महाराष्ट्र सरकार राज्य में बलात्कार, छेड़छाड़ और महिलाओं के जुड़ी तमाम हिंसा की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए एक क़ानून बनाने पर विचार कर रही जिसे 'शक्ति बिल' के नाम से जाना जा रहा है.
फ़िलहाल सोशल मीडिया पर इस बिल से जुड़ा एक मैसेज वायरल हो रहा है. एक फ़ोटो की शक्ल में वायरल इस मैसेज में उद्धव ठाकरे की तस्वीर लगी है और साथ में टेक्स्ट है 'महाराष्ट्र में रेप पर मिलेगी मौत की सजा, कैबिनेट ने दी Shakti Act को मंज़ूरी क्या आप इस फ़ैसले से खुश हैं.' ये मैसेज सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर हो रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस बिल को मंज़ूरी दे दी है.
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फ़ेसबुक पर शौक़त अली नाम के एक यूज़र ने बिल्कुल यही टेक्स्ट शेयर किया जिसमें लिखा है 'महाराष्ट्र में रेप पर मिलेगी मौत की सजा, कैबिनेट ने दी Shakti Act को मंज़ूरी .'
एक अन्य पोस्ट में भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया.
फ़ेसबुक पर ये मैसेज कई बार इसी दावे के साथ शेयर किया गया है.
फ़ैक्ट चेक
हमने सबसे पहले Shakti Bill से जुड़ी खबरों को खोजने के लिये गूगल कीवर्ड्स का सहारा लिया तो ANI की 5 जुलाई 2021 की एक ख़बर हमें मिली.
इस ख़बर के मुताबिक़ Shakti Bill को विधानसभा की संयुक्त समिति को सौंपा गया है और इस समिति को इसे जाँचने परखने की ज़िम्मेदारी दी गई है तथा इसकी डेडलाइन अगले विधानसभा सत्र के आख़िरी दिन तक बढ़ा दी गई है. मतलब ये कि बिल अभी तक विधानसभा में ना ही पेश किया गया है और न ही पारित हुआ है.
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NDTV की एक ख़बर के अनुसार 'Shakti Bill' का फ़ाइनल ड्राफ़्ट बनाने के लिये एक संयुक्त समिति बनाई गई जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के 21 लोग शामिल हैं. इस समिति को बिल का फ़ाइनल ड्राफ़्ट तैयार करना है. खबर के मुताबिक़ समिति को जो डेडलाइन दी गई थी उसे और बढ़ा दिया गया है.
बूम ने इस वायरल मैसेज की पड़ताल के लिये महाराष्ट्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की PRO कपालिनी से बात की. उन्होंने बूम को बताया कि ये बिल अभी सिर्फ़ ड्राफ़्ट हुआ है ये एक क़ानून के रूप में लागू नहीं हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि बिल संयुक्त समिति को सौंपा गया है और इस पर अभी चर्चा-परिचर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि बिल कब तक पास होगा और क़ानून के रूप में लागू होगा इस पर अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं जा सकता.
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क्या है 'Shakti Bill'?
महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर 2020 में ही इस बिल का परिचय सदन से कराया था. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस बिल का उद्देश्य बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोपियों को कड़ी सज़ा दिलाना साथ ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. ऐसा कहा जा रहा है कि बिल में रेप के आरोपियों के लिये 21 दिन के भीतर मौत की सज़ा का प्रावधान है. इस बिल में दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं.
प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिये विधेयक के मसौदे में इंडियन पीनल कोड, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानि पॉक्सो अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव भी शामिल है.
बिल के कानून का रूप ले लेने पर 'शक्ति अधिनियम' कहा जाएगा। इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है.