फैक्ट चेक

पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की पिटाई का वीडियो तीन साल पुराना है

वीडियो 2016 का है जब रोहित वेमुला की आत्महत्या के ख़िलाफ प्रदर्शन करने पर दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की पिटाई की गई थी।

By - SK Badiruddin | 3 Jan 2020 4:42 PM IST

पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की पिटाई का वीडियो तीन साल पुराना है

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ देश भर में हो रहे विरोध के बाद 2016 का एक वीडियो फिर से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिल्ली पुलिस को प्रदर्शनकारियों की पिटाई करते हुए दिखाया गया है। बूम ने पाया कि वीडियो जनवरी, 2016 का है, जब छात्र पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की मौत के ख़िलाफ प्रदर्शन कर रहे थे| यह सीएए से संबंधित नहीं है। नागरिकता कानून को खत्म करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के प्रति व्यवहार के लिए दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की भारी आलोचना की जा रही है।

19 सेकेंड की लंबी क्लिप को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने सीएए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एक भ्रामक कहानी के साथ ट्वीट किया था। इस ट्वीट के साथ कैप्शन में लिखा गया था, 'पुलिस के साथ ये कौन लोग है जो महिलाओं को बुरी तरह से मार रहे है? क्या इसी तरह मोदी जी की सरकार महिलाओं का सम्मान करती है?'

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का दावा, 2014 से एनआरसी पर सरकार द्वारा कोई चर्चा नहीं की गई



फ़ेसबुक पर लखनऊ के रुप में वायरल

वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है, जहां नेटिज़न्स ने इसे लखनऊ की एक घटना बताया है। वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, ''वीडियो कथित रूप से लखनऊ का बताया और शेयर किया गया है, प्रदर्शन करने वाले लड़के और लड़कियों पर पुलिस अत्याचार साफ़ देखा जा सकता है।''


उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से झूठे दावों का खंडन किया है।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो से प्रमुख फ़्रेमों पर एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और पाया कि वीडियो न तो सीएए विरोध से संबंधित है और न ही यह उत्तर प्रदेश से है।

हम उसी वीडियो तक पहुंचे जो जनवरी 2016 में एक एबीपी न्यूज़ बुलेटिन में इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो दिल्ली का है जहां हैदराबाद स्थित रोहित वेमुला की आत्महत्या के ख़िलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की आरएसएस मुख्यालय के बाहर पिटाई की गई थी।

यह भी पढ़ें: असम पुलिस ने उन लोगों की पिटाई की जो एनआरसी में नहीं हैं? फ़ैक्ट चेक

हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर वेमुला को भाजपा की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसए) के बैनर तले "मुद्दों को उठाने के बाद, वेमुला का 25,000 रुपये का वजीफा भी रोक दिया गया था।" उनकी मृत्यु से देश भर में छात्र विरोध शुरू हुआ था। वीडियो के साथ टेक्स्ट में लिखा गया था, "दिल्ली पुलिस ने रोहित वेमुला मामले में न्याय की मांग करने वाली महिला प्रदर्शनकारियों को बेरहमी से मारा।"

Full View

2 फरवरी 2016 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी वीडियो की घटनाओं के बारे में बताया गया था।

Tags:

Related Stories