सोशल मीडिया पर असंबंधित तस्वीरों का एक सेट सांप्रदायिक (Communal) एंगल से वायरल है. इन तस्वीरों को 'लव जिहाद' (Love Jihad) के दावे से शेयर किया गया है. इसके अलावा इसे इस्लामिक षडयंत्र बताया गया है.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरों के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. ये तस्वीरें दो असंबंधित घटनाओं से हैं.
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फ़ेसबुक पर तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है कि 'तीसरी फोटो शादी के बाद से दूसरे महीने की है. #लव_जिहाद #इस्लामिक_षड्यंत्र'.
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बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीरों के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. ये तस्वीरें दो असंबंधित घटनाओं से हैं. इनका आपस में कोई संबंध नहीं है.
पहली दो तस्वीरें
इन दोनों को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजने पर हमें ट्विटर पर 28 जुलाई 2020 को पोस्ट की हुई एक कपल की तस्वीर मिली, जिसकी पहचान गोरखपुर चौक, देहरादून के निवासी के रूप में हुई.
बूम ने देहरादून के पटेल नगर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, उन्होंने स्पष्ट किया कि कपल सुरक्षित है और सोशल मीडिया के दावे का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम पति ने हिंदू पत्नी की हत्या की है. हमने फिर कपल सुरभि चौहान और एहकाम फ़रीद से संपर्क किया, जिन्होंने जून 2020 में शादी की थी.
सुरभि चौहान ने बताया, "यह पूरी तरह से ग़लत है, मैं ठीक हूं और मुझे कुछ नहीं हुआ है. शादी के बाद से ही हमारी तस्वीर सोशल मीडिया में घूम रही है, इसकी जानकारी मिलने के बाद हमने पुलिस से संपर्क किया."
देहरादून पुलिस में सब इंस्पेक्टर मोनिका मनराल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि "जून में संपन्न हुई शादी के बाद से ही ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूमने लगीं, जिसके बाद सुरभि चौहान ने हमसे संपर्क किया. हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ खुश है और वे पूरी तरह से सुरक्षित और स्वस्थ हैं. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि इसके पीछे उसके परिवार के सदस्य हैं क्योंकि वे शादी से नाखुश हैं."
बूम पहले भी फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर की गई सुरभि और एहकाम की तस्वीरों का फ़ैक्ट चेक कर चुका है जब इसे एक मृत महिला की तस्वीर के साथ शेयर किया गया था. तब सुरभि और एहकाम ने हमसे अपनी एक तस्वीर शेयर की थी जो वायरल तस्वीर से एकदम मेल खाती है.
तीसरी तस्वीर
बूम ने पाया कि महिला के चेहरे पर चोट के निशानी दिखाती तस्वीर बांग्लादेश से है.
27 जून 2020 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में हमें यह तस्वीर मिली. रिपोर्ट में महिला की पहचान सुमैया हसन के रूप में की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुमैया ने फ़ेसबुक पर अपने पति और उसके परिवार द्वारा कथित यातना और उत्पीड़न को विस्तार से शेयर किया था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ सुमैया ने अपने फ़ेसबुक पोस्ट पर अपने शरीर पर चोट के निशानों की तस्वीर भी शेयर की थी.
घरेलू हिंसा की घटना के बारे में फ़ेसबुक पर पोस्ट करने के बाद सुमैया ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि फ़ेसबुक पोस्ट देखने के बाद शाहबाग पुलिस ने उससे अपने पति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने के लिए कहा था, लेकिन उसने मामला दर्ज नहीं कराया था.
ढाका ट्रिब्यून की एक अन्य रिपोर्ट में शाहबाग के पुलिस अधिकारी अबुल हसन के हवाले से कहा गया था कि उसके पति को हिरासत में लिया गया था. पीड़िता द्वारा उसके ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाना बाक़ी था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पीड़िता ने पहले भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन बाद में मामले को सुलझा लिया गया था.
बूम पहले भी इस वायरल तस्वीर का फ़ैक्ट चेक कर चुका है जब इसे केरल में लव जिहाद के दावे से शेयर किया गया था. यहां पढ़ें
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