HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

नहीं, चीनी पीएम ने कोरोनावायरस से बचने के लिए मस्जिद का दौरा नहीं किया

बूम ने पाया कि वीडियो 2015 का है जब मलेशियाई प्रधान मंत्री ने चीन की यात्रा की थी।

By - Arunima | 5 Feb 2020 11:56 AM GMT

पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री का चीन में मस्जिद में प्रार्थना करने वाला 2015 का वीडियो झूठे दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग कोरोनावायरस से सुरक्षा के लिए एक मस्जिद में प्रार्थना कर रहे हैं।

एसोसिएटेड प्रेस (एपी) लोगो के साथ वायरल वीडियो में एक मस्जिद में पुरुषों के एक समूह को प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है। साथ ही बैकग्राउंड में 'अस-सलाम-अलैकुम' के अरबी अभिवादन को सुना जा सकता है। वायरल वीडियो को व्हाट्सएप्प और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैप्शन के साथ फैलाया जा रहा है, जिसमें लिखा है:"कुरान को अपनी तरह से अनुवाद करने की बात कहने वाले चीन के पीएम ने महसूस किया कि कोरोना वायरस से बचाने का एकमात्र तरीका अल्लाह को 'सजदा' करना है और वे प्रार्थना करने के लिए मस्जिद गए, माशा अल्लाह ...।"

यह भी पढ़ें: क्या ब्रॉइलर मुर्गियों में पाया गया है कोरोनावायरस?

कैप्शन में हालिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया गया है कि चीन 'समाजवादी विचारधारा को प्रतिबिंबित करने के लिए' बाइबल और कुरान को फिर से लिखेगा।

फ़ेसबुक पर इसे विभिन्न पेजों के माध्यम से हजारों बार देखा गया है।

Full View


Full View

फ़ेसबुक अर्काइव पोस्ट यहां देखें

13 हज़ार फॉलोअर्स वाले एक पेज ने भी यह वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया है।

Full View

फ़ेसबुक पर वीडियो यहां देखें और अर्काइव पोस्ट यहां देखें

हमें बूम हेल्पलाइन नंबर (+91 7700906111) पर भी यह वीडियो मिला जिसमें इसकी सच्चाई के बारे में पूछा गया है।



ट्वीट अर्काइव यहां देखें

यह भी पढ़ें: फ्लोरिडा में चमगादड़ों के एक वीडियो को कोरोना वायरस के श्रोत के रूप में किया वायरल

फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि वीडियो 2015 का है और तत्कालीन मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी को चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान देश की एक मस्जिद में दिखाया गया है। वीडियो में वर्तमान प्रधानमंत्री को नहीं दिखाया गया है।

बूम ने वीडियो के कीफ़्रेम का विश्लेषण किया और वायर न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अर्काइव की ठीक से जांच की और पाया कि यह वीडियो जुलाई 2015 में उनके आधिकारिक चैनल पर अपलोड किया गया था।

यह भी पढ़ें: मलेशियाई सुपरमार्केट में महिला की मौत हार्ट फेल से हुई, कोरोनावायरस से नहीं

वीडियो के वर्णन में लिखा गया है, "पैन मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी मस्जिद में गए।" वीडियो में यात्रा की कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा गया, "चीन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी ने बीजिंग की नान ज़िया पो मस्जिद का दौरा किया और शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लिया। मस्जिद चीन के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक है और किंग राजवंश के दौरान लगभग तीन सौ साल पहले बनाया गया था। "

नीचे एपी वीडियो देखें:

Full View

अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उस समय मलेशिया के प्रधान मंत्री, अब्दुल्ला अहमद बदावी, अपनी यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लेने के लिए बीजिंग की नान ज़िया पो मस्जिद गए थे।बदावी ने तीन सौ साल पुरानी मस्जिद का दौरा किया और यहां तक कि इमाम जांग वान चुन से भी मुलाकात की।

इस वायरस के संक्रमण के चलते सोशल मीडिया पर भी कई फ़र्ज़ी दावे किये गए जिसे बूम ने खारिज किया है, आप नीचे फ़र्ज़ी दावों पर लेखों की थ्रेड देख सकते हैं|


Related Stories