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हैदराबाद का पुराना वीडियो संभाजी नगर में रामनवमी की झड़प से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि वीडियो अगस्त 2022 का है जब हैदराबाद में पुलिस ने टी राजा सिंह की रिहाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए कई लोगों को गिरफ़्तार किया था.

By - Mohammad Salman | 4 April 2023 6:15 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिसकर्मी घरों में घुसकर युवकों को हिरासत में लेते नज़र आ रहे हैं. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह पुलिस को छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में रामनवमी पर हुई हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को गिरफ़्तार करते हुए दिखाता है.

बूम ने पाया कि वीडियो अगस्त 2022 का है, जब हैदराबाद में पुलिस ने बीजेपी से निलंबित विधायक टी राजा सिंह की रिहाई का विरोध करने के लिए कई लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिन्हें पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में रामनवमी के मौक़े पर दो पक्षों में झड़प हो गई. इस मामले में अब तक कुल मिलाकर 12 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. वायरल वीडियो को इसी पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है.

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “अगर छुआ तो तुझे दिखा देंगे हम तुझको तेरी औकात बता देंगे..छत्रपति संभाजीनगर.”


पोस्ट यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

इसी वीडियो को बजरंग दल नाम के एक इंस्टाग्राम पेज पर शेयर करते हुए दावा किया गया कि “यह वीडियो हैदराबाद का है !! जब पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया था तो बिना चक्र (पहिया) के भारतीय ध्वज ले जाने वाले मुस्लिम लोगों ने इसके स्थान पर कुछ अरबी शब्द लिखे थे. इसकी (तेलंगाना) आर्मी और पुलिस वहां के घर में आई और उनके घर से ले गई! यह महाराष्ट्र से नहीं है!.”

साथ ही एक डिस्क्लेमर भी दिया गया है.



पोस्ट यहां देखें.

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फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन से हिंट लेकर संबंधित कीवर्ड्स के साथ खोजबीन शुरू की. इस दौरान हमें द न्यूज़ मिनट के यूट्यूब चैनल पर 25 अगस्त 2022 को अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली. हमें इस रिपोर्ट में वही दृश्य मौजूद मिले जो वायरल वीडियो में दिख रहे हैं.



“प्रदर्शनकारी हैदराबाद में बीजेपी विधायक राजा सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं” टाइटल वाली इस वीडियो रिपोर्ट में बताया गया है कि टी राजा सिंह को 22 अगस्त को पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि, पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी के पहले नोटिस नहीं दिए जाने के कारण राजा को जल्द ही रिहा कर दिया गया था. इसके बाद, हैदराबाद में गिरफ़्तारी की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आये. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ़) को तैनात किया गया था.

इसके अलावा, हमें अपनी जांच के दौरान सियासत डेली की 25 अगस्त 2022 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले एक दृश्य को कवर इमेज के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.


रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस टी राजा सिंह की गिरफ़्तारी की मांग करते प्रदर्शनकारियों के घरों में घुस गई और क़रीब 50 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया.

25 अगस्त 2022 को प्रकाशित एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए गिरफ़्तार किए जाने के बाद जमानत पर रिहा हुए बीजेपी से निलंबित विधायक टी राजा सिंह के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर देर रात हैदराबाद में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ जमा हो गई.

पुलिस ने धार्मिक नारे लगाने, पुतले जलाने और पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. चारमीनार सहित हैदराबाद के पुराने शहर क्षेत्र में कई अन्य स्थानों से भी विरोध प्रदर्शन हुए थे.

हमने अपनी जांच में यह भी पाया कि इस घटना से महज़ दो महीने पहले जून 2022 में पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने के आरोप में चौतरफ़ा घिरी नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ तेलंगाना सहित देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान हैदराबाद में कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारतीय ध्वज में अशोक चक्र को कलमा (मुसलमानों द्वारा पढ़े जाने वाले मूल मंत्र) के साथ बदल दिया था. हालांकि, हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया हो कि प्रदर्शनकारियों के इस कृत्य के लिए उनपर कार्यवाई की गई थी.

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