सोेशल मीडिया पर बीजेपी नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो क्लिप काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में गडकरी कह रहे हैं कि आज अच्छे रोड, अस्पताल, स्कूल और पीने के लिए शुद्ध पानी न होने की वजह से गांव के गरीब लोग, मजदूर, और किसान दुखी हैं. यूजर वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वह अपनी ही सरकार की बुराई कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अधूरा है, नितिन गडकरी की अधूरी बात को भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है. मूल वीडियो में वह कहते हैं कि कृषि क्षेत्र में विकास हुआ तो है लेकिन दूसरों क्षेत्रों की तुलना में कम हुआ है.
दरअसल, इस साल अप्रैल और मई तक लोकसभा चुनाव होने की संभावना है. वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होने वाला है. चुनाव की तैयारियों के बीच तमाम फोटो-वीडियो झूठे और भ्रामक दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं. इसी क्रम में नितिन गडकरी का वीडियो वायरल है.
कांग्रेस के अधिकारिक एक्स अकाउंट और फेसबुक अकाउंट पर यह वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया, 'आज गांव, गरीब, मजदूर और किसान दुखी हैं. गांवों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं. - मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी.'
आर्काइव पोस्ट यहां देखें.
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने भी यह वीडियो इसी दावे से शेयर किया है.
फैक्ट चेक
बूम ने देखा कि वायरल वीडियो क्लिप हिंदी न्यूज वेबसाइट 'द लल्लनटॉप' के शो 'जमघट' की है. वीडियो को 29 फरवरी को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. इस दौरान गडकरी से उनकी पॉलिटिकल यात्रा, उनके मंत्रिमंडल पोर्टफोलियो और सरकार से जुड़े तमाम सवाल पूछे गए.
15 मिनट 22 सेकंड पर नितिन गडकरी से देश में चल रहे किसानों आंदोलन की बात करते हुए किसानों के लिए फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन के बारे उनका अनुभव पूछा गया. जबाव में नितिन गडकरी कृषि का ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर विविधीकरण करने की बात कहते हैं. वह कहते हैं इस देश का किसान केवल अन्नदाता नहीं, ऊर्जा दाता और विटामिन दाता भी बन सकता है.
इसके बाद गडकरी आगे कहते हैं, 'देश के विकास में हमारी कृषि विकास दर जीडीपी में केवल 12 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर करीब 22-24 प्रतिशत और सर्विस सेक्टर 52-54 से प्रतिशत की हिस्सेदारी करता है. हमारे कृषि पर जो जनसंख्या निर्भर होती है वो 65 प्रतिशत है. जब गांधी जी थे तब 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती थी और धीरे-धीरे यह तीस प्रतिशत का माइग्रेशन क्यों हुआ?'
इसके बाद 18 मिनट 19 सेकंड से 18 मिनट 39 सेकंड के बीच गडकरी कहते हैं, 'इसका कारण आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी है. इसका कारण ये है की जल, जमीन, जंगल और जानवर रूरल, एग्रीकल्चर, ट्राइवल ये जो इकोनॉमी है यहां अच्छे रोड नहीं है पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है अच्छे अस्पताल नहीं है अच्छे स्कूल नहीं है, किसान की फसल को अच्छे भाव नहीं है.'
मूल वीडियो के इसी वाले हिस्से को बीच से काटकर भ्रामक संदर्भ के साथ वायरल किया गया है. जबकि वीडियो में वह इसके आगे वह कहते हैं, 'और यह जो सस्टेनबल डेवलपमेंट जो होना था, हुआ है. ऐसा नहीं है कि नहीं हुआ. हुआ है, पर जितना दूसरे सेक्टर में हुआ, उतना नहीं हुआ. हमारी सरकार आने के बाद हम भी बहुत काम कर रहे हैं.'
पड़ताल से स्पष्ट है कि नितिन गडकरी के अधूरे बयान को भ्रामक दावे से शेयर किया गया है.