अगस्त 2019 की एक फ़ोटो जिसमें सिखों के एक समूह को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद '35 ए' की बहाली के लिए एक बैनर पकड़े प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है, कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा फ़र्ज़ी दावों के साथ साझा की जा रही है | इसे ग़लत तरीके से दिल्ली और हरियाणा में चल रहे किसानों के विरोध से जोड़ा जा रहा है।
वायरल तस्वीर में कुछ लोग एक बैनर लिए खड़े हैं जिसमें लिखा है, 'अनुच्छेद 370, 35 ए को पुनर्स्थापित करें' और 'हम कश्मीर और कश्मीरियों के साथ खड़े हैं'।
पिछले 24 घंटों में यह तस्वीर 'किसान चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 और कश्मीर में बहाल 35A' कैप्शन के साथ वायरल हुई है और इसके अतिरिक्त व्यंगात्मक टेक्स्ट है |
यही फ़ोटो ट्विटर पर भी समान दावों के साथ शेयर किया गया है | पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, और यहां |
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नहीं, यह वीडियो कांग्रेस नेता अहमद पटेल की अंतिम यात्रा नहीं दिखाता है
फ़ैक्ट चेक
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च हाल में अपलोड की गयी तस्वीरें दिखाता है | हालांकि, गूगल सर्च में बैनर पर लिखे टेक्स्ट "Restore Article 370, 35A" डालने पर हमें यही तस्वीर दिखती है जो गूगल के विसुअली सिमिलर इमेजेज़ केटेगरी में आती है |
इस तस्वीर पर क्लिक करने पर हम 'शिरोमणि अकाली दल अमृतसर' (साद) के एक फ़ेसबुक पेज पर पहुँचे |
पेज के फ़ोटो एल्बम को खंगालने पर हमें 8 अगस्त 2019 को अपलोड एक ऐसी ही तस्वीर मिली जो आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A के निरस्त होने के तीन दिन बाद की तारीख है | तस्वीर में दिख रहे पुरुष और उनकी पोशाक वायरल फोटो की तरह ही हैं। तस्वीर अमृतसर में ली गई मालूम होती है।
पिछले साल 5 अगस्त, 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करते हुए, अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द करने की घोषणा की।
यह तस्वीर 8 अगस्त 2019 को अपलोड की गयी थी | नीचे साफ़ तौर पर देखा जा सकता है |
हज़ारों की संख्या में किसान, ज़्यादातर पंजाब से, हरयाणा पुलिस द्वारा वाटर केनन, टिअर गैस और भारी पुलिस तैनाती के बावजूद कृषि बिल्स के विरोध में दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं | किसानों ने 3 दिसंबर, 2020 को वार्ता आयोजित करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। विरोध प्रदर्शन सोमवार को अपने पांचवें दिन में पहुंचा है।
बूम ने चल रहे किसान प्रदर्शन के आसपास कई फ़र्ज़ी दावों को खारिज किया है |
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