदावी ने तीन सौ साल पुरानी मस्जिद का दौरा किया और यहां तक कि इमाम जांग वान चुन से भी मुलाकात की।
इस वायरस के संक्रमण के चलते सोशल मीडिया पर भी कई फ़र्ज़ी दावे किये गए जिसे बूम ने खारिज किया है, आप नीचे फ़र्ज़ी दावों पर लेखों की थ्रेड देख सकते हैं|
#Thread🚨: Since the outbreak of #CoronaVirus, we have debunked #FakeNews around the novel Coronavirus. A WhatsApp forward is viral falsely claiming @MoHFW_INDIA has issued an emergency notification. (1/n) #CoronaVirusFacts @WHO https://t.co/0lbBu7FIfO
— BOOM FactCheck (@boomlive_in) January 30, 2020