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फ़ैक्ट चेक

फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट का दावा: राणा अय्यूब ने फ़्रांस हमले को मंज़ूर किया है

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है, स्क्रीनशॉट को एडिट किया गया है। राणा अय्यूब ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।

By - Anmol Alphonso | 2 Nov 2020 1:54 PM GMT

एक टीवी चैनल की न्यूज़ स्टोरी का एडिटेड स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रहा है। वायरल पोस्ट में फ़र्ज़ी दावा किया गया है कि पत्रकार राणा अय्यूब ने फ़्रांस में सर कलम की घटना को मंज़ूर किया और फ़्रांस की हालिया हमलों को सही ठहराया है।

बूम ने पाया कि वास्तविक स्क्रीनशॉट सीएनएन के शो से है जहां राणा अय्यूब मार्च 2020 में दिल्ली के दंगों के बारे में बात करने के लिए शामिल हुई थी। स्क्रीनशॉट के टेक्स्ट में दावा है कि राणा ने हमलों को मंज़ूरी दी है, जिसे स्क्रीनशॉट में अलग से जोड़ा गया है। अय्यूब ने स्क्रीनशॉट को ट्विटर पर पोस्ट किया और वायरल दावे को फ़र्ज़ी बताया है।

यह दावा ऐसे समय में वायरल हुआ है जब फ़्रांस ने फ़्री स्पीच पर एक क्लास में चर्चा के दौरान पैग़म्बर मुहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून दिखाने पर एक शिक्षक की हत्या के बाद इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा हिंसा देखी गयी है। 29 अक्टूबर को नाइस में नोट्रे डेम बेसिलिका में एक हमलावर ने तीन लोगों पर चाकू से हमला कर दिया। फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने फ़्री स्पीच के आदर्श का बचाव करते हुए इस्लामवादियों की आलोचना की थी और इसे "इस्लामी आतंकवादी हमला" करार दिया था। सोशल मीडिया पर दुनियाभर के मुस्लिम यूज़र्स ने मैक्रॉन के बयान के विरोध में फ़्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।

जी नहीं, वायरल तस्वीरें राम मंदिर के निर्माण की नहीं हैं

ग्राफ़िक को सोशल मीडिया पर राणा अय्यूब की आलोचना और मजाक उड़ाने के दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।


पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।

कुछ पोस्ट को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एडिटेड स्क्रीनशॉट महज़ व्यंग है।



पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

फ़्रेंच प्रेज़िडेंट पर अण्डों के हमले का यह वीडियो तीन साल पुराना है

फ़ैक्ट चेक 

बूम ने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट को एडिट किया गया था और सीएनएन के मूल सेगमेंट में ऐसा कोई न्यूज़ फ़्लैश टिकर नहीं है। स्क्रीनशॉट फ़रीद ज़करिया के सीएनएन पर हुए एक शो से भी है जो हाल ही में फ़्रांस में हमले से पहले 1 मार्च 2020 को प्रसारित हुआ था।

इसके अलावा, राणा अय्यूब ने शो में दिल्ली में हुए दंगों के बारे में बात की थी जिसका फ्रांस हमले से कोई सम्बन्ध नहीं है।

वायरल स्क्रीनशॉट के टेक्स्ट में लिखा है, 'आप सारे मुसलमानों को सिर्फ दो सिर काटने के लिए नफ़रत नहीं कर सकते हैं' लेकिन मूल शो के साथ तुलना करने पर पता चलता है कि न्यूज़ टिकर में लिखा है, "दिल्ली में सदी के सबसे भयावह हिंसा में दर्जनों लोग मरे।"

सीएनएन के 1 मार्च, 2020 के ट्वीट में मूल टिकर को 1.09 मिनट के टाइमस्टैम्प पर देखा जा सकता है।

पूरा 5.15 मिनट का सेगमेंट सीएनएन वेबसाइट पर देखा जा सकता है. इसमें कहीं भी अय्यूब ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जैसा कि वायरल स्क्रीनशॉट का दावा है। (देखने के लिए यहां क्लिक करें) शो की चर्चा दिल्ली दंगों के इर्द-गिर्द घूमती है जो फ़रवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुआ था।

राणा अय्यूब ने ट्विटर पर फ़र्ज़ी ग्राफ़िक को बकवास बताते हुए कहा कि तस्वीर को एडिट किया गया है और स्क्रीनशॉट में दिख रहा उनका बयान फ़र्ज़ी है | अय्यूब ने तस्वीर को फ़र्ज़ी बताया और कहा, वह फ़ेक ख़बरों की विकृति से जूझ रही है।

तुलना

फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट में कोई भी देख सकता है कि अय्यूब नाम को 'अयूब' के रूप में लिखा गया है और न्यूज़ टिकर में व्याकरण की गलतियां हैं।

नीचे हमने फ़र्ज़ी तस्वीर और मूल तस्वीर की तुलना की है।


फ़्रांस में हालिया हमलों पर अय्यूब द्वारा किए गए वायरल ग्राफिक में भी हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला।

बूम पहले भी पेरिस में फ़्रांसीसी शिक्षक की हत्या से जुड़ी फ़र्ज़ी ख़बरों का खंडन कर चुका है जिसमें असंबंधित वीडियो और तस्वीरों को झूठे दावों के साथ शेयर किया गया था।

शाहीन बाग़ पर वायरल शार्ली एब्डो का यह कार्टून फ़र्ज़ी है

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