मौत के मुंह से वापस लौटा इंसान? जी नहीं, वायरल दावे फ़र्ज़ी हैं
बूम ने वीडियो में 'मौत के मुँह से वापस' आने वाले शख्स से बात कर के इस वायरल वीडियो का सच पता लगाया
आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि 'जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय' | अब उसी तर्ज़ पर एक फ़ेक न्यूज़ भी वायरल है | घटना राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले में स्थित महेंद्रगढ़ गांव से है | वीडियो वायरल होने के साथ साथ 'अत्यंत चमत्कारी' भी प्रतीत होता है | एक अर्थी है, उसे घेर के खड़े लोग हैं और साथ में है अर्थी पर लेट कर मंद मंद मुस्कुराता एक व्यक्ति |
पोस्ट के साथ दावा ये है कि भीलवाड़ा के 'रतन लाल जी मरने के छह घंटे बाद दोबारा जीवित हो गए | सुनने में ये भले ही अद्भुत, अकल्पनीय लगता हो पर बूम ने पता लगाया की ये फ़र्ज़ी खबर है |
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि यह एक विज्ञापन की शूटिंग थी और इसी सिलसिले में हमने मृत व्यक्ति का अभिनय कर रहे रतन खटीक से बात भी की जिन्होंने वायरल दावों को ख़ारिज किया है |
वायरल क्लिप में एक अर्थी दिखाई देती है जिसे शमशान घाट के बाहर ही रोका गया है | भीड़ वीडियो रिकॉर्ड कर रही है | पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है 'रतन लाल जी बूलीवाल गांव महेंद्रगढ़ तहसील सहाड़ा जिला भीलवाड़ा जीन का आज देहांत हो गया था और 6 घंटे बाद श्मशान घाट पहुंचने पर वापीस जीवित हो गए आज का यह चमत्कार हकीकत सच्चा है न जाने भगवान की क्या लीला है 2020 में क्या क्या देखने को मिलेगा पता नहीं...बधाई हो.... जय श्री कृष्णा' |
क्या गुंजन सक्सेना को फ़िल्म में शौर्य चक्र विजेता बताया गया है?
नीचे ऐसे ही कुछ पोस्ट्स देखें | इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
यही वीडियो ट्विटर पर भी वायरल है |
मानसिक रूप से बीमार आदमी का वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ किया जा रहा है शेयर
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस वीडियो के कमैंट्स को पढ़ा तो कुछ ऐसे कमैंट्स भी मिले जिसमें 'भीलवाड़ा हलचल' नामक एक स्थानीय न्यूज़ पोर्टल का स्क्रीनशॉट दिखा |
इस कमेंट से संकेत लेते हुए हमने भीलवाड़ा हलचल के रिपोर्टर प्रेम कुमार गढ़वाल से संपर्क किया | बूम से बात करते हुए गढ़वाल ने कहा, "यह वायरल दावे फ़र्ज़ी हैं, विज्ञापन किसी सरकारी योजना के तहत शूट किया गया था |"
गढ़वाल ने बूम को ये भी बताया की वो शूटिंग के वक़्त मौके पर मौजूद नहीं थे | उन्होंने हमें महेंद्रगढ़ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश सरगरा से संपर्क करने को कहा | मुकेश ने बूम को बताया, "मैं इस विज्ञापन के शूटिंग के वक़्त वहीँ था | वायरल हो रहे सारे दावे फ़ेक न्यूज़ है |"
दावे मज़ाक मज़ाक में किये गए थे जो इतने वायरल हो गए - रतन खटीक, मृत व्यक्ति का अभिनय करने वाले स्थानीय किसान
बूम ने सरगरा की मदद से वीडियो में मृत व्यक्ति का अभिनय करने वाले रतन खटीक से भी बात की है | खटीक ने बूम से बताया की यह जागरूकता फ़ैलाने के लिए बनाई गयी एक वीडियो थी जिसमें मैंने मृत व्यक्ति का अभिनय किया है | लोगों ने मज़ाक मज़ाक में इसे पोस्ट करदिया और वह वायरल हो गया |
"समाज के कुरीति-रिवाज ख़त्म करने के ऊपर यह वीडियो बनाई गयी थी | इसका मकसद था कि जब किसी व्यक्ति की मौत होती है या यूँ भी महिलाएं बाहर नहाती हैं तो उनकी गोपनीयता खतरे में होती है | इसी मुद्दे पर यह वीडियो था | दावे मज़ाक-मज़ाक में किये गए थे जो इतने वायरल हो गए," खटीक ने कहा |
"मैं एक किसान हूँ और मनरेगा वगैरह में भी काम करता हूँ | यह रोल मुझे ग्राम पंचायत की ओर से मिला था जो स्वछता अभियान सम्बंधित कोई वीडियो बना रहे थे," उन्होंने आगे बताया |
इसके बाद भीलवाड़ा की इस घटना पर न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगालने पर हमें दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली |
रिपोर्ट में लिखा है, "सिनेमैटाेग्राफर देव पाटिल ने लाेगाें से अपील की है कि वे घटना की सत्यता जाने बिना एड शूट के इस वीडियाे काे मजाक के ताैर पर भी वायरल नहीं करें।"