पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले के एक मंदिर में देवी काली की जली हुई एक मूर्ति की तीन तसवीरें वायरल हो रही हैं | इस मामले को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देने कि कोशिश की जा रही है |
बूम ने मुर्शिदाबाद पुलिस से बात की जिन्होंने मामले में कोई भी सांप्रदायिक कोण के होने से इंकार करते हुए हादसे का कारण शार्ट सर्किट बताया है |
यह हादसा 31 अगस्त 2020 को मुर्शिदाबाद के आलमपुर इलाके में हुए था जहाँ नीमतला कालीमंदिर में काली की प्रतिमा ने आग पकड़ ली थी | तसवीरें प्रतिमा के जलने से पहले और बाद की स्थिति दिखाती हैं | इसके साथ नेटिज़ेंस दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंदिर और मूर्ति को नष्ट किया है |
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पश्चिम बंगाल यूनिट के वाईस प्रेजिडेंट अर्जुन सिंह ने तीनों तस्वीरों को ट्वीट करते हुए एक समुदाय विशेष पर निशाना साधा है |
उन्होंने लिखा: "दीदी की राजनीति की जिहादी प्रकृति अब हिंदू धर्म और संस्कृति को नष्ट करने पर तुली हुई है। देखें कि कैसे एक धार्मिक समूह ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके में एक मंदिर पर हमला किया और एक मंदिर को नष्ट कर दिया। शर्मनाक।"
The jihadi nature of Didi's politics is now hell bent on destroying Hindu religion and culture.
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) September 1, 2020
See how one religious group has attacked and destroyed a temple and burned the idol of Maa Kali in Murshidabad area of West Bengal.
Shameful. pic.twitter.com/lTnyiV9ctV
यह तसवीरें फ़ेसबुक पर भी वायरल हैं | फ़ेसबुक पर कैप्शन है: "पश्चिम बंगाल में जिहादियों ने मां काली की मूर्ति को जला दिया। सिर्फ मां काली ही नहीं बल्कि 130 करोड़ हिंदुओं के दिल भी जल चुके हैं # MamtaBanerjee"
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मामले में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है: मुर्शिदाबाद पुलिस
सिंह के ट्वीट के जवाब में मुर्शिदाबाद पुलिस ने नीमतला कालीमंदिर के सेक्रेटरी - सुखदेव बाजपाई - का एक लेटर पोस्ट किया है | हालांकि ये ट्विटर हैंडल सत्यापित नहीं है |
As stated by mandir committee it was a fire accident. Temple authorities are taking necessary action. Local police and administration coordinating.
— Murshidabad Police (@MurshidabadPol1) September 1, 2020
Do not share to anyone without verifying personally.
You may contact mandir committee for further details. pic.twitter.com/YTZJFwjWiE
लेटर के कुछ अंश का अनुवाद है: "मंदिर में रखी मूर्ति ने 31 अगस्त की रात में आग पकड़ ली | मंदिर के पदाधिकारियों को ज्ञात है कि इलाके के हिन्दू और मुस्लिम सामंजस्यपूर्ण रिश्ता रखते हैं | वह ऐसे किसी भी सांप्रदायिक द्वेष को ख़ारिज करते हैं जिससे ऐसी कोई घटना हो |"
बाजपाई का पत्र आगे यह भी कहता है कि ना तो मंदिर का ताला टुटा और ना ही कुछ चोरी हुआ है | यह केवल एक दुर्घटना है |
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"यह एक दुर्घटना हो सकती है पर कुछ लोग इसे साम्प्रादायिक बनाना चाहते हैं... सबसे निवेदन है.... माहौल को तनावपूर्ण न बनाएं और ऐसा कुछ न करें जिससे तनाव बढे," पत्र कहता है |
बूम ने अलग से सुखदेव बाजपाई से भी बात की |
"इलाका मुस्लिम बहुसंख्यक है | पर यहाँ 312 हिन्दू परिवार हैं | हम सभी शांतिपूर्वक रह रहे हैं और यह केवल एक दुर्घटना है जो शार्ट सर्किट की वजह से हो सकती है," बाजपाई ने बताया |
बाजपाई ने बूम को तस्वीर भी भेजी जिसमें मंदिर का ताला सही सलामत है | इसके बाद हमनें नौदा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर मृणाल सिन्हा से भी बात की जिन्होंने बाजपाई की बात कि पुष्टि की है |
सिन्हा ने कहा, "यह एक दुर्घटना है जो शार्ट सर्किट की वजह से हुई है और इसमें कोई भी साम्प्रदायिक कोण नहीं है | यह एक शांत इलाका है जहाँ दोनों समुदाय के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं |"
पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह पर ट्वीट के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की है |
अतिरिक्त रिपोर्टिंग: स्वास्ति चटर्जी
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