इजरायल-हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर इससे जोड़कर तमाम वीडियो और तस्वीरें तरह-तरह के दावों से वायरल हो रहीं हैं. ऐसा ही एक वीडियो जिसमें कुछ बुर्का पहने औरतें भारतीय ध्वज 'तिरंगे' को लेकर चलती नज़र आ रही हैं. वीडियो को इजरायल हमास संघर्ष के जोड़कर दावा किया जा रहा है कि फिलिस्तीनी औरतें इजरायल की सेना से बचने के लिए भारतीय तिरंगे का इस्तेमाल कर रही हैं क्योंकि इजरायली सेना भारतीय को नहीं मार रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो इराक में आयोजित होने वाली अरबईन यात्रा का है और इसे कर्नाटका के व्यक्ति ने शूट किया है. इसका इजरायल-हमास जंग से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "फिलिस्तीन के मुस्लिम 🧕 तिरंगे का उपयोग कर के फिलिस्तीन से निकल रहे हैं 🥺🤢... क्योंकि , तिरंगा 🇮🇳देख कर इजराइल नहीं मार रहा इन आतंकियों को."
इसी दावे से यह वीडियो फ़ेसबुक पर अनेक यूज़र्स ने शेयर किया है. यहां देखें.
हमें यह वीडियो फ़ैक्ट चेक करने के अनुरोध के साथ इसी दावे से टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 2 सितम्बर 2023 को अपलोड किया गया यूट्यूब शॉर्ट्स मिला जिसमें वायरल वीडियो को हूबहू देखा जा सकता है. शॉर्ट वीडियो का शीर्षक 'अरबईन 2023 में भारतीय मोमिनीन' (Indians Momineen on Arbaeen 2023) है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ. इससे स्पष्ट संकेत मिलता है वायरल वीडियो इजरायल-हमास संघर्ष से पहले का है.
अरबीन 2023 से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो कर्बला, इमाम हुसैन और अरबीन 2023 हैशटैग के साथ कई इंस्टाग्राम पोस्ट मिले. यहां, यहां और यहां देखें.
इंस्टाग्राम पर सबसे पुराना पोस्ट 31 अगस्त 2023 का मिला. पोस्ट का कैप्शन 'अरबीन वॉक 2023' है.
इस अकाउंट की पड़ताल करने पर हमें इस तरह के और भी वीडियो मिले जिसमें पुरुष और बुर्का पहने हुए महिलाएं तिरंगे को लेकर चल रहीं हैं. ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि इस तरह की सभी वीडियो अगस्त और सितम्बर 2023 की हैं.
बूम ने फ़लक हक़ नामक इस इंस्टाग्राम हैंडल से संपर्क किया. फ़लक हक़ के पति अली हक़ ने बूम को बताया कि यह वीडियो उन्होंने ही शूट किया है. आगे उन्होंने कहा- "हम 30-31 अगस्त को नज़फ से कर्बला शहर के लिए निकले और 1 सितंबर को वहां पहुंचे. मेरी पत्नी दाहिने कोने में काले बैग के साथ हैं. मैंने यह वीडियो शूट किया और उसने इसे अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया."
आगे उन्होंने बताया कि "ऐसे लाखों लोग हैं जो एक ही समय में तीर्थयात्रा करते हैं और अधिकांश टूर ऑपरेटरों को हमारी पहचान की आवश्यकता होती है और चूंकि भारत से कई समूह थे, इसलिए हम भारतीय झंडा ले जा रहे थे. दूसरे देशों के लोग भी अपना-अपना झंडा लेकर चल रहे थे. इसका फ़िलिस्तीन या इज़राइल से कोई संबंध नहीं है. मैं और मेरी पत्नी कर्नाटका के बीदर शहर से हैं और अब हम घर वापस आ चुके हैं."
इनसे मदद लेते हुए हमने अरबीन 2023 के बारे में पड़ताल की. अल-जरीरा की 7 सितम्बर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, 'अरबीन यात्रा आशूरा के दिन के बाद 40 दिनों के शोक की अवधि के अंत का प्रतीक है. यह धार्मिक अनुष्ठान पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की मृत्यु की याद में मनाया जाता है. इमाम हुसैन ने कर्बला में यज़ीद सेनाओं के खिलाफ 680 ई. में लड़ाई लड़ी थी, इस युद्ध के दौरान वह शहीद हो गए थे.'
अरबईन मार्च इराक़ देश के दो बड़े मज़हबी शहरों नजफ़ और क़र्बला के बीच होता है. नजफ़ में इमाम हुसैन के पिता हज़रत अली की दरगाह है. हर साल, दुनिया भर से मुख्यता लाखों शिया मुसलमान और अन्य धर्मों के लोग इसमें शामिल होते हैं.
एनडीटीवी की 8 सितम्बर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत से एक लाख से ज्यादा शिया मुसलमानों ने हिस्सा लिया. इनमें से कई लोगों को भारतीय झंडा लिए हुए भी देखा गया. उनकी सुविधा के लिए विशेष खाने-पीने की व्यवस्था की गई.
एनडीटीवी की 6 सितम्बर 2023 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमें इराक के कर्बला शहर गए भारतियों से बात की गई है. इसमें विशेष रूप से ऐसे लोगों से बात की गयी जो यात्रा के दौरान भारतीय तिरंगा को लेकर चल रहे थे. रिपोर्ट में कई महिलाओं को भी तिरंगे के साथ देखा जा सकता है.
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो इजरायल-हमास के बीच शुरू हुए संघर्ष से पहले का है और इराक के कर्बला शहर में होने वाली अरबीन यात्रा का है.
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