HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

सुदर्शन न्यूज़ ने तमिलनाडु में छात्र की पिटाई का वीडियो सांप्रदायिक दावे से शेयर किया

बूम ने पाया कि इस घटना में सांप्रदायिक कोण नहीं है. सुब्रमण्यम के रूप में पहचाने जाने वाले शिक्षक ने कक्षा छोड़ने के लिए छात्र की पिटाई की थी.

By - Nivedita Niranjankumar | 19 Oct 2021 11:58 AM GMT

सुदर्शन न्यूज़ (Sudarshan News) ने तमिलनाडु में एक शिक्षक द्वारा एक छात्र की पिटाई के एक वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया है. सुदर्शन न्यूज़ और इसके चीफ़ एडिटर सुरेश चव्हाणके (Suresh Chavhanke) ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में एक ईसाई शिक्षक ने हिन्दू छात्र की सिर्फ़ इसलिए क्रूरता से पिटाई कर दी क्योंकि उसने रुद्राक्ष की माला पहन राखी थी.

बूम ने पाया कि दावा झूठा है. गिरफ़्तार आरोपी शिक्षक एम सुब्रमण्यम है और उसने कक्षा छोड़ने के लिए छात्र की पिटाई की थी.

फ़िल्म शूट की तस्वीर भारतीय सेना द्वारा पीएलए सैनिकों को पकड़ने के रूप में वायरल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह घटना तमिलनाडु के चिदंबरम ज़िले के सरकारी नंदनार बॉयज़ हाई स्कूल की है, जहां एक शिक्षक को 17 साल की उम्र के नाबालिग छात्र की पिटाई करते हुए रिकॉर्ड किया गया था. वीडियो में शिक्षक को घुटनों पर बैठे छात्र को हिंसक रूप से पीटते हुए दिखाया गया है. द न्यूज़ मिनट (The News Minute) की रिपोर्ट के मुताबिक़, छात्र 12वीं कक्षा का छात्र है और गिरफ़्तार आरोपी फिजिक्स (Physics) पढ़ाता है.

सुदर्शन न्यूज़ ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में इस हिन्दू छात्र को इसलिए पीटा जा रहा है क्योंकि वह रुद्राक्ष पहने हुए था..ईसाई शिक्षक ने छात्र की क्रूरता से पिटाई की तथा स्कूल से भगा दिया..!!"


ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.


ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया ने अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया कि, "सूत्रों का यह भी दावा है कि कक्षा 12 के छात्र को ईसाई स्कूल के शिक्षक ने केवल इसलिए पीटा था क्योंकि लड़के ने रुद्राक्ष पहना था और माथे पर चंदन लगाया था."


स्मृति ईरानी के विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ वायरल वीडियो बड़ी संख्या में शेयर किया गया है. 


फ़ैक्ट चेक 

बूम की जांच में छात्र की पिटाई करने वाले शिक्षक की पहचान एम सुब्रमण्यम के रूप में की गई जो स्कूल में फिजिक्स पढ़ाते हैं.

पहला दावा

इस घटना के बारे में कई मीडिया रिपोर्ट्स में आरोपी शिक्षक की पहचान एम सुब्रमण्यम के रूप में हुई है, जो तमिलनाडु के चिदंबरम में स्थित सरकारी नंदनार बॉयज़ हाई स्कूल में फिजिक्स पढ़ाते थे.

द न्यूज मिनट, इंडिया टुडे, द हिंदू और द इंडियन एक्सप्रेस ने शिक्षक की पहचान एम सुब्रमण्यम के रूप में की है.

द न्यूज़ मिनट ने चिदंबरम के एक पुलिस उपाधीक्षक के हवाले से कहा कि घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है. "शिक्षक ने अपनी कक्षाओं में नहीं आने पर छात्र की पिटाई की. घटना का वीडियो सामने आने के बाद, शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया गया और उसे रिमांड पर ले लिया गया है. उस पर SC/ST अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसमें कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है."

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 56 वर्षीय शिक्षक एम सुब्रमण्यम को घटना के बाद SC/ST (Prevention of Atrocities) Act के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है.

एएनआई (ANI) की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुड्डालोर कलेक्टर ने घटना की जांच का आदेश दिया है और एक सरकारी स्कूल में घटना के बाद से फिजिक्स शिक्षक के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया है.

दूसरा दावा

बूम ने अपनी जांच के दूसरे हिस्से में पाया कि शिक्षक ने छात्र की पिटाई रुद्राक्ष पहनने को लेकर नहीं बल्कि कक्षा छोड़ने के लिए की थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने रिपोर्ट में बताया कि कक्षा 12 के छात्र ने सुब्रमण्यम से अपने घर से अपनी फिजिक्स की नोटबुक लाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन बाद में स्कूल के हेडमास्टर ने सात अन्य छात्रों के साथ बातचीत करते हुए पाया, जिन्होंने कक्षा छोड़ दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि शिक्षक सुब्रमण्यम ने सभी आठ छात्रों को बेंत से पीटा लेकिन "विशेष रूप से उस छात्र पर कठोरता अपनाई था जिसने उससे झूठ बोला था ..."

द न्यूज़ मिनट ने तमिलनाडु सरकार के स्कूल के हेडमास्टर के हवाले से कहा कि आठ छात्रों ने बुधवार को स्कूल के पहले घंटे में भाग लिया, लेकिन एक परीक्षा निर्धारित होने के कारण फिजिक्स की कक्षा छोड़ने का फ़ैसला किया. टीएनएम की रिपोर्ट में हेडमास्टर के हवाले से कहा गया है कि, "लेकिन दूसरे घंटे में फिजिक्स की कक्षा थी और चूंकि शिक्षक सुब्रमण्यम, रोज़ाना क्लास टेस्ट आयोजित करते हैं, इन आठ छात्रों ने कक्षा छोड़ने का फ़ैसला किया. अपने राउंड के दौरान, मैंने इन छात्रों को स्कूल की दूसरी मंजिल में बैठे देखा और उन्हें कक्षा में वापस लाया और शिक्षक से उन्हें अपनी कक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का अनुरोध किया. सुब्रमण्यम ने छात्रों से कक्षा छोड़ने के लिए सवाल किया और बाद में उन्हें मारा. एक छात्र की पिटाई का वीडियो उसी कक्षा के दो लड़कों द्वारा रिकॉर्ड किया गया था"

कांचीपुरम ज़िला तमिलनाडु से एक अलग घटना

'रुद्राक्ष पहनने पर छात्रों को परेशान कर रहा तमिलनाडु का शिक्षक' कीवर्ड के साथ खोज करने पर हमें कई असत्यापित दक्षिणपंथी वेबसाइटों पर रिपोर्ट मिली, जिसमें दावा किया गया था कि दो बच्चों के अभिभावकों ने कथित तौर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के विशेष सेल में कांचीपुरम ज़िले के एक स्कूल शिक्षक के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की थी.

हमने इस संदर्भ में ट्विटर पर एक खोज की और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के प्रवक्ता, कोवई सत्यन का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने दो माता-पिता द्वारा लिखित तमिल में एक पत्र साझा किया था और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को संबोधित किया था. बूम कथित घटना के विवरण को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका.

तमिल भाषा में लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, "एंडरसन हाई स्कूल कांचीपुरम में कक्षा 10 में पढ़ने वाले हमारे दो बेटों को क्लास टीचर जॉयसन ने पीटा और गालियां दीं क्योंकि उनके गले में रुद्राक्ष और माथे पर भभूत थी. उन्हें बोला गया कि केवल उपद्रवी और अन्य बदमाश ही ये चीजें पहनते हैं और उन्हें कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. अन्य छात्रों को भी उनके सिर पर प्रहार करने के लिए आमंत्रित किया गया था. अब उन्हें स्कूल जाने में भी डर लगने लगा है. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि स्कूल अध्यापन और प्रशासन पर कार्रवाई करें."

बूम को कांचीपुरम से कथित घटना के बारे में कोई विश्वसनीय समाचार रिपोर्ट नहीं मिली.

क्या Congress की किसान न्याय रैली में मंच से सिर्फ़ अज़ान पढ़ी गई?

Related Stories