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फैक्ट चेक

क्या राम नवमी के दौरान बुर्ज ख़लीफ़ा पर भगवान राम की तस्वीर लगाई गई? फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर में भगवान राम की छवि को एडिट कर छोड़ा गया है. बुर्ज ख़लीफ़ा पर भगवन राम की कोई तस्वीर प्रोजेक्ट नहीं की गयी है.

By - Sachin Baghel | 2 April 2023 1:35 PM GMT

दुबई की लोकप्रिय गगनचुंबी इमारत बुर्ज ख़लीफ़ा पर हिंदू देवता राम की तस्वीर को डिजिटल रूप से बदल कर इस झूठे दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि यह तस्वीर प्रतिष्ठित इमारत पर हिंदू त्योहार राम नवमी के उत्सव का हालिया उदाहरण दिखाती है.

बूम ने पाया कि बुर्ज ख़लीफ़ा पर हिंदू देवता राम की तस्वीर को डिजिटल रूप से एडिट किया गया है. असल तस्वीर जो कि एक स्टॉक तस्वीर है, उसमें राम की फोटो नहीं है.

30 मार्च, 2023 को मनाई गई रामनवमी के त्योहार के बाद देश भर से छिटपुट हिंसा की कई घटनाएं हुईं. न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में पथराव और आगजनी की कई घटनाओं ने त्योहार के दौरान सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया.

म्यूट आइकन के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की गई वायरल तस्वीर, बुर्ज ख़लीफ़ा पर हिंदू देवता राम के लेजर प्रोजेक्शन को दिखाने वाले वीडियो का स्क्रीनशॉट प्रतीत होती है. दुबई अपने अद्वितीय लेजर के प्रदर्शन और गगनचुंबी इमारत पर शो के लिए जाना जाता है.

एडिटेड तस्वीर के ऊपर "जय श्री राम" लिखा हुआ है. यह तस्वीर एक कैप्शन के साथ वायरल है, "नए भारत की ताकत. दुबई के बुर्ज खलीफा पर राम नवमी समारोह."

इस दावे से शेयर की गई पोस्ट को यहां और यहां देखें.



 यह तस्वीर ट्विटर पर भी इसी तरह के दावों के साथ प्रसारित हो रही है. आर्काइव वर्जन यहां देखें.

म्यूट आइकन और इमोजी के साथ यही तस्वीर ट्विटर पर भी शेयर की गई. इससे पता चलता है कि वायरल तस्वीर को फ़ेसबुक पर स्टोरी के तौर पर शेयर की गई तस्वीर से काट कर बनाया गया है.


बूम को फ़ैक्ट चेक के लिए व्हाट्सएप टिपलाइन (+91 7700906588) पर भी यह तस्वीर प्राप्त हुई.



फ़ैक्ट चेक 

बूम ने बुर्ज खलीफ़ा के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज की जांच की और पाया कि इसपर हाल ही में 26 मार्च को बांग्लादेश के 52वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रदर्शनी लगाई गई थी. उसी दिन इस इमारत पर शाम को एक घंटे के लिए अनावश्यक रोशनी बंद करके पृथ्वी के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक आंदोलन को लेकर एक संदेश भी प्रदर्शित किया.

30 मार्च को इसी फ़ेसबुक पेज द्वारा एक पोस्ट में कहा गया कि सीजन का आखिरी लेजर और लाइट शो 31 मार्च को आयोजित किया जाएगा.

हम फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम के बुर्ज ख़लीफ़ा के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों पर ऐसी कोई भी पोस्ट खोजने में असफल रहे, जिसमें यह बताया गया हो कि गगनचुंबी इमारत पर 30 मार्च को रामनवमी उत्सव के दृश्य प्रदर्शित किए गए थे.

इसके अतिरिक्त, बूम को बुर्ज ख़लीफ़ा से सम्बंधित कोई प्रामाणिक समाचार रिपोर्ट या आधिकारिक बयान नहीं मिला, जिसमें कहा गया हो कि बुर्ज ख़लीफ़ा पर रामनवमी मनाने के लिए राम की तस्वीर प्रदर्शित की गयी.

बूम ने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो स्टॉक फोटो साइट्स, istockphoto और Adobe स्टॉक पर एक बहुत ही समान तस्वीर मिली. हालाँकि, इस तस्वीर में पूरे टॉवर को बिना किसी हिंदू देवता के प्रोजेक्टेड दृश्यों के दिखाया गया. फोटो को फरवरी, 2016 में स्टॉक इमेज साइट पर अपलोड किया गया था.



 हमने वायरल तस्वीर के साथ स्टॉक इमेज की तुलना की और पाया कि वायरल तस्वीर के अन्य तत्व एकदम सटीक थे, जिससे पता चलता है कि वायरल तस्वीर को एडिटेड किया गया है.



बूम ने पहले ऑनलाइन एडिटिंग ऐप 'ब्यूगो' के साथ बनाए गए एक छेड़छाड़ वाले वीडियो को फ़ैक्ट चेक किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बुर्ज ख़लीफ़ा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की छवि को प्रोजेक्ट किया था. ये ऐप उपयोगकर्ताओं को बुर्ज ख़लीफ़ा पर उनकी चुनी हुई छवि के साथ लेजर डिस्प्ले प्रोजेक्ट करने की अनुमति देता है.

वायरल तस्वीर पर आधिकारिक टिप्पणी के लिए बूम ने बुर्ज ख़लीफ़ा के जन संपर्क अधिकारियों से भी संपर्क किया है; प्रतिक्रिया मिलने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा. 

ये तस्वीर आज़ाद भारत की पहली इफ़्तार पार्टी की नहीं है

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