नहीं, तस्वीर में दिख रही महिला भाजपा नेता कपिल मिश्रा की बहन नहीं है
बूम ने पाया कि तक़रीबन चार साल पुरानी ये तस्वीर एक नवविवाहित जोड़े की है जो कर्नाटका के मांड्या से हैं
नवविवाहित जोड़े की एक तस्वीर इंटरनेट पर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है जिसमें उन्हें भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा की बहन से जोड़ा जा रहा है | दावा है कि मिश्रा की बहन ने एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली है |
बूम ने कपिल मिश्रा से संपर्क किया जिन्होंने इन वायरल दावों को ख़ारिज किया है | हमनें वायरल हो रही तस्वीर को भी ट्रेस किया और पाया कि यह 2016 में हुई एक शादी से है | यह शादी एक हिन्दू लड़की और एक मुस्लिम लड़के की थी जो कर्नाटक में हुई थी |
दो अलग धर्मों को मानने वालों के बीच हुई इस शादी पर कई मीडिया रिपोर्ट्स छपी थीं |
हालांकि अब इस तस्वीर के साथ एक फ़र्ज़ी कैप्शन भी वायरल है: दिल्ली दंगे भड़काने वाले कपिल मिश्रा की बहन ने की एक मुसलमान लड़के शहज़ाद अली से शादी |
दिल्ली दंगे: मोहम्मद शाहरुख़ की पहचान को कैसे फ़र्ज़ी सूचनाओं ने धुंधला किया
यह फ़र्ज़ी दावें बीजेपी नेता के दिल्ली दंगों में कथित अहम् भूमिका पर निशाना साधते हुए किये गए हैं | इस साल के फ़रवरी महीने में हुए इन दंगों में तकरीबन 53 लोगों की मौत हुई थी |
दिल्ली के मौजपुर इलाके में मिश्रा ने 23 फ़रवरी 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के समर्थन में प्रदर्शन किया था | यहीं पर मिश्रा ने एक पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में कहा था, "...दिल्ली में आग लगी रहे ये यही चाहते हैं इसलिए इन्होंने (शाहीन बाग़ प्रदर्शकारी) रास्ते बंद किये इसीलिए दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं | हमारी तरफ से एक भी पत्थर नहीं चला है | डीसीपी साहब हमारे सामने खड़े हैं | मैं आप सबके बीहाफ में यह बात कह रहा हूँ ट्रम्प के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं | लेकिन उसके बाद हम आपकी [डीसीपी] की भी नहीं सुनेंगे यदि रास्ते खाली नहीं हुए तो...ट्रम्प के लौट कर जाने तक आप चाँद बाग़ और जफराबाद खाली करवा दीजिये ऐसी आपसे [डीसीपी] विनती है वरना हमें लौट कर आना पड़ेगा... भारत माता की जय..."
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स यहाँ और यहाँ देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
यही तस्वीर, एक ऑडियो ट्रैक के साथ, बूम को अपने टिपलाइन पर भी प्राप्त हुआ है |
कपिल मिश्रा के समर्थक की तस्वीर ग़लत दावे के साथ वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा से बात की जिन्होंने वायरल हो रहे इन दावों को ख़ारिज करते हुए कहा, "वायरल हो रहे दावे फ़ेक न्यूज़ हैं और किसी अंजान लड़की की तस्वीर मेरी बहन के रूप में वायरल की गयी है |"
"मेरी तीन बहनें हैं जिनमें से दो शादीशुदा है और एक अविवाहित है | किसी ने भी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं की है," मिश्रा ने आगे कहा |
तस्वीर कहाँ से है?
बूम ने इसके बाद वायरल तस्वीर के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि 2016 में इसी जोड़े की तस्वीर एक अलग कोण के साथ मंगलौर टुडे नामक वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी |
यह रिपोर्ट एक हिन्दू महिला के मुस्लिम लड़के से शादी के बारे में थी | न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार, अशिता बाबू और शकील अहमद, दोनों मांड्या, कर्नाटक, के रहने वाले थे जिन्होंने 12 साल के प्रेम सम्बन्ध के उपरान्त 17 अप्रैल 2016 को शादी की थी |
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के हिसाब से उनके परिवार वाले पहले तो राज़ी नहीं थे पर बाद में वो शादी के लिए राज़ी हो गए थे | रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अशिता बाबू ने शादी से पहले इस्लाम अपनाया था और बाद में अपना नाम शाइस्ता सुल्ताना रख लिया था |
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस शादी को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था जब प्रो-हिन्दू संस्थाएं जैसे विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे लव जिहाद का मामला बताया |
नीचे एन.डी.टी.वी. की वीडियो रिपोर्ट देखें |
यह शादी आखिरकार मैसूरु में 17 अप्रैल 2016 को पुलिस प्रोटेक्शन में पूरी हुई थी | यहाँ और पढ़ें |
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