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फ़ैक्ट चेक

दो लोगों की बेरहमी से पिटाई का पुराना वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा यह वीडियो साल 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. तब कई बांग्लादेशी फ़ेसबुक प्रोफाइल से यह वीडियो शेयर किया गया था.

By -  Runjay Kumar |

5 April 2023 12:57 PM GMT

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा दो व्यक्तियों को बेरहमी से पीटे जाने का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि यह दृश्य पश्चिम बंगाल का है, "जहां मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं को मारा जा रहा है".

हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा यह वीडियो साल 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. यह वीडियो साल 2019 में कई बांग्लादेशी फ़ेसबुक प्रोफाइल से यह कहते हुए शेयर किया गया था कि "लोगों ने ऑटो चोरी के आरोप में इन दोनों व्यक्तियों की पिटाई की".

वीडियो में काफ़ी विचलित करने वाले दृश्य मौजूद हैं, इसलिए हम यहां उनका उल्लेख नहीं कर रहे हैं.

फ़ेसबुक पर वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “सेक्यूलरो देख लो तुम्हारे प्यारे डरे हुए शांतिदूत पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं को कैसे मार जा रहे है, मुसलमान नाम आते ही तुम्हारी जुबान तो हलक मै चिपक जाती है..!!हिन्दुओ को निशाना बंद करो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए”.



वायरल वीडियो से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें साल 2019 के कुछ फ़ेसबुक पोस्ट्स मिले, जिसमें यह वीडियो मौजूद था.



पोस्ट्स में मौजूद कैप्शन में यह वीडियो ऑटो चोरी के आरोप में पकड़े लोगों की पिटाई का बताया गया था. हालांकि कैप्शन में कोई अन्य जानकारी जैसे स्थान, तारीख इत्यादि की जानकारी नहीं दी गई थी.

इसलिए कैप्शन में मौजूद बांग्ला कीवर्ड की मदद से हमने फ़ेसबुक सर्च किया तो हमें 2019 के मार्च और अप्रैल महीने में किए गए कुछ फ़ेसबुक पोस्ट मिले. लेकिन इन पोस्ट्स में भी वीडियो के स्थान और तारीख सहित अन्य जानकारियां नहीं मौजूद थी. लेकिन सभी कैप्शन में इसे ऑटो चोरी के आरोप में पकड़े लोगों की पिटाई का ही बताया गया था.

हालांकि जब हमने वायरल वीडियो को शेयर करने वाले इन फ़ेसबुक प्रोफाइल्स को खंगाला तो पाया कि ये सभी बांग्लादेश के हैं. साथ ही हमने वीडियो को देखने पर यह भी पाया कि उसमें मौजूद लोग बांग्ला भाषा में ही बात कर रहे हैं.



इसलिए हमने अलग अलग कीवर्ड की मदद इससे संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट्स भी खंगाली लेकिन हमें कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली.

इस दौरान हमें इस वीडियो को लेकर 2020 में द क्विंट द्वारा की गई एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट मिली. हमने पाया कि द क्विंट को इस दौरान एक फ़ेसबुक अकाउंट पर यह वीडियो मिला था, जिसके कमेंट सेक्शन ने उक्त यूज़र ने इसे बांग्लादेश के कूमिला का बताया था. हालांकि वह पोस्ट अब फ़ेसबुक पर मौजूद नहीं हैं.

इसलिए हमने कूमिला से संबंधित कीवर्ड की मदद से भी न्यूज़ रिपोर्ट खोज़ी लेकिन हमें कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली.

जांच के दौरान जब हमारे सहयोगी बूम बांग्लादेश की टीम ने वीडियो में मौजूद ऑडियो को सुना तो उन्होंने बताया कि इसमें बोली जा रही बांग्ला भाषा मूलतः बांग्लादेश में बोली जाती है. उन्होंने यह भी पुष्ट किया कि यह वीडियो बांग्लादेश का ही है. साथ ही उन्होंने इस दौरान कूमिला पुलिस से भी संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ था. जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.

हालांकि जांच में हम यह पता नहीं लगा पाए कि वास्तव में यह घटना कब और कहां की है, लेकिन हमारी जांच में यह साफ़ हो गया कि यह घटना पुरानी है और इसका वीडियो साल 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. 

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