फैक्ट चेक

कोरोनावायरस पर ग़लत सूचना फैलाने के लिए आजतक का वीडियो क्रॉप किया गया है

बूम ने आजतक के वीडियो का लंबा वर्शन पाया जिससे पता चलता है कि वीडियो क्रॉप कर ग़लत सूचना फैलाई जा रही है।

By - Saket Tiwari | 11 March 2020 6:34 PM IST

कोरोनावायरस पर ग़लत सूचना फैलाने के लिए आजतक का वीडियो क्रॉप किया गया है

एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि समाचार चैनल आजतक ने बताया है कि चीन के प्रधानमंत्री कहते हैं कि कुरान और नमाज़ पढ़ने से कोरोनावायरस को रोकने में मदद मिल सकती है। यह दावा ग़लत है।

वायरल क्लिप को एक लंबे वीडियो से क्रॉप किया गया है और कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी के साथ जोड़कर ग़लत सूचना फैलाई जा रही है।

28 सेकंड की क्लिप के साथ हिंदी कैप्शन में लिखा गया है: "चीन के प्रधानमंत्री ने सारे मस्जिदों के ताला खोलने व नमाज़ व कूरान पढ़ने का आदेश जारी किया. कोरोना वायरस का इलाज सिर्फ कुरान में है.बेशक" (सिक्)

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बूम ने पाया कि क्लिप अचानक शुरू होती है और समाप्त हो जाती है और वॉइसओवर के अलग-अलग हिस्सों को एक साथ जोड़कर झूठी कहानी बनाई गई है।

पोस्ट नीचे देखे जा सकते हैं और इनके आर्काइव्ड वर्शन तक यहाँ और यहाँ पहुँचा जा सकता है।

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ट्वीटर पर वायरल

यह क्लिप ट्वीटर पर भी व्यापक रुप से शेयर किया गया है।

कोरोनावायरस, वायरस का एक परिवार है जो पहले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम या (सार्स-सीओवी) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम या (एमईआरएस-सीओवी) जैसे बीमारियों का कारण बन चूका है। नोवेल कोरोनावायरस या (कोविड -19) इसी परिवार से है। कोविड-19 से दुनिया भर में 4,300 से अधिक लोगों की मौत हुई है| इसकी सूचना सबसे पहली बार चीन के वुहान शहर में मिली थी।

आप अपडेट यहां ट्रैक कर सकते हैं।

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो को देखा और कई संकेत पाए जिससे पता चलता है कि यह आज तक चैनल पर प्रसारित होने वाले शो 'वायरल टेस्ट' का हिस्सा है जहां दरअसल झूठे दावों की जांच कर ख़ारिज किया जाता है।

वीडियो पर 'वायरल टेस्ट' मोहर साफ देखी जा सकती है। हमें मूल वीडियो क्लिप मिली, जो आजतक के 'वायरल टेस्ट' बुलेटिन का चार मिनट लंबा वीडियो है।

वीडियो में दूसरी अन्य विसंगतियां भी हैं, हिस्से जिनमें एंकर कहता है "फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल है" और " दावा है कि कुरान पढ़ने से कोरोनोवायरस का इलाज कर सकता है" हटा दिए गए हैं| इससे ऐसा प्रतीत होता है की एंकर दावे कर रहा है|

हमने दोनों वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की और कई अंतर पाए। 


मूल वीडियो क्लिप चार मिनट लंबा बुलेटिन है, जबकि वायरल क्लिप केवल 30-सेकंड लंबा है। मूल वीडियो में एंकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दावे 'फेसबुक पर वीडियो के साथ वायरल है जिसमें दिखाया गया है कि चीनी प्रधानमंत्री ने एक मस्जिद का दौरा किया और नमाज पढ़ी।', इसके विपरीत, वायरल क्लिप कई हिस्सों को काट कर यह दिखाने की कोशिश की गई है कि ऐंकर ने खुद दावे किये हैं की चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि नमाज पढ़ने से कोरोनावायरस रोका जा सकता है।

यह दावा कि वह चीनी प्रधानमंत्री हैं, तथ्यात्मक रूप से ग़लत है। शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति हैं, जबकि वीडियो में दिखाई देने वाला शख़्स पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी है।

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यह भी आजतक के बुलेटिन में 2.50 मिनट पर दिखाया गया था।

पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी

बूम ने पहले भी दावे को ख़ारिज किये थे जहां पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया था कि चीन के प्रधानमंत्री मस्जिद में प्रार्थना करके कोरोनावायरस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। (इस बारे में यहां और पढ़ें)

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