लोकसभा चुनाव 2024 में हैदराबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माधवी लता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह कह रही हैं कि भारतीय मुसलमान कभी आतंकवादी नहीं हो सकते. यूजर्स दावा कर रहे हैं कि उनका यह वीडियो चुनाव में मिली हार के बाद का है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत है. माधवी लता का वायरल वीडियो चुनाव प्रचार के दौरान का है.
गौरतलब है कि हैदराबाद सीट से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने माधवी लता को 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. अपने चुनाव प्रचार के दौरान माधवी लता काफी आक्रामक नजर आई थीं. उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी. चुनाव में उनके सांप्रदायिक बयानों के संदर्भ में वीडियो को भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है.
वीडियो में दिए गए टेक्ट्स में लिखा है, "हारने के बाद होश में आ गई". वीडियो में एक व्यक्ति उनसे सवाल पूछता है, "क्या आपको लगता है मुसलमान आतंकवादी होते हैं." इस पर वह जवाब देती हैं, "नहीं हो सकते, भारतीय मुसलमान कभी आतंकवादी नहीं हो सकते लेकिन जिन बच्चों के हाथ में गरीबी होती है जिनको मजहब का नाम लेकर भड़काते हैं, उनका दिमाग किस ओर में जाता है हम क्या बता सकते हैं. गरीब का पेट कुछ भी कराता है."
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'चुनाव हारते ही अकल आ गई.'
फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक
बूम ने वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया. हमें Hyderabad Festivals नाम के यूट्यूब चैनल पर 22 अप्रैल 2024 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
वीडियो में यूट्यूबर हैदराबाद में पदयात्रा कर रहीं माधवी लता से सवाल पूछने की इजाजत लेता है. इसके बाद वह भारतीय मुसलमानों को लेकर कई सवाल पूछता है जैसे कि क्या उन्हें बीजेपी से डरना चाहिए. एक सवाल यह भी पूछता है कि 'क्या आपको लगता है मुसलमान आतंकवादी होते हैं.' इसके जवाब में माधवी लता कहती हैं, "नहीं हो सकते, भारतीय मुसलमान कभी आतंकवादी नहीं हो सकते." वीडियो में 1 मिनट 19 सेकंड से वायरल वीडियो वाले इस हिस्से को देखा जा सकता है.
दरअसल, रामनवमी के जुलूस के दौरान माधवी लता ने कथित रूप से एक मस्जिद की ओर काल्पनिक तीर चलाने का इशारा किया था. इसका वीडियो सामने आने पर काफी विवाद हुआ था. उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने केस भी दर्ज किया था. हालांकि माधवी लता ने अपनी सफाई में कहा था कि वह मस्जिद की ओर इशारा नहीं कर रही थीं.
इस घटना पर द प्रिंट ने एक न्यूज रिपोर्ट भी पब्लिश की थी. गौरतलब है कि हैदराबाद में चौथे चरण में 13 मई को मतदान हुए थे.