फैक्ट चेक

गुजरात: ज़बरदस्ती 'थूक' चटवाने का वीडियो फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावों के साथ किया गया वायरल

बूम ने पड़ताल में सूरत पुलिस से यह जाना की इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था और झगड़ा लॉकडाउन के नीयमों का उल्लंघन करने के कारण हुआ था

By - Anmol Alphonso | 1 Jun 2020 8:29 PM IST

गुजरात: ज़बरदस्ती थूक चटवाने का वीडियो फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावों के साथ किया गया वायरल

सूरत, गुजरात से एक परेशान कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे की पिटाई कर उससे ज़बरन एक वाहन के बोनट पर थूक कर चाटने को मज़बूर कर रहा है । इस वीडियो को ग़लत सांप्रदायिक कोण देकर वायरल किया जा रहा है।

बूम ने सूरत पुलिस से बात कर यह पता लगाया है की इस घटना में आरोपी एवं पीड़ित, दोनो ही मुसलमान है और यह घटना सांप्रदायिकता से जुड़ी हुई नहीं है ।

इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति दूसरे को हिंसक तरीक़े से धक्का देता और पीटता नज़र आ रहा है और दूसरा व्यक्ति उसे छोड़ देने का निवेदन कर रहा है । इसके बाद आरोपी वहाँ पार्क किए हुए एक वाहन के बोनट पर थूकता है और पीड़ित से ज़बरदस्ती थूक चटवाता है।

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यह क्लिप के साथ जो सांप्रदायिक कैप्शन शेयर किया जा रहा है वह कहता है की पीड़ित व्यक्ति की पीटाई एक हिंदू द्वारा की जा रही है जो उसके रमज़ान के उपवास को तुड़वाने के लिए उससे थूक चटवा रहा है । इस वीडियो का दावा हाल ही में समाप्त हुए रमज़ान के महीने से जोड़ा जा रहा है जब मुसलमान ईद उल फ़ितर तक एक महीना उपवास करते हैं।

अंग्रेजी में कैप्शन कुछ ऐसा है "A Muslim man being forced to lick a #Hindu's spit. Most probably to break his Ramadan fast. Vehicle's windshield reveals that the incident is from Surat"

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फ़ेसबुक पर भी वायरल

हमने कैप्शन से सर्च करने पर पाया की यही वायरल वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ साझा किया जा रहा है।

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दिल्ली के हर पखवाड़े प्रकाशित होने वाले न्यूज़पेपर द मिली गज़ेटे ने भी इस वायरल वीडियो को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया था किंतु बाद में उन्होंने कैप्शन अप्डेट कर दिया जिस में लिखा था कि यह घटना अप्रैल 2020 की है।


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पहले शेयर किया गया फ़र्ज़ी दावे का कैप्शन नीचे देखें।


फ़ैक्ट चेक

बूम ने पड़ताल में पता लगाया की यह घटना सूरत में हुई थी जब पीड़ित को आरोपी ने कोविड-19 लॉकडाउन के चलते शहर में बाहर घूमता पाया । सूरत पुलिस ने सभी सांप्रदायिक दावों को ख़ारिज़ करते हुए कहा की यह वीडियो 6 अप्रैल का है जो रमज़ान के महीने के कई हफ़्ते पहले की बात है।

वीडियो से सुराग़ उठाकर हमने जब कीवर्ड सर्च किया तब हमें इस घटना के कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिले जिनके अनुसार यह घटना सूरत के लिंबायत क्षेत्र की है।

एबीपी न्यूज़ के गुजराती न्यूज़ चैनल एबीपी अस्मिता ने 8 अप्रैल 2020 को इस घटना की रिपोर्टिंग थी और आरोपी का नाम सलमान बताया था और यह भी कहा था कि उसका गिरफ़्तार होना अभी बाक़ी है ।

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हमने फिर लिंबायत पुलिस से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया की आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है और इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है और दोनो व्यक्ति (आरोपी और पीढ़ित) एक ही समुदाय से संबंधित थे।

लिंबायत पुलिस स्टेशन के इन्स्पेक्टर वी एम मकवाना ने इस बात की पुष्टि कर बताया कि यह वीडियो 6 अप्रैल 2020 का है और आरोपी को सलमान जान मोहम्मद अंसारी (23) के नाम से एवं पीड़ित को असलम अब्दुल सलाम अंसारी (25) के नाम से पहचाना गया है । उन्होंने हमें यह भी बताया की यह वायरल वीडियो आरोपी के साथ आए एक नाबालिग़ ने फिल्माया था ।

हेड कॉन्स्टेबल अजित छत्र सिंह, जो की इन्वेस्टिगेशन टीम का एक हिस्सा थे, ने बूम को बताया "पीड़ित बाज़ार गया हुआ था जब आरोपी ने लॉकडाउन तोड़ने के लिए उससे झगड़ा किया । आरोपी ने फिर पीड़ित पर हमला किया और ग़ुस्से में आकर उस से अपनी थूक चटवायी ।" सिंह ने आगे बताया की पुलिस ने अपनी जाँच पड़ताल वीडियो वायरल होने के पश्चात की और 10 अप्रैल को आरोपी की पहचान सलमान अंसारी के तौर पर की । "वीडियो के वायरल होने के बाद, हमने पीड़ित का पता लगाया ताकि वह एक एफ आइ आर दर्ज कर सके।" सिंह ने कहा।

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पीड़ित अंसारी द्वारा फ़ाइल की गयी एफ आइ आर बूम ने प्राप्त की । अंसारी के अनुसार 6 अप्रैल को दवाई लाने बाहर निकला था जब उसे दो अनजान लोगों ने रोका और फिर आरोपी ने उसे गालियाँ दी और मारना शुरू किया। इसके बाद उसे अपनी थूक चाटने पर मजबूर किया।

इस घटनाक्रम की पुष्टि करने हेतु बूम पीड़ित से संपर्क नहीं कर पाया।


एफ आइ आर में आरोपी के एक साथी का भी नाम है जो लिंबायत पुलिस के अनुसार एक नाबालिग़ है। इसने वीडियो रिकॉर्ड किया था।

टीवी9 गुजराती ने भी 8 अप्रैल 2020 को इस घटना की रिपोर्टिंग की है। 

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