सोशल मीडिया पर हांगकांग का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस को शहर के राजनीतिक प्रदर्शकारियों पर कार्रवाई करते हुए दिखाया गया है। हालांकि, यह वीडियो एक ग़लत दावे के साथ फैलाया जा रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि चीन में पुलिस कोविड-19 के संदिग्ध मरीज़ को रोकने की कोशिश कर रही है।
3.17 मिनट की क्लिप में, मेट्रो कोच के अंदर रायट पुलिस लाठी से मारती और काली मिर्च स्प्रे करते हुए दिखाया गया है। क्लिप में लोगों को छाता ले जाते हुए भी देखा जा सकता है, जो कि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रतीक है।
वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, "हम यहां बैठकर.. व्हाट्सएप और फेसबुक पर.. *कोरोना वायरस* का मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं 🤔 अगर.. कोरोना का असली कहर देखना है तो.. चाइना से आई इस वीडियो को देखें 👇👇 एक बार नहीं , दो बार नहीं , 3 बार बड़े ध्यान से देखें 👇👇 कि इस महामारी के शिकंजे में फंसे हुए लोगों को.. पकड़ने के लिए.. वहां पुलिस प्रशासन को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं 👇👇 आपका दिल भी दहल उठेगा इस वीडियो को देखकर 👇👇"
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ट्वीटर पर वायरल
हमने इसी टेक्स्ट के साथ ट्वीटर पर खोज की और पाया किया कि कई हैंडल ने इसे भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया है।
👆👆हम यहां बैठकर.. व्हाट्सएप और फेसबुक पर.. *कोरोना वायरस* का मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं 🤔
— राज शर्मा कानपुर (@RajShar41438261) March 16, 2020
अगर.. कोरोना का असली कहर देखना है तो.. चाइना से आई इस वीडियो को देखें
एक बार नहीं , दो बार नहीं , 3 बार बड़े ध्यान से देखें कि इस महामारी के शिकंजे में फंसे हुए लोगों को..! pic.twitter.com/fwixqasj7Q
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फ़ैक्ट चेक
हमने वीडियो को की-फ्रेम में तोड़ा और रूसी खोज इंजन यैंडेक्स का इस्तेमाल करके एक रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके खोज परिणामों से पता चला कि वीडियो 31 अगस्त, 2019 का था, जब हांग कांग दंगे के दौरान पुलिस गिरफ़्तारी करने के लिए मोंग कोक और प्रिंस एडवर्ड एमटीआर स्टेशन के प्लेटफार्मों पर पहुंचे। वीडियो में दी गई तारीख, चीने में दिसंबर 2019 में कोरोनावायरस के पहले कुछ मामले सामने आने से पहले की है।
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वायरल वीडियो में देखे जाने वाली समान घटनाएं, हांगकांग स्थित समाचार वेबसाइट हांगकांग फ्री प्रेस (एचकेएफपी) द्वारा अपलोड की गई इस वीडियो रिपोर्ट में देखा जा सकता है।
31 अगस्त, 2019 की रात को हांगकांग में हिंसक घटनाएं भड़क गई, जैसा कि मास ट्रांजिट रेलवे (एमटीआर) ने पांच लाइनें बंद कर दीं और पुलिस ने कॉजवे बे में दो लाइव राउंड फायर किए, जैसा कि एचकेएफपी ने 1 सितंबर 2019 की रिपोर्ट में बताया है।
BREAKING: At 11:20pm, the MTR announced the closures of the entirety of the Tsuen Wan and Kwun Tong lines due to police operations.
— Hong Kong Free Press (@HongKongFP) August 31, 2019
In full: https://t.co/kmLJLFCnSX. Photo: @mtrupdate. #hongkong #hongkongprotests #antiELAB pic.twitter.com/3S5ygwghed
वायरल फुटेज में यह घटना हांगकांग के प्रिंस एडवर्ड स्टेशन पर, प्रत्यर्पण विरोधी कानून संशोधन विधेयक आंदोलन (ELAB) के विरोध के दौरान, ट्रेन के अंदर हुई थी।
एचकेएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, "हांगकांग सरकार ने तब एक बयान में दावा किया था कि प्रदर्शनकारी स्टेशनों पर तोड़फोड़ कर रहे थे और लोगों पर हमला कर रहे थे और अधिकारियों ने "सभी हिंसक कृत्यों को रोकने और अपराधियों को गिरफ़्तार करने के लिए एमटीआर स्टेशनों में प्रवेश किया था।"
31 अगस्त, 2019, चीन द्वारा सौंपे गए हांगकांग लोकतंत्र पर एक विवादास्पद श्वेत पत्र की पांचवीं वर्षगांठ के रूप में भी चिह्नित है, जिसने अपने मुख्य कार्यकारी के लिए शहर के चुनाव पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जिसने 79 दिनों के कब्जे वाले आंदोलन को उकसाया था| इसे 2014 में अम्ब्रेला आंदोलन के रूप में जाना जाता था, लेकिन अंततः सांसदों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था, जैसा कि एचकेएफपी की रिपोर्ट में बताया गया है।
1 सितंबर, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड की गई बीबीसी की रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो की तरह ही दृश्य देखे जा सकते हैं।
वीडियो 19 मार्च, 2020 तक भारत में COVID-19 के 151 सकारात्मक मामलों की पुष्टि करने के मद्देनज़र झूठे दावों के साथ वायरल हुआ है। हाल के अपडेट के लिए बूम के लाइव ब्लॉग को फॉलो करें: कोरोनावायरस लाइव अपडेट