सोशल मीडिया पर एक विशाल शिवलिंग की तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि यह वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में कथित तौर पर मिले शिवलिंग की तस्वीर दिखाती है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. असल में यह तस्वीर उड़ीसा के बालासोर में स्थित बाबा भुसंदेश्वर मंदिर की है.
वियतनाम में पाए गए शिवलिंग की तस्वीर फ़र्ज़ी दावे से वायरल
गौरतलब है कि सोमवार को कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमीशन के सर्वे के बाद हिन्दू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद परिसर के वुज़ूखाना में शिवलिंग मिला है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह शिवलिंग नहीं बल्कि महज़ एक फ़व्वारा है.
फ़ेसबुक पर एक लंबे पोस्ट के साथ इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किता तो पाया कि वायरल तस्वीर उड़ीसा के बालासोर में स्थित बाबा भुसंदेश्वर मंदिर की है. सोशल मीडिया पर किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
हमें जांच के दौरान हूबहू तस्वीर कई वेबसाइट पर मिली. ओडीकला के अनुसार बाबा भुसंदेश्वर मंदिर स्थित शिवलिंग दुनिया के सबसे बड़े शिव लिंगों में से एक है, जो ओडिशा के बालासोर जिले के भोगराई गांव में है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 12 फीट लंबे और 14 फीट चौड़े लिंगम को काले ग्रेनाइट पर उकेरा गया है और केवल आधा लिंग ही दिखाई देता है. बाकी आधा सालों से दफ़न है. लिंगम का व्यास 12 फीट है और इसके तीन भाग हैं. लिंगम का मध्य भाग अष्टकोणीय आकार का, लगभग 12 फीट व्यास और लगभग चार फीट ऊंचा है.
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बूम ने पाया कि यही तस्वीर ओडिशा सरकार के वेबसाइट baleswar.nic.in पर भी मौजूद है. तस्वीर के साथ वेबसाईट पर लिखा गया है, चंदनेश्वर उत्तर ओडिशा का एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है जो भगवान शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. चाडक मेला इस पवित्र तीर्थ का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. चाडक मेला (अप्रैल का महीना) और शिवराती के दौरान लाखों तीर्थयात्री, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और भारत के अन्य स्थानों के भक्त भगवान चंदनेश्वर की पूजा करने के लिए आते हैं.