सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि केरल के वायनाड (Waynad) में मुस्लिमों ने भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा को नुक़सान पहुँचाया है. वीडियो में एक शख़्स तलवार लेकर आम्बेडकर की मूर्ति को तोड़ता नज़र आ रहा है जिससे मूर्ति का सिर अलग होता दिख रहा है. वीडियो में सड़क पर काफ़ी भीड़ दिख रही है जो नारेबाज़ी कर रही है.
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वीडियो को सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नैरेटिव बनाते हुए शेयर किया जा रहा है.
फ़ेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया गया 'केरल में शांतिदूतों द्वारा खुलेआम तलवार लेकर डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किया गया।भाइयों जय भीम और जय मीम का नारा लगाने वाले इस समय कहाँ है और खामोश क्यों हैं?
फ़ेसबुक पर इस वीडियो को कई अकाउंट्स से बिल्कुल इसी दावे के साथ शेयर किया गया है.
ट्विटर पर भी ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है कि केरल में मुसलमानों ने अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी है.
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हमने इस वीडियो की सत्यता जानने के लिये इससे जुड़े कुछ कीवर्ड्स गूगल सर्च किये. हमें इस घटना से जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनसे ये पता चला कि ये घटना केरल के वायनाड की नहीं बल्कि तमिलनाडु की है. एक और तथ्य से पता चला कि इस घटना में मुस्लिम समुदाय का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं था.
26 अगस्त 2019 की Tamil Indian Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ तमिलनाडु के Nagapattinam ज़िले के Vedaranyam पुलिस स्टेशन के सामने कुछ उपद्रवी तत्वों ने आम्बेडकर की मूर्ति तोड़ दी. रिपोर्ट में लिखा है कि Pandian नाम का एक व्यक्ति बाजार में जीप चला रहा था जिससे 24 वर्षीय दलित युवक Ramchandran का एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद वहाँ मौजूद लोगों ने ग़ुस्से में जीप को आग लगा दी.
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इसके बाद इलाक़े में तनाव का माहौल बन गया और दोनों पक्षों के लोग पथराव और आगज़नी करने लगे. रिपोर्ट के मुताबिक़ वहाँ काफ़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था. कहा जा रहा है कि गाड़ी चलाने वाला व्यक्ति तथाकथित ऊँची जाति से संबंधित था और ये पूरा विवाद ऊँची जाति और नीची समझी जाने वाली जातियों के बीच का था.
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हमें Free press Journal के यूट्यूब चैनल में एक विडियो मिला जिसे 26 अगस्त, 2019 को पब्लिश किया गया था. इस विडियो में 00:32 मिनट पर आपको वही विजुअल्स दिखेंगे जिसे वायनाड का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में बताया गया है हिंदू समुदाय के ही दो पक्षों में संघर्ष के बाद एक पक्ष ने आम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी थी. इस घटना के बाद इलाक़े में काफ़ी तनाव हो गया था इसलिये वहाँ भारी पुलिस बल तैनात किया गया.
इस घटना की तमिलनाडु के तमाम नेताओं और बुद्धिजीवियों ने आलोचना की थी. Indian Express की खबर के मुताबिक़ 28 लोगों को इस घटना के बाद गिरफ़्तार किया गया था और उस जगह आम्बेडकर की एक कांसे की नई प्रतिमा दोबारा लगा दी गई.
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