
भारत के मुख्यधारा के तमाम मीडिया आउटलेट ने एक पुरानी तस्वीर को गलत तरीके से पेश करते हुए दावा किया कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादी को उसकी असॉल्ट राइफल के साथ कैमरे में कैद किया गया है.
इस गलत रिपोर्टिंग को न्यूज चैनल इंडिया टुडे, आजतक, टाइम्स नाउ ने लाइव टीवी पर प्रसारित किया और एबीपी न्यूज, जी न्यूज, द इकोनॉमिक टाइम्स, न्यूज 18, सीएनबीसी टीवी 18, मिंट और फर्स्टपोस्ट ने वेब रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित किया.
सभी मीडिया रिपोर्ट में पुरानी तस्वीर को प्रकाशित करते हुए दावा किया गया कि यह हमले में शामिल आतंकवादी की एक्सक्लूसिव "पहली तस्वीर" है.
बूम ने तस्वीर की जांच करने पर पाया कि यह अक्टूबर 2021 से फेसबुक पर उपलब्ध एक वीडियो का स्क्रीनग्रैब है. इसके अलावा, उल्लेखित किसी भी मीडिया रिपोर्ट में किसी सरकारी अधिकारी द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि तस्वीर हाल ही में हुए पहलगाम हमले में शामिल एक हमलावर की है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में आतंकियों द्वारा ओपन फायरिंग में 26 पर्यटकों और एक स्थानीय की मौत हो गई. मृतकों के परिवारों का आरोप है कि आतंकवादियों ने धर्म और पहचान पूछकर गैर-मुसलमान पुरुषों को निशाना बनाया.
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हमले में पांच आतंकवादी शामिल थे, जिनमें तीन पाकिस्तान के हैं. भारत सरकार ने हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ गंभीर कूटनीतिक कार्रवाई की है. इसके तहत सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते पर भी रोक लगा दी है.
इंडिया टुडे ने पहलगाम हमले पर किए गए अपने विशेष शो में इस तस्वीर को चलाते हुए दावा किया कि यह घटना को अंजाम देते आतंकवादी की कैमरे में कैद हुई तस्वीर है. इसे पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकी की पहली तस्वीर बताया गया. एंकर ने यह भी दावा किया कि यह चैनल की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट है.
तस्वीर में बैंगनी रंग का कुर्ता और पायजामा पहने एक शख्स राइफल के साथ दिखाई दे रहा है, जो घटनास्थल की ओर भागते समय कैमरे में कैद हो गया है.
वीडियो का लिंक | वीडियो का आर्काइव लिंक
आजतक ने भी तस्वीर को इसी झूठे दावे के साथ प्रसारित किया और बताया कि यह तस्वीर हमले के दौरान मौजूद लोगों में से किसी ने कैद की है.
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टाइम्स नाउ, एबीपी न्यूज, जी न्यूज, द इकोनॉमिक टाइम्स, न्यूज 18, सीएनबीसी टीवी 18, मिंट, फर्स्टपोस्ट, रिपब्लिक और न्यूज 24 सहित कई अन्य आउटलेट ने भी इसी तस्वीर को गलत तरीके से ही पेश किया.
हिंदी में न्यूज 18, एबीपी न्यूज, न्यूज नेशन जैसे आउटलेट ने भी अपनी-अपनी खबरों में यह तस्वीर प्रसारित की है.
हालांकि बाद में न्यूज 18 और टाइम्स नाउ ने बिना स्पष्टीकरण के अपनी स्टोरी अपडेट कर दी है और तस्वीर को गलत साबित करने वाले फैक्ट चेक शुरू कर दिए हैं.
फैक्ट चेक
बूम को पड़ताल के दौरान फेसबुक पर अक्टूबर 2021 से उपलब्ध एक वीडियो में यही दृश्य मिला, जिससे साफ था कि यह तस्वीर 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले के लगभग चार साल पहले से इंटरनेट पर है.
इसकी पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम में बांटा और रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें इंस्टाग्राम पर हाल ही का एक पोस्ट मिला, जिसमें इसी वायरल तस्वीर के एक अलग एंगल को दिखाया गया था.
इसमें तस्वीर वाले शख्स को दूसरे एंगल से देखा जा सकता है, जिसमें उसकी राइफल साफ नजर आ रही है. इससे यह संकेत मिलता कि संभवतः यह तस्वीर किसी लंबे वीडियो का हिस्सा है.
इससे संकेत लेकर हमने एक खास कीवर्ड का उपयोग कर एडवांस सर्च किया. इसके जरिए हमें फेसबुक पर अक्टूबर 2021 का अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें दोनों तस्वीर वाले विजुअल मौजूद थे.
वीडियो का लिंक | वीडियो का आर्काइव लिंक
यह वीडियो एक पाकिस्तानी अकाउंट द्वारा अपलोड किया गया था लेकिन इसके कैप्शन में उस शख्स की पहचान के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया था.
40 सेकंड के फुटेज में इस आदमी को अपनी राइफल के साथ युद्धाभ्यास करते हुए देखा जा सकता है. वह युद्ध/हथियार प्रशिक्षण में देखी जाने वाले मूव्स की नकल कर रहा है. वीडियो में एक और व्यक्ति भी दिखाई देता है जो इस आदमी से थोड़ी दूरी पर खड़ा उसकी ट्रेनिंग देख रहा है.
नीचे न्यूज चैनलों द्वारा प्रसारित तस्वीर और फेसबुक पर उपलब्ध वीडियो के बीच तुलना देखी जा सकती है.
एक्स पर भी दो हैंडल ने इस तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे को गलत कहा और इसका स्रोत 2021 के उसी वीडियो को बताया. यहां, यहां देखें.
इसके अलावा, पहलगाम हमले के चश्मदीदों ने अपने बयानों में कहा है कि हमलावरों ने सेना की वर्दी जैसी पोशाक (Camouflage) पहन रखी थी, जबकि न्यूज रिपोर्ट में दिखाई गई तस्वीर में व्यक्ति ने ऐसा नहीं किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में यह भी बताया कि आतंकवादियों ने कुछ पर्यटकों को घेर लिया, महिलाओं और बच्चों को दूर जाने को कहा और फिर उन्हें नजदीक से गोली मार दी. अन्य रिपोर्ट में बचे हुए लोगों के हवाले से बताया गया है कि घटनास्थल पर अफरा-तफरी मची हुई थी, हमलावर पीड़ितों से बात कर रहे थे और उन पर गोली चलाने से पहले उनसे अपनी पहचान साबित करने को कह रहे थे.
जबकि वीडियो में वह व्यक्ति सिर्फ पोज देते हुए अपनी बंदूक हवा में तानता दिखाई दे रहा है. वह किसी पर हमला नहीं कर रहा या अपनी राइफल से गोली नहीं चला रहा. वीडियो में बैकग्राउंड में कोई पीड़ित भी नहीं दिख रहा और न ही इसके दृश्य हमले के दृश्य से मेल खाते हैं, जैसा कि पहलगाम के सरवाइवर्स ने अपने इंटरव्यू में बताया है.
हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से उस व्यक्ति के स्थान या पहचान को वेरीफाई करने में असमर्थ था लेकिन हम इसकी पुष्टि करने में सक्षम थे कि मीडिया आउटलेट द्वारा हमलावर के रूप में बताई गई तस्वीर पुरानी है और हाल ही में हुए पहलगाम हमले से सबंधित नहीं है.