फैक्ट चेक

2019 के वीडियो को हाल में रेलवे पुलिसकर्मी द्वारा प्रवासी कर्मचारी से घूस लेने के दावे के साथ किया गया वायरल

बूम ने पता लगाया की यह वीडियो पिछले साल गुजरात के सूरत डिवीज़न में रिकॉर्ड किया गया जब वहाँ रेलवे में नियुक्त कांस्टेबल ने रिश्वत की मांग की थी

By - Sumit | 11 May 2020 11:51 AM IST

2019 के वीडियो को हाल में रेलवे पुलिसकर्मी द्वारा प्रवासी कर्मचारी से घूस लेने के दावे के साथ किया गया वायरल

इस वीडियो क्लिप में रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ़) के सिपाही को एक महिला से घुस लेते देखा जा सकता है जिसे गुजरात में रिकॉर्ड किया गया और अब हाल ही में हुए लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर प्रवासी कर्मचारियों के हो रहे पलायन से जोड़ कर फिर वायरल किया जा रहा है | इस वीडियो के साथ लिखे कैप्शन का यह झूठा दावा है की पुलिस रेलवे ट्रैक पर पैदल चल रहे प्रवासी मज़दूरों से रिश्वत ले रही है |

बूम की पड़ताल में यह सामने आया की असली घटना गुजरात के सूरत डिवीज़न से है जिसमें एक आरपीएफ़ पुलिसकर्मी महिलाओं के एक समूह से, जो अवैध रूप से सामान बेच रही थीं, घुस लेते पाया गया था | घटना में शामिल इस कांस्टेबल को बाद में बर्ख़ास्त कर दिया गया |

इस वीडियो को ऐसे समय पर एक भ्रामिक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है जब की कई प्रवासी मज़दूर देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने घरों की ओर कोविड-19 के संक्रमण में ज़ारी लॉकडाउन के चलते पैदल सफ़र शुरू कर चुके है |

एक मिनट लम्बा यह वीडियो दिखाता है की कैसे एक पुलिसकर्मी महिलाओं के समूह से पैसे की मांग कर रहा है | वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहे लोगो में से किसी ने भी मास्क नहीं पहन रखा है |

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पोस्ट में लिखा कैप्शन इस प्रकार है: देखो भाईयो रेलवे का सबसे बड़ा भिखारी किस तरह रेलवे लाइन पर भीख मांग रहा है थोड़ा इन्हे फेमश कर दो.....मेरी बात समझ रहे हैं न.. |

वायरल वीडियो को नीचे देखे और इसके आर्काइव वर्ज़न यहाँ देखिये |


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इस पोस्ट के साथ लिखा बंगाली कैप्शन का हिंदी में अनुवाद इस तरह है : देखिये किस तरह अवैध तरीके से रेलवे के पुलिसकर्मी प्रवासी मज़दूरों से पैसे वसूल रहे है  |

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इस वीडियो को कुछ ट्विटर एकाउंट्स से शेयर किया गया और बाद में इन ट्वीट्स को हटा दिया गया |

इस ट्वीट में लिखा कैप्शन यह है : #LockdownFascisim चोरों कम से कम मज़दूरों को तो छोड़ दो! ये क्या चल रहा है देश में! 



इसी वीडियो को डी रूपा, आईजीपि, रेलवे द्वारा ट्वीट कर भी शेयर किया गया | उन्होंने इस ट्वीट को बाद में हटा दिया जब उन्हें पता लगा की यह पुराना वीडियो है |

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो के एक कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया की बिलकुल इसी वायरल वीडियो को जुलाई, 2019 में ट्वीट कर शेयर किया गया था | इस ट्वीट के कैप्शन का अनुवाद इस तरह है: सूरत में आरपीएफ़ के जवान को नौकरी से बर्खास्त किया गया जब उसका मद्यतस्करी करने वाली महिला से घुस लेते हुए वीडियो वायरल हुआ"

इस ट्वीट से आईडिया लेते हुए हमने कीवर्ड सर्च कर पता लगाया की यही वीडियो पिछले वर्ष जुलाई 18 को भी एक वेबसाइट पर अपलोड किया गया जहाँ इस वाकिये के बारे में और जानकारी मौजूद है |

इस रिपोर्ट के आधार पर यह वीडियो पश्चिमी रेलवे के सूरत विभाग में रिकॉर्ड हुआ और वास्तविक घटना के होने के कुछ महीनो के बाद वायरल हुआ | इस वीडियो में देखे जा रहे कांस्टेबल- जयकांत - को इंटरनेट पर यह वीडियो आने के बाद नौकरी से बर्खास्त किया गया |

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इस रिपोर्ट के एक हिस्से का अनुवाद यह है: यह वीडियो पश्चिमी रेलवे के सूरत विभाग में कुछ महीनों पहले रिपोर्ट हुई घटना का है लेकिन हाल में कुछ हफ़्तों पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है | इस वीडियो के चलते पश्चिमी रेलवे ने आरपीएफ़ के कांस्टेबल को बर्खास्त किया | इस छोटे वीडियो में देखा जा सकता है की महिला पुलिसकर्मी से बहस करते हुए कह रही है की उसने एक दूसरे पुलिसकर्मी को 500 रूपए दिया है | जबकि कांस्टेबल यह बता रहा है की वह एक जीआरपि वाला था नाकि उसकी टीम का कोई जिसपे महिला को गुस्से से आरपीएफ़ कांस्टेबल को देने के लिए पैसे इकट्ठे करते देखा जा सकता है और यह कहते की वे कुछ दिनों में वापस आएंगे |

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