क्या मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता एवं पूर्वी जे.एन.यु के छात्र उमर ख़ालिद ने हिंदू विरोधी नारे लगाए? कई ट्विटर यूज़रों ने एक वीडियो शेयर किया है और ख़ालिद पर हिंदू विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया है। ख़ालिद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा का विरोध कर रहे थे।
बूम ने रविवार शाम से प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्वीट किए गए कई वीडियो का विश्लेषण किया और पाया कि किया गया दावा ग़लत है।
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने 18 सेकंड की एक क्लिप शेयर करते हुए दावा किया कि मुंबई में छात्रों ने "हिंदुओं से आजादी" के नारे लगाए। वीडियो में ख़ालिद को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है।
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Muslim and Leftists students in Mumbai again Raised Slogans "Hinduo se Aazadi" but this time not in Jamia or JNU , they raised Hinduo se Aazadi Slogans at Gateway of India Mumbai. Will @MumbaiPolice @OfficeofUT take action or support this goons Silently ? pic.twitter.com/7Cq9ci8tE5
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) January 6, 2020
देखने के लिए यहां क्लिक करें और अर्काइव के लिए यहां देखें।
This is for you @BDUTT - don't tell people even this clip is doctored. "Hinduon se Azadi"- where was it raised? This is par. But gaddar is no-no! https://t.co/ZbqevPCZXS
— Ratan Sharda 🇮🇳 (@RatanSharda55) January 6, 2020
अर्काइव के लिए यहां देखें।
Are they protesters 🤔? No way !
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 6, 2020
So called students came in support of JNU leftist at Gateway of a india in Mumbai & shouted 👇
"Hinduo se Aazadi"
AMU,Jamia से शुरू किया और अब पूरे देश में 🤔बहुत बड़ी साज़िश चल रही है देश में .. सोचो कौन-कौन शामिल हैं !@MumbaiPolice #JNUattack pic.twitter.com/lUlLkzKm4K
अर्काइव के लिए यहां देखें।
फ़ेसबुक पर वायरल
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फ़ैक्ट चेक
कई वीडियो क्लिप को देखने के बाद, बूम सोशल मीडिया पर एक समान वीडियो तक पहुंचने में सक्षम था जिसमें ख़ालिद को स्पष्ट रूप से "संघवाद से आजादी" का नारा लगाते हुए सुना जा सकता है ना कि "हिंदुओं से आजादी" का नारा जैसा कि दावा किया गया है।
बग्गा द्वारा शेयर किए गए वीडियो और एक यूज़र द्वारा साझा किए गए फ़ेसबुक पोस्ट की तुलना करने पर, हमने पाया कि ऑडियो मेल खाता है, जैसा कि कथित नारे से पहले, "जातिवाद से आजादी" और क्लिप के अंत में दिया गया 18-सेकेंड में दिया गया "आरएसएस से आजादी" का नारा सुना जा सकता है।
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फ़ेसबुक क्लिप में, 54 सेकंड के टाइमस्टैम्प से, ख़ालिद को ये नारे लगाते हुए सुना जा सकता है|
"एनपीआर से आज़ादी,
सीएए से आज़ादी,
सीएए से आज़ादी,
जातिवाद से आजादी ,
संघवाद से आजादी,
आरएसएस से आज़ादी,
आरएसएस से आज़ादी,
मोहन भागवत से आजादी "
हमें वीडियो में कहीं भी "हिंदुओं से आजादी" का नारा नहीं मिला।
नीचे दिए गए ऑडियो में 14 सेकंड के टाइमस्टैम्प से एम्प्लिफाइड वर्शन सुना जा सकता है।
बूम ने ख़ालिद से संपर्क किया जिन्होंने इस तरह का कोई भी नारा लगाने से इनकार किया और कहा कि यह ग़लत था। खालिद ने हमें उस घटना का एक और वीडियो भेजा, जिसका हमने विश्लेषण किया और पाया कि जो वीडियो हमें मिला उससे ऑडियो मेल खाता है और यह पुष्टि करता है कि ख़ालिद ने कथित नारा नहीं लगाया था।
Lies, brazen lies. Paid pipers of the regime are here to spread lies so that we get busy countering them. And lose focus from the ABVP violence against JNU students. Not happening, shithead. Find a better lie next time. https://t.co/LIQWD07TQd
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) January 6, 2020
ख़ालिद द्वारा भेजे गए वीडियो में नारों का घटनाक्रम, फ़ेसबुक के उस वीडियो से मेल खाता है जिसका हमने विश्लेषण किया है। इसके अलावा, घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों ने ट्विटर पर इस बात का खंडन किया कि हिंदू विरोधी नारे लगाए गए थे।
I was these last night. I can confirm that not a soul said this shit. The cops were all around. Is everyone associated with the government in some way a compulsive liar? https://t.co/XkraiDyrOl
— Sahil Makhija (@TheDemonstealer) January 6, 2020
The Mumbai police was in fact all around us, and maybe they need to look into wilful misinformation and an attempt to provoke violence by you, sir. Not a soul said 'Hinduo se Aazadi' and you are lying. Here are photos of the police from past night: https://t.co/LekcpRAhQ0 pic.twitter.com/WgQyBzbIBk
— Koval (@kovalbhatia) January 6, 2020
बूम ने मुंबई मिरर के डिप्टी रेजिडेंट एडिटर जयराज सिंह से संपर्क किया, जो रविवार शाम को लोकेशन पर मौजूद थे। सिंह ने बूम से कहा, "मैं कल रात विरोध प्रदर्शनों को कवर करने के लिए वहां गया था, जहां मैंने उमर ख़ालिद को बोलते और नारे लगाते हुए सुना। मुझे हिंदुओं के ख़िलाफ कोई बयान नहीं मिला।"
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बूम ने इस घटना में मौजूद प्रदर्शनकारियों में से एक प्रिंस शाह (32) से बात की जिन्होंने दावों को खरीज़ कर दिया। शाह ने हमें बताया कि जब ख़ालिद ने नारे लगाए थे वह वहां मौजूद थे और पुष्टि की कि हिंदू विरोधी नारे नहीं लगाए गए थे।