सोशल मीडिया पर भगवान राम की मूर्ती को हाथ लगाए दिख रहे एक व्यक्ति की पुरानी तस्वीर इस झूठे दावे के साथ वायरल है कि मुस्लिम कलाकार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए मूर्ति बना रहे हैं.
बूम ने अपनी जांंच में पाया कि वायरल तस्वीर बेंगलुरु के रहने वाले 'सद्दाम हुसैन' की 2019 की है. बूम को हुसैन ने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के लिए कोई मूर्ति नहीं बनाई है.
ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निमार्ण कार्य तेजी से जारी है. 22 जनवरी 2024 को मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. आजतक की न्यूज़ रिपोर्ट ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के हवाले से बताया कि कर्नाटक और राजस्थान से लाई गई दो चट्टानों में से तीन मूर्तियां बनाई जा रही हैं. जिसमें से एक सर्वश्रेष्ठ मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा. इन मूर्तियां को गणेश भट्ट, अरुण योगीराज और सत्यनारायण पांडे तैयार कर रहे हैं.
इसके अलावा इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल के दो मुस्लिम मूर्तिकारों ने अयोध्या में राम मंदिर के आगामी भव्य उद्घाटन के लिए फाइबर से बनी भगवान राम की मूर्तियां तैयार की हैं. इन मूर्तियों को भक्तों द्वारा पूजा के लिए गर्भगृह से बाहर मंदिर परिसर के बाहर रखा जाएगा. इन्हीं सन्दर्भ से जोड़ते हुए ये तस्वीर झूठे दावे के साथ वायरल की जा रही है.
एन अशरफ़ी नाम के फे़सबुक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,''इन संघियों को 110 करोड़ हिंदुओं में से एक भी मूर्तिकार नहीं मिला...चले हैं एक हिंदू राष्ट्र बनाने...''
प्लेटफॉर्म X पर भी इसी दावे के साथ ये तस्वीर वायरल है.
फै़क्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए तस्वीर की को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2019 की कई न्यूज़ रिपोर्टें मिलीं, जिनमें यह तस्वीर थी. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस द्वारा अप्रैल 09, 2019 को प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट में तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया, " 14 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के लिए सद्दाम हुसैन सोमवार को राजाजीनगर में राम मंदिर में रखी मूर्तियों की सफाई करते हुए."
रिपोर्ट में आगे लिखा गया, ''यह व्यक्ति पूरे मंदिर परिसर की साफ-सफाई करता है. पूरे मन और आत्मविश्वास से अपना काम करता है. नाम पूछने पर गर्व से अपना नाम "सद्दाम हुसैन" बताता है." हुसैन ने केवल कक्षा 2 तक पढ़ाई की है. एक दुकान पर काम करता है अपने इलाके में लोगों को घर बदलने में मदद करता है और ऑटो भी चलाता है."
ANI की अप्रैल 11, 2019 की रिपोर्ट में हुसैन के हवाले से लिखा गया, "मैं जन्म से एक मुस्लिम हूं और पिछले 3 वर्षों से इस मंदिर में काम कर रहा हूं. मुझे अच्छा लगता है और इससे मुझे मानसिक शांति मिलती है. मैं मंदिर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखता हूं. इस पर कभी किसी ने आपत्ति नहीं जताई. हम हिंदू-मुसलमान भाई-भाई की तरह हैं और मंदिर में हर कोई मेरा परिवार है सब मेरे काम की सराहना करते हैं."
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मंदिर और मस्जिद परिसर की सफाई करते हुए हुसैन का एक वीडियो भी अपलोड किया था.
अधिक स्पष्टीकरण के लिए बूम ने सद्दाम हुसैन से सम्पर्क किया, बूम को बताया, "मैंने अयोध्या में राम मंदिर के लिए कोई मूर्ति नहीं बनाई है. मैं सफ़ाई का काम करता हूँ."
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