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फैक्ट चेक

जबलपुर में मुस्लिमों पर लाठीचार्ज का वीडियो UP का बताकर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो जबलपुर में ईद-ए-मिलादुन्नबी के दिन जुलूस निकाल रही भीड़ पर पुलिस के लाठीचार्ज का है.

By - Devesh Mishra | 27 Oct 2021 7:05 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वो उत्तर प्रदेश का है. वायरल वीडियो एक गली का है जहां ढेर सारे मुस्लिम लोगों पर पुलिस के जवान लाठीचार्ज करते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में लोग सड़क पर बैठे दिख रहे हैं और पीछे से पुलिसबल उन पर लाठीचार्ज कर रहे हैं.

त्रिपुरा में हिंदुत्ववादी भीड़ के नाम से वायरल हिंसक वीडियो पुराना है

सोशल मीडिया पर इसे शेयर कर हालिया भारत-पाकिस्तान मैच से जोड़कर भी कई दावे किये जा रहे हैं जिनके मुताबिक़ पाकिस्तान के जीतने पर मुस्लिमों ने आतिशबाजी की और सड़क पर नमाज़ भी पढ़ी जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. बूम ने अपनी जाँच में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के जबलपुर का है.

Indian express की रिपोर्ट के मुताबिक़ 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में निकले ईद के जुलूस में कई जगह पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस के मुताबिक़ जबलपुर में प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट को न मानकर कुछ उपद्रवी लोगों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया है.

शाहरुख़ खान की एडिटेड तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

फ़ेसबुक पर इस वीडियो को शेयर कर एक यूज़र वे कैप्शन लिखा 'केजरीवाल को.योगी जी से सीख लेनी चाहिए. कि देश के गद्दारो से कैसे निपटा जाता है,U.P. में पाकिस्तान की जीत और भारत की हार का जश्न मनाया जा रहा था पटाखे जलाकर और खुशी की नमाज पढ़ कर। तभी योगी आदित्यनाथ जी की बहादुर पुलिस पहुंच गई.



(पोस्ट यहाँ देखें)

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फ़ैक्ट-चेक

बूम ने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिये इसे ध्यान से देखा तो वीडियो के एक हिस्से में एक दुकान 'एस दीन टेलर्स' का बोर्ड नज़र आ रहा था. इसके अलावा वीडियो के एक हिस्से में 'friends shoes' नाम की एक दुकान का भी बोर्ड नज़र आ रहा था.


 काफ़ी खोजबीन करने पर दोनों ही दुकानों की लोकेशन सूजी मोहल्ला, गोहलपुर (जबलपुर) दिखा रहा था.

बूम ने वायरल वीडियो में दिख रही दुकान 'एसदीन टेलर्स' में वायरल वीडियो के बारे में जानकारी के लिये संपर्क किया. दुकान के एक सदस्य इरफ़ान ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो उनकी ही गली का है. उन्होंने कहा कि ये वीडियो ईद के दिन निकले जुलूस के बाद पुलिस के लाठीचार्ज का है. उन्होंने कहा कि उस दिन उनकी दुकान बंद थी.

कीर्तन करते शिवराज सिंह चौहान का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

इरफ़ान के बूम को उस गली की कुछ तस्वीरें भी भेंजीं जिनसे ये स्पष्ट हो सका कि ये जबलपुर के गोहलपुर की ही घटना है.

हमने प्राप्त जानकारी के आधार पर कुछ कीवर्ड सर्च किये तो Navbharat Times की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक़ 19 अक्तूबर को ईद के दिन कोई जगह निकले ईद मिलादुन्नबी के जुलूस का रास्ता मछली मार्केट से होते हुए सुब्बा शाह मैदान तक का तय था. संवेदनशील माने जाने वाले मछली मार्केट पहुंचने पर जुलूस में शामिल कुछ युवकों ने पुलिस का बैरिकेड हटाने की कोशिश की.

वे जुलूस को दूसरे रास्ते ले जाना चाह रहे थे. पुलिस ने उन्हें रोका तो वे बहस करने लगे.इसी बीच कुछ लोग पुलिस पर जलते हुए पटाखे फेंकने लगे. उन्होंने पथराव भी शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया.

मुस्लिम बाप-बेटी की तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल


बूम को इसी घटना से जुड़ी Dainik Bhaskar की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो के एक हिस्से को दिखाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक़ जबलपुर में ईद के जुलूस के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. बूम को इरफ़ान ने इसी जगह की एक तस्वीर भेजी है जो सूजी मोहल्ला गोहलपुर की है. इन दोनों तस्वीरों को देखने पर साफ़ पता चलता है कि ये एक ही दुकान की तस्वीरें हैं.


शाहरुख़ खान की एडिटेड तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

19 अक्टूबर को MP Tak पर इसी घटना से संबंधित एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है. वीडियो रिपोर्ट में हूबहू वही फुटेज दिखाया गया है जो वायरल वीडियो में है.

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 बूम ने इस घटना के संबंध में जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि वायरल वीडियो जबलपुर का ही है और 19 अक्तूबर को हुए उपद्रव के बाद लाठीचार्ज का है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जुलूस निकालने के लिये जो मार्ग तय किया था उसके इतर कुछ उपद्रवी लोग पुलिस बैरिकेड हटाकर जाने की कोशिश कर रहे थे.

भीड़ में कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके जिसके बाद पुलिस को बलपूर्वक स्थिति नियंत्रण में लेना पड़ी. सिद्धार्थ ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में लगभग 20 लोगों को हिरासत में भी लिया था जिनकी जाँच अभी की जा रही है.

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