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फैक्ट चेक

नाइजीरिया में सुशांत के लिए न्याय की मांग करती यह तस्वीर फ़र्ज़ी है

बूम ने पाया कि मूल प्लेकार्ड्स नाइजीरियाई लोगों को विवादास्पद पुलिस इकाई सार्स के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए दिखाते हैं।

By - BOOM FACT Check Team | 24 Oct 2020 1:29 PM IST

नाइजीरिया के लोगों को 'जस्टिस फॉर सुशांत' प्लेकार्ड के साथ दिखाने वाली एक तस्वीर वायरल हो रही है, जो कि फ़र्ज़ी है और एडिट करके बनायी गयी है। असल तस्वीर नाइजीरिया की कुख्यात पुलिस इकाई SARS (स्पेशल एंटी रॉबरी स्क्वाड) के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध दर्शाती है।

34 वर्षीय अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून, 2020 को मुंबई में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। राजपूत की अप्रत्याशित मौत को मुंबई पुलिस ने आत्महत्या क़रार दिया था। हालांकि बड़े पैमाने पर सुशांत की संदेहास्पद मौत को साजिशन हत्या के तौर पर पेश किया गया था। इस घटना को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ग़लत जानकारी का चारा बना दिया गया। मामले की जांच अब  सीबीआई द्वारा की जा रही है।

इस एडिटेड तस्वीर में तीन व्यक्तियों को दिखाया गया है- एक महिला और दो पुरुष – जो तख्तियों के पीछे बैठे हैं। इन प्लेकार्ड्स पर 'जस्टिस फॉर सुशांत एंड किल नेपोटिज़्म', 'जस्टिस फॉर सुशांत' और 'वी वांट जस्टिस, आरआईपी' लिखा हुआ है। जबकि पीछे बैकग्राउंड में 'नाइजीरिया पुलिस' की एक पुलिस वैन को प्रमुखता से देखा जा सकता है।

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फ़र्ज़ी तस्वीर ख़ासतौर पर ट्विटर और फ़ेसबुक पर 'जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत' जैसे ग्रुप्स के बीच घूम रही है।

पोस्ट का आर्काइव यहां देखें 

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फ़ैक्ट चेक 

वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर पता चलता है कि तस्वीर में बदलाव किया गया है। गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर हमें सीएनएन के एक आर्टिकल में यह तस्वीर मिलती है। लेख के मुताबिक़ नाइजीरिया में बड़े पैमाने पर विशेष पुलिस इकाई 'सार्स' की क्रूरता के ख़िलाफ़ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उसी दौरान यह तस्वीर ली गयी थी।

द एंड सार्स अभियान ने पिछले एक पखवाड़े में सार्स के मानवाधिकार हनन के ख़िलाफ़ सड़कों पर नाइजीरियाई लोगों के विरोध ने गति पकड़ ली है। दस्ते को उत्पीड़न, यातना, जबरन वसूली और हत्याओं के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि नाइजीरियाई लोग सार्स के ख़िलाफ़ सालों से विरोध कर रहे हैं, नाइजीरियाई लोगों के विरोध की एक नई लहर अक्टूबर में शुरू हुई थी।


सीएनएन के लेख में तस्वीर का एक छोटा संस्करण प्रकाशित किया गया था- 'नाइजीरिया ने बर्बरता की आरोपी विवादास्पद पुलिस इकाई को भंग कर दिया'

मूल तस्वीर सार्स के ख़िलाफ़ तख्तियां दिखाती है - '#SARS प्राधिकृत अपराधी हैं', '# रिफॉर्म पुलिस सार्स को भंग करो' और '# अपराधी के दोषी पाए जाने तक उसकी गरिमा है'।

स्टॉक फोटो वेबसाइट – तस्वीर में पायस उटोमी एक्पी के लिए एएफ़पी और गेटी इमेज का वॉटरमार्क है।

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'नाइजीरिया' 'सार्स' और 'विरोध' के कीवर्ड के साथ सर्च करने पर हमें प्रदर्शन से सम्बंधित तस्वीर मिली। गेटी इमेजेज़ की वेबसाइट पर मूल तस्वीर देखने के लिए यहां क्लिक करें।

तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, "9 अक्टूबर, 2020 को इकेजा में सरकारी भवन के सामने सड़क पर पुलिस ट्रक के पास बैठकर विवादस्पद पुलिस इकाई को बर्ख़ास्त करने की मांग को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया। नाइजीरिया के शीर्ष पुलिस प्रमुख ने विवादास्पद एंटी-रॉबरी इकाई और अन्य विशेष एजेंटों को बढ़ती बाधाओं और दुर्व्यवहार के आरोपों पर स्टॉप-एंड-सर्च ऑपरेशन पर प्रतिबंध लगा दिया। पुलिस महानिरीक्षक मुहम्मद अदामू ने कहा कि फ़ेडरल स्पेशल एंटी-रॉबरी स्क्वाड (FSARS) ) और अन्य सामरिक दस्तों को "तत्काल प्रभाव से" इस तरह के संचालन को रोकना चाहिए। अदामू ने कहा कि निर्णय ने निष्कर्ष निकाला कि "अंडरकवर टैक्निकल स्क्वॉड के "कुछ कर्मियों" ने "सभी प्रकार की ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए" अपने पद का दुरुपयोग किया है।


11 अक्टूबर, 2020 को नाइजीरिया के पुलिस बल ने घोषणा की कि सार्स को भंग कर दिया जाएगा, लेकिन अधिकारियों को अन्य पुलिस इकाईयों में फ़िर से नियुक्त किया जाएगा।

नहीं, यह तस्वीर उस शिक्षक की नहीं है जिनका फ़्रांस में सर कलम किया गया है

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