बर्फ़ की चादर से ढके एक पर्वत का वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा किया गया है कि यह वीडियो कैलाश पर्वत के ऊपर का दृश्य दिखाता है जोकि भारत सरकार के प्रयास के कारण संभव हो सका है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो कैलाश पर्वत नहीं बल्कि तंज़ानिया में स्थित किलिमंजारो पर्वत की है.
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वायरल वीडियो हिन्दुओं के पवित्र महीनों में से एक सावन की पृष्ठभूमि में शेयर किया गया है. सावन का महीना बीते 23 जुलाई को शुरू हुआ था जबकि इसका समापन 22 अगस्त को हो रहा है.
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में दावा किया कि "भारत सरकार के प्रयास के कारण कैलाश पर्वत के ऊपर का दृश्य पहली बार संभव हो सका है, सावन मास में आप भी दर्शन कर लें."
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट भी इसी दावे के साथ वायरल है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए इसे कीफ़्रेम्स में तोड़कर रिवर्स इमेज पर सर्च किया. इस दौरान हमें यूट्यूब पर डेली न्यूज़ डिजिटल द्वारा 23 जुलाई 2020 को अपलोड किया गया हूबहू वीडियो मिला. वीडियो के टाइटल में इसे किलिमंजारो पर्वत बताया गया है.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है, पायलट रेमतुल्लाह रिज़वान ने किलिमंजारो पर्वत के चारों ओर 360 डिग्री मोड़ा. बिल्कुल साफ़, पर्वतारोहियों को गड्ढा, खड़ी ढलान और बर्फ पर चढ़ते हुए देखा जा सकता था. सचमुच अद्भुत!
हमने अपनी जांच में पाया कि किलिमंजारो पर्वत अफ़्रीकी देश तंज़ानिया में मौजूद है. यह अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर है.
हमें फ़ेसबुक पर डिजिटल मीडिया तंज़ानिया द्वारा 6 अप्रैल 2019 को अपलोड की गई किलिमंजारो पर्वत का ऐसा ही हवाई दृश्य दिखाती एक अन्य वीडियो मिली. इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर पर्वत के ऊपरी सिरे पर स्थित वोल्कानो वाले हिस्से को देखा जा सकता है, जैसा कि वायरल वीडियो में है.
नीचे वायरल वीडियो और ओरिजिनल वीडियो के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है. दोनों में समानता देखी जा सकती है.
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