सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि दक्षिण भारत में एक नदी किसी जादुई प्रभाव के कारण सिर्फ़ एक महीने अस्तित्व में रहती है. वीडियो में एक सूखी नदी दिख रही है जिसमें तेज़ी से पानी की धारा आती हुई दिखाई दे रही है. वीडियो के साथ ये कहा जा रहा है कि ये नदी सिर्फ़ पितृपक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है और दीपावली की अमावस्या को विलीन हो जाती है.
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फ़ेसबुक पर इसे एक यूज़र ने शेयर करते हुए कैप्शन दिया 'दक्षिण भारत की यह नदी पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है औरदीपावली के दिन अमावस्या को विलीन हो जाती है .सिर्फ एक महीना है ना प्रकृति का अदभुत चमत्कार'
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बूम ने वीडियो की सच्चाई जानने के लिये इसको कीफ्रेम में तोड़कर रिवर्स इमेज सर्च किया तो इस वीडियो का एक और वर्जन हमें मिला. ये वीडियो 19 September 2017 को YouTube पर अपलोड किया गया था. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा था तमिलनाडु के एक क़स्बे Mayavaram में कावेरी नदी का जल प्रवेश करता हुआ.
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इस वीडियो को देखने के बाद हमने इससे मिलते जुलते कुछ कीवर्ड सर्च किये तो The Hindu की एक रिपोर्ट में हमें इस घटना कीविस्तृत जानकारी मिली. 19 September 2017 की इस रिपोर्ट में बताया गया कि कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी का पानी Mettur Dam में छोडा था.
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पानी की मात्रा ज़्यादा थी इसलिये काफ़ी गति में पानी बह रहा था. खबर के मुताबिक़ स्थानीय लोग भारी संख्या में नदी के किनारे पूजा करने के लिये इकठ्ठा हो गये थे. रिपोर्ट में बताया गया कि सोमवार को शहर में बहने वाली झाग से भरी ताजा पानी की लहरों के स्वागत के लिए जनता और भक्तों ने मां कावेरी की आरती की, फूलों की वर्षा की और पूजा-अर्चना भी की.
2017 की इस रिपोर्ट के मुताबिक़ नदी के किनारे पवित्र स्थानों में मनाए जा रहे महा पुष्करम कार्यक्रम के लिए मेट्टूर बांध से छोड़ा गया पानी मयिलादुथुराई पहुंचने की उम्मीद है जहां कावेरी थुला कट्टम में मुख्य कार्यक्रम मनाया जा रहा है.