सोशल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर पाकिस्तान का एक पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल है. वीडियो में कुछ लोग एक शख्स को खाट से बांधकर उसपर बेरहमी से कोड़े बरसाते नजर आ रहे हैं.
बूम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक साल 2018 में किया था और तब कई यूट्यूब वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पाया गया कि यह पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स से जुड़ी एक कठोर ट्रेनिंग का हिस्सा है.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले स्थित पहलगाम की बैसरन घाटी में बीते दिनों हुए घातक आतंकी हमले में पर्यटकों और स्थानीय खच्चरचालक समेत 26 की मौत हुई. इस मामले में पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आने के बाद भारत सरकार की ओर से कड़े एक्शन लिए गए जिसमें सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल तक रोकने समेत कई फैसले शामिल हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को जिपलाइन ऑपरेटर से भी जोड़कर शेयर किया जा रहा है, जो फिलहाल एक वीडियो के सामने आने के बाद सवालों के घेरे में है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कस्टडी में है.
एक्स पर जिपलाइन ऑपरेटर के वीडियो के स्क्रीनशॉट के साथ पिटाई वाले वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'हिंदू पर्यटक को मौत के मुंह में धक्का देने वाले अरसद नदीम जिप लाइन ऑपरेटर का NIA ऑफिस में स्वागत है 🔥वीडियो वायरल होने के बाद आज शाम ही इस आतंकवादी को गिरफ्तार कर NIA को सौंपा गया है...'
नोट: वीडियो के दृश्य विचलित कर सकते हैं.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी यह वीडियो पहलगाम हमले से जुड़े आतंकी के दावे से प्राप्त हुआ था.
फैक्ट चेक: वीडियो असंबंधित और पुराना है
बूम इस वीडियो का फैक्ट चेक साल 2018 में भी कर चुका है. तब पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने इस वीडियो को भारतीय सेना द्वारा कश्मीरी युवक पर अत्याचार के दावे से एक्स पर शेयर किया था.
उस दौरान हामिद मीर के पोस्ट पर कई यूजर ने इसे पाकिस्तान का बताया था. कुछ यूजर ने यह भी बताया था कि कोड़े मारने की प्रक्रिया पाकिस्तान के विशेष बलों को दिए जाने वाले Survival Evasion Resistance and Escape (SERE) ट्रेनिंग का हिस्सा है.
बूम ने तब इस वीडियो का बारीकी से विश्लेषण किया था. हालांकि उस समय वीडियो का ब्रीफ वर्जन वायरल था. वीडियो के एक हिस्से में एक शख्स हाथ और घुटने से उस व्यक्ति को खाट पर नीचे की ओर दबाए हुए है. इस शख्स की टीशर्ट पर अर्धचंद्र और तारे का चिह्न देखा गया, जो कि पाकिस्तान के झंडे का हिस्सा है.
पाकिस्तान का झंडा
बूम को तब अलग-अलग कैप्शन के साथ ऐसे कई एक्स पोस्ट मिले थे जिनमें वीडियो को पाकिस्तान का बताया गया था. चार जुलाई 2018 के एक पोस्ट में कहा गया, 'पाकिस्तान की सेना एक निर्दोष बलूच छात्र पर अत्याचार कर रही है.'
शहाब बलूच नाम के अन्य फेसबुक पेज ने भी 5 जुलाई 2018 को इस वीडियो को शेयर किया और इसे पाकिस्तानी सेना द्वारा एक बलूच युवक पर किया जा रहा अत्याचार बताया.
हालांकि अगस्त 2018 में इसी वीडियो के दूसरे डिस्क्रिप्शन में बताया गया कि यह पाकिस्तानी सेना के अंतर्गत एक विशिष्ट कमांडो बल, स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) को दिए जा रहे प्रशिक्षण का वीडियो था.
'United States of Pakistan' नामक एक यूट्यूब चैनल ने 29 अगस्त 2018 को इस वीडियो को अपलोड करते हुए कैप्शन दिया था, 'PAK ARMY K SSG COMMANDOS KI TRAINING KI KHOFNAK VIDEO MUST WATCH.' हालांकि यह वीडियो अब डिलीट हो चुका है.
इसके बाद बूम ने यूट्यूब पर एसएसजी ट्रेनिंग के दूसरे वीडियो की तलाश की, जिसमें जवानों को इसी तरह की ट्रेनिंग देते दिखाया गया हो. 'SSG Interrogation Survival Training - See what happens during training' के टाइटल वाले एक यूट्यूब वीडियो में वैसे ही सेना की वर्दी पहने एक व्यक्ति को एक खाट से बांधा गया है, जबकि इसी तरह के वर्दी में चार अन्य सैनिक उसे पीट रहे हैं.
'Pak Army SSG Commando Training' के टाइटल वाले एक अन्य यूट्यूब वीडियो पर एक सैनिक की वर्दी पर पाकिस्तान के झंडे वाला चिह्न स्पष्ट देखा जा सकता है.
हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर पाया कि वीडियो कब और कहां शूट किया गया था लेकिन हमारी जांच में साफ है कि वीडियो कम से कम 2018 का है और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले का है.