
सोशल मीडिया पर कुंभ में गंगा स्नान के दावे से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एक तस्वीर वायरल हो रही है.
इस ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में नेहरू धोती पहने नदी में डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. तस्वीर कुंभ स्नान की नहीं बल्कि नेहरू के माता जी की अस्थि विसर्जन के दौरान की है.
हाल में चल रहे महाकुंभ को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश की रैली के दौरान ने एक बयान दिया. उन्होंने कहा, 'गंगा स्नान से गरीबी दूर होती है क्या? भूखे पेट रोटी मिलती है क्या? आपको खाना मिलता है क्या? मैं किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता हूं. अगर किसी को दुख हुआ तो मैं माफी चाहता हूं...."
इस दौरान उन्होंने भाजपा नेताओं पर भी जमकर तंज कसा. खरगे के बयान के बाद सियासी विवाद छिड़ गया. कई जगहों से उनके खिलाफ प्रदर्शन की खबरें भी सामने आई हैं.
इसी बीच तमाम दक्षिणपंथी यूजर्स गंगा में डूबकी लगाते नेहरू की इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं और खरगे के बयान पर निशाना साध रहे हैं.
एक्स पर पत्रकार अरविंद चोटिया ने इसके साथ दावा किया, "महाकुंभ में डुबकी नेहरू जी भी लगाते थे. तस्वीर भी खिंचवाते थे. सबसे बड़े नेता भी थे लेकिन कभी किसी ने उनकी डुबकी पर सवाल नहीं उठाए.'

पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर ऋषि बागरी ने भी इस तस्वीर को कुंभ स्नान के दावे से शेयर किया.

पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम पहले भी ऋषि बागरी द्वारा शेयर की गई कई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक कर चुका है. यहां और यहां पढ़ें.
फैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. Reckontalk की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार नेहरू की यह तस्वीर इलाहबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने के बाद की है.
हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 6 मार्च 2006 की प्रकाशित मुशीरुल हसन और प्रिया कपूर की किताब "द नेहरूज: पर्सनल हिस्ट्रीज" की समीक्षा मिली. इस रिव्यू वाली रिपोर्ट में भी नेहरू की यह तस्वीर मौजूद थी.
इसके मुताबिक भी यह तस्वीर तब की है, जब इलाहाबाद में नेहरू अपनी मां की अस्थियों का विसर्जन कर रहे थे.
इसकी तारीख की पड़ताल करने पर हमें एक्स पर एक पोस्ट मिला, जिसके मुताबिक यह तस्वीर 10 जनवरी 1938 को ली गई थी.
हमें दैनिक जागरण की 2021 की भी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि साल 1938 में नेहरू अपनी मां का अस्थि विसर्जन करने प्रयागराज आए थे और उन्होंने संगम में डुबकी भी लगाई थी.
असल में यह तस्वीर इससे पहले 2019 के कुंभ के दौरान भी वायरल हुई थी. तब 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के दिन कुंभ में हुई भगदड़ से जोड़कर इसे शेयर किया गया था. 1954 में हुई भगदड़ में लगभग 800 लोगों की मौत हुई थी. तब देश के प्राधानमंत्री नेहरू थे.
2019 में क्विंट जैसे आउटलेट्स ने भी इसका फैक्ट चेक किया था और पाया था कि यह तस्वीर 10 जनवरी 1938 है, तब नेहरू अपने माता जी की अस्थियां विसर्जित कर रहे थे.