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फैक्ट चेक

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ट्विटर पर हैं ही नहीं, वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है

पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के नाम पर फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट का यह पहला मामला नहीं है. हमने पिछले दिनों में इस तरह के कई ट्विटर हैंडल और ट्वीट का फ़ैक्ट चेक किया है.

By - Mohammad Salman | 2 Jun 2021 8:48 PM IST

सोशल मीडिया पर पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के नाम पर बने एक ट्विटर हैंडल (Twitter Handle) से हिन्दू-मुस्लिम (Hindu-Muslim) के दावे के साथ किया गया एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट काफ़ी वायरल है. नेटीज़ेंस वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को असल मानते हुए ख़ूब शेयर कर रहे हैं. वायरल ट्वीट में हिन्दू-मुस्लिम के बीच भाईचारे पर सवाल उठाया गया है.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल ट्वीट पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई द्वारा नहीं किया गया. दरअसल यह उनके नाम पर बने फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया है.

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वायरल ट्वीट में लिखा है, "आजकल एक फैशन चल रहा है भाईचारे के नाम पर मंदिरों में नमाज़ कराई जाती है, इफ्तारी दी जाती है, ईद के लिए कपड़े और सेवईयां भिजवाई जाती है, हमारे सत्संगी मौला मौला जप रहे हैं. पर क्या कभी किसी मस्जिद में हवन, मस्जिद के लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा सुना है नहीं न फिर कैसा भाईचारा है ये..?"

फ़ेसबुक यूज़र मनोज कुमार सिंह ने इस ट्वीट को असल मानते हुए रंजन गोगोई के इन विचारों पर सवाल उठाए. उन्होंने कैप्शन में लिखा, "हम सभी परेशा रहते है कोई यह कैसे कह देता है वह कैसे कर देता है, उच्च शिक्षा अति सुलझे व्यक्ति की सोच ऐसे कैसे यह क्यों? भारत के सर्बोच्च अदालत के सर्बोच्च पद से रिटायर हो चूके गगोई जी के इस लेख से हम समझ सकते है, सत्य कथन तो हो सकते है,सम्पूर्ण नही,,हम शायद ही इस वैचारिक दर्द से निकल पाये,इस का सीधा सा भाव,जो तुम्हे किचड़ लगाये उसे तुम भी किचड़ में धकेल दो,वह गाली दे तो तुम भी दो,,वाह रे जज साहब,,लाभ की यह चिंगारी आप को जरूर राष्ट्रपति बना सकती है."

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

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वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है.

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने जब वायरल ट्वीट की वास्तविकता जांचने के लिए ट्विटर हैंडल @SGBJP – को सर्च किया तो हमें यह हैंडल सस्पेंड हुआ मिला. इससे स्पष्ट हो गया कि रंजन गोगोई के नाम पर बनाये गया यह हैंडल अब ट्विटर पर मौजूद नहीं है.


हमने अपनी जांच के दौरान आगे पाया कि ट्वीट में कही गई हूबहू बातें पहले भी दूसरे यूज़र्स द्वारा शेयर की जा चुकी हैं.

इससे इस बात की पुष्टि होती है कि अपनी मनगढ़ंत बातों को पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई के नाम पर शेयर किया गया है, ताकि रीडर्स इन बातों को सही मानें.

बूम ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई से संपर्क किया था, जिसमें उन्होंने साफ़ किया था कि वो ट्विटर पर मौजूद नहीं हैं. हमने पहले भी जस्टिस रंजन गोगोई के नाम पर बने कई फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल का पर्दाफ़ाश कर चुके हैं.

पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई के नाम से बने फ़र्ज़ी ट्विटर पर हमारी फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट यहां, यहां, यहां और यहां पढ़ें.

वायरल ट्वीट पूर्व CJI रंजन गोगोई के फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया है

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