हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बीते दिनों केंद्र सरकार के नए कृषि बिल के विरोध में हुए किसानों के प्रदर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस बीच किसान आंदोलन की तस्वीरें बताकर कुछ पुरानी तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं। वायरल तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि आंदोलन में शामिल किसानों पर पुलिस लाठी चला रही है। तस्वीर में पुलिस को लाठीचार्ज करते देखा जा सकता है।
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर फ़र्जी दावे के साथ शेयर की जा रही हैं। यह तस्वीर दो साल पहले हरियाणा के भिवानी में हुए रोडवेज कर्मचारियों के प्रदर्शन की हैं जिसमें पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश कर रहें हैं ।
ट्विटर पर एक यूज़र ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि "जिन्होंने जान लगा दी रोटियां उगाने में, तुम्हे जरा भी शर्म ना आई लाठियां चलाने में। #किसान_एकता_जिंदाबाद।"
पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें, आर्काइव यहां देखें
नहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बैंक मैनेजर की पिटाई नहीं की
फ़ेसबुक पर अफ़कार खान नामक एक यूज़र ने इसी तस्वीर को सामान कैप्शन के साथ शेयर किया है |
पोस्ट यहां देखें, आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
इसी कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर कई यूज़र्स ने इसी तस्वीर को शेयर किया। इसके अलावा कई यूज़र्स ने इसी कैप्शन के साथ किसान आंदोलन की कुछ दूसरी तस्वीरें शेयर की हैं |
फ़ैक्ट चेक
वायरल तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा तो हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिली जिनमें बताया गया है कि यह तस्वीर हरियाणा में अक्टूबर 2018 में हुए रोडवेज कर्मचारियों के प्रदर्शन के दौरान की है।
31 अक्टूबर 2018 को "उग्र हड़ताली कर्मचारियों के पथराव के बाद लाठीचार्ज, सीएम का रास्ता रोकने की कोशिश" शीर्षक से छपी जागरण की ख़बर के मुताबिक़, हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के 16 वें दिन माहौल खराब हो गया। हड़ताली कर्मचारियों ने राज्य भर में प्रदर्शन किया। भिवानी में उग्र कर्मचारियों ने पथराव करना शुरू कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लेख में वायरल तस्वीर को भी देखा जा सकता है।
कंगना-उर्मिला के कहासुनी के बीच अमूल का पुराना विज्ञापन गलत दावों के साथ वायरल
वहीं, इसी मामले पर अमर उजाला ने 1 नवंबर 2018 को "हरियाणाः रोडवेज कर्मचारियों और पुलिस में भिड़ंत, लाठीचार्ज में कई चोटिल, 14 को किया गिरफ्तार" शीर्षक के साथ अपनी वेबसाइट में लिखा कि रोडवेज आंदोलन का समर्थन भूना में प्रदेश सरकार का विरोध करने जा रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने किया।
पुलिस के बार-बार समझाने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी कर्मचारी नहीं माने तो पुलिस को कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। अमर उजाला के इस लेख में वायरल तस्वीर को भी देखा जा सकता है।
इसके अलावा न्यूज़ 18 और पत्रिका ने भी इस मामले पर 31 अक्टूबर 2018 को रिपोर्ट प्रकाशित किया।
पहले भी वायरल हो चुकी है यह तस्वीर
क्या सच में इस साल उत्तर प्रदेश के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी?