सोशल मीडिया पर पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई किए जाने के दावे से एक वीडियो वायरल है. इस वीडियो में कथित तौर पर एक सैनिक दो शवों पर पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारता नजर आ रहा है.
बूम को पड़ताल के दौरान एक पांच साल पुराने फेसबुक पोस्ट में यह वीडियो मिला, जो इसकी पुष्टि करता है कि इसका हालिया पहलगाम हमले के बाद जवाबी कर्रवाई से कोई लेना-देना नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में आतंकियों द्वारा ओपन फायरिंग में एक नेपाली नागरिक और स्थानीय खच्चर चालक समेत 26 लोगों की मौत हो गई. मृतकों के परिवारों का आरोप है कि आतंकवादियों ने धर्म और पहचान पूछकर गैर-मुसलमान पुरुषों को निशाना बनाया.
डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक पांच आतंकियों की पहचान हो चुकी है, जिसमें तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीरी शामिल हैं. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है.
करीब तीस सेकंड के वायरल वीडियो में कथित तौर पर एक सैनिक बर्फीली पहाड़ियों में पड़े शवों पर पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली चलाता दिख रहा है. वीडियो में पीछे से एक व्यक्ति को हिंदी में बोलते हुए सुना जा सकता है, जिसमें वह सैनिक को भारतीय सेना का जाबांज कमांडो कहकर संबोधित करता है.
फेसबुक पर एक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'आ गया मन को शांत करने वाला सीन नए भारत का बदला शुरू हो गया है. घर-घर में घुस कर मारेंगे इनको.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वीडियो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है
वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Bestgore.fun नाम की एक वेबसाइट पर इस वीडियो का लंबा वर्जन मिला. यहां यह वीडियो 16 अगस्त 2022 को किया अपलोड किया गया था.
इस वेबसाइट पर वीडियो के साथ दिए गए अंग्रेजी शीर्षक में लिखा था, "Indian army executes Kashmiri militants."
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ही हमें Special Forces of India और Indian Military Images नाम के फेसबुक पेज पर 18 दिसंबर 2020 को अपलोड किए गए वीडियो में वायरल वीडियो का एक क्लिप मिला.
हालांकि यहां घटना से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई थी बल्कि इसे एक मीम के तौर पर इस्तेमाल किया गया था.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
इसके कैप्शन में शामिल @_kostanikov_ नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी यह वीडियो 18 दिसंबर 2020 को ही शेयर किया था. इससे स्पष्ट था कि यह वीडियो हाल का नहीं है और यह तकरीबन पांच साल से इंटरनेट पर मौजूद है.
हम स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर सके कि वीडियो कब और कहां का है लेकिन हमारी पड़ताल से यह स्पष्ट है कि वीडियो पहलगाम हमले से पहले का है.