बीते सप्ताह कई वीडियोज़ और तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल रहे. इंटरनेट यूज़र्स ने इन वायरल फ़र्ज़ी और भ्रामक दावे वाले पोस्ट्स पर विश्वास करते हुए सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म पर बड़ी संख्या में शेयर किया. बूम ने जब इन वायरल तस्वीरों और वीडियो की जांच की तो ये दावे फ़र्ज़ी निकले.
बूम की साप्ताहिक रिपोर्ट 'हफ़्ते की पांच बड़ी फ़र्ज़ी ख़बरें' में इस हफ़्ते जो फ़र्ज़ी ख़बरें शामिल हैं उनमें हल्दीराम के मिक्सचर में मांस मिले होने के दावे से वायरल वीडियो, कांग्रेस को वोट न देने की प्रतिज्ञा करते लोगों का वीडियो, तमंचे के साथ पकड़ी गई मुस्लिम शिक्षिका का वीडियो, असदुद्दीन ओवैसी के समर्थकों द्वारा 'पाकिस्तान ज़िन्दाबाद' का नारालगाने का दावा करता वीडियो और गोवर्धन परिक्रमा के रास्ते में आने वाली मजारों को तोड़ने के दावे वायरल तस्वीर, शामिल हैं.
1. हल्दीराम के मिक्सचर में मांस मिले होने के दावे से वायरल वीडियो
हमने वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि वीडियो में कहीं भी हल्दीराम के किसी भी पैकेट में किसी तरह का मांस मिलाते हुए दिखाता कोई भी दृश्य नहीं है. और ना ही रिपोर्टर ने हल्दीराम के आउटलेट में छापा और रेड जैसा कुछ किया है.
हल्दीराम कंपनी के नमकीन 'मिक्सचर' में मांस मिले होने का दावा फ़र्ज़ी है
2. करौली हिंसा के बाद कांग्रेस को वोट न देने का संकल्प लेते लोगों का वीडियो
हमारी जांच में सामने आया कि वीडियो का संबंध करौली हिंसा से नहीं है. वीडियो असल में नवंबर 2017 का है, जब राजस्थान के सीकर में बेरोज़गारी के विरोध में प्रदर्शन किया गया था.
कांग्रेस को वोट ना देने की अपील वाला पुराना वीडियो करौली हिंसा से जोड़कर वायरल
3. मैनपुरी में तमंचे के साथ पकड़ी गई मुस्लिम शिक्षिका?
हमने पाया कि वायरल दावा ग़लत है. तमंचा के साथ पकड़ी गई युवती न तो मुस्लिम है और न ही शिक्षिका है. उसका नाम करिश्मा यादव है.
UP में तमंचे के साथ पकड़ी गई युवती न तो मुस्लिम और न ही शिक्षिका है
4. AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में 'पाकिस्तान ज़िन्दाबाद' के नारे लगे
वीडियो की जांच में हमने पाया कि इसमें कोई पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं लगे हैं और साथ ही यह भी पाया कि उस दौरान ओवैसी समर्थकों ने 'ओवैसी साहब जिंदाबाद' के नारे लगाए.
नहीं, असद ओवैसी के समर्थकों ने जयपुर में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे नहीं लगाए
5. गोवर्धन परिक्रमा में बाबा के बुलडोज़र ने तोड़ी अवैध मजारें
हमारी जांच में सामने आया कि मज़ार तोड़े जाने की वायरल तस्वीरें हालिया नहीं हैं. वायरल दावा भ्रामक है. मीडिया रिपोर्ट्स साल 2018 में मथुरा के गोवर्धन परिक्रमा के रास्ते में आने वाली मजारों को हटाने की पुष्टि करती हैं.
मथुरा में मज़ार तोड़ने की पुरानी तस्वीरें भ्रामक दावे के साथ वायरल