सोशल मीडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन की पेपर लिए एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है. तस्वीर में वह पुलिस थाने के बाहर खड़े होकर हाथ में लिए एक पत्र को दिखाती नजर आ रही हैं. तस्वीर को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पााया कि वायरल तस्वीर नवम्बर 2014 की है. जब जशोदाबेन ने अपनी सुरक्षा के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए मेहसाणा में आरटीआई आवेदन दायर किया था.
गौरतलब है इस साल अप्रैल और मई तक लोकसभा चुनाव होने की संभावना है. इस चुनावी सरगर्मियों के बीच इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी के परिवार पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने नाम के आगे ‘मोदी का परिवार’ जोड़ दिया है.
एक्स पर वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'मुझे भी सात फेरों की गारंटी दी थी वो गारंटी पूरी हुई क्या..?'
फेसबुक पर भी यह तस्वीर इसी भ्रामक दावे के साथ वायरल है.
फैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इकोनॉमिक टाइम्स की 26 नवम्बर 2014 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि राज्यसभा में एक कांग्रेस सदस्य ने जशोदाबेन के सुरक्षा के लिए आरटीआई आवेदन दायर करने के मुद्दे उठाया, लेकिन सभापति ने उसे अस्वीकार कर दिया.
इससे संकेत लेकर हमने मीडिया रिपोर्ट्स सर्च कीं. हमें बीबीसी और टाइम्स ऑफ इंडिया की न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. बीबीसी की 25 नवंबर 2014 को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, जशोदाबेन ने गुजरात में मेहसाणा में पुलिस अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के संबंध में एक आरटीआई आवेदन दायर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि वह भारत के माननीय प्रधानमंत्री की पत्नी हैं. वह अपने भाई के साथ रहती हैं.
रिपोर्ट में जशोदाबेन के हवाले से लिखा गया, 'मैं जानना चाहती हूं कि भारत के कानून और संविधान के किन प्रावधानों के तहत मुझे क्या सुरक्षा प्रदान की जा रही है? और प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में मुझे क्या अधिकार मिलते हैं.'
टाइम्स ऑफ इंडिया 25 नवंबर 2014 की अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इंदिरा गांधी की हत्या का हवाला देते हुए जशोदाबेन ने अपने सुरक्षा कर्मियों की सारी जानकारी मांगी है और कहा कि वह और उनके परिवार के सदस्य उनसे बहुत डरे हुए हैं. रिपोर्ट में आगे बताया गया कि तीन पन्नों के पत्र में वह पांच बार खुद को मोदी की पत्नी कहती हैं. उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें प्रदान की जाने वाली सुरक्षा से संबंधित सभी आदेशों की प्रमाणित कॉपियां भी मांगी हैं.
दोनों ही खबरों में जशोदाबेन को पत्र की कॉपी लिए एक पार्क के बाहर खड़ा देखा जा सकता है.
हमें 24 नवंबर 2014 की एएफपी की पर एक तस्वीर मिली, जिसमें बताया गया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी और सेवानिवृत्त स्कूल-शिक्षक जशोदाबेन ने 24 नवंबर को मेहसाणा में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को उन्हें मिलने वाली सरकारी सुरक्षा के बारे में जानकारी पाने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया गया है. तस्वीर दायर किए गए आरटीआई आवेदन की एक कॉपी के साथ डीएसपी कार्यालय से बाहर निकलते समय की है.
हमें एनडीटी की वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें जशोदाबेन को मेहसाणा थाने के बाहर मीडिया को बाइट देते हुए देखा जा सकता है.
पड़ताल से स्पष्ट है कि जशोदाबेन की वायरल तस्वीर नवम्बर 2014 में अपनी सुरक्षा के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए दायर किए गए आरटीआई आवेदन की है.