HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

जम्मू-कश्मीर: अवैध निर्माण तोड़ने का वीडियो रोहिंग्या मुस्लिम से जोड़कर वायरल

बूम ने जम्मू-कश्मीर झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अधिकारी से बात की जिन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया. वायरल वीडियो की सच्चाई जानिए इस रिपोर्ट में.

By - Mohammad Salman | 11 Jun 2021 2:28 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो वायरल है, जिसमें अधिकारियों का एक समूह नवनिर्मित भवनों को गिरा (Demolition) रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) की अवैध रूप से निर्मित बस्ती (Illegal Settlement) को गिराते हुए दिखाता है.

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है. असल में, यह वीडियो झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (Lakes and Waterways Development Authority- LAWDA) द्वारा जम्मू और कश्मीर, डल झील के आसपास के अलावा कई क्षेत्रों में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का है. बूम ने विभाग के एक अधिकारी से बात की जिन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया.

तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी हैं, नाकि ओत्तावियो क्वात्रोची

क़रीब डेढ़ मिनट लंबी इस वीडियो में अधिकारियों के एक दस्ते को भारी भरकम मशीनों और हथौड़े से निर्माण को ध्वस्त करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में कई जगह स्थानीय लोगों को अधिकारियों को भवन गिराने से रोकते हुए देखा जा सकता है.

फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा ,"जम्मू-कश्मीर में #रोहिंग्या #जेहादियों की रोशनी के तहत बसायी गई बस्ती उखाड़ी जा रही है...जय हिन्द."

Full View

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

ट्विटर पर सतीश आनंद नामक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "जम्मू-कश्मीर में #रोहिंग्या जेहादियों की रोशनी के तहत बसायी गई बस्ती उखाड़ी जा रही है...बहुत देर लगा दी JCB आने में, यही लोग है जो अपने #भारत माँ की जमींन पर #गन्दगी के साथ साथ #जनसँख्या फैला रहे है."

ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

फ़ेसबुक पर वायरल

इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर वीडियो शेयर की गई है.


गाय के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का वीडियो ग़लत दावे के साथ हुआ वायरल

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की वास्तविकता जांचने के लिए सबसे पहले जम्मू लिंक्स न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर जाकर देखा, जिसका लोगो वीडियो के दायीं ओर ऊपर देखा जा सकता है.

इस दौरान हमें इस चैनल पर हूबहू वीडियो LAWDA ने गिराए कई अवैध निर्माण, अतिक्रमण शीर्षक के साथ 5 जून 2021 को अपलोड हुआ मिला.

Full View

वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) अपने प्रवर्तन विंग (Enforcement Wing) के माध्यम से निरंतर विध्वंस अभियान के तहत लश्करी मोहल्ला, दोजी मोहल्ला, बुरझामा, वांगुट तेलबल और निशात के क्षेत्रों में प्रवर्तन अधिकारी की देखरेख में पिछले एक सप्ताह से कई अवैध निर्माण/अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया गया है, जिसमें टिन की दीवार वाली एक मंजिल, एक भूतल, दो प्लिंथ ब्लॉक और अवैध रूप से उठाई गई दो दुकानों को मौक़े पर ही ध्वस्त कर दिया गया. विध्वंस अभियान की अन्य वीडियो यहां और यहां देखें. 

इससे हिंट लेते हुए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल पर खोज की तो कई मीडिया रिपोर्ट्स हमारे हाथ लगीं. हमें 6 जून को ईटीवी भारत में प्रकाशित एक उर्दू रिपोर्ट में अपलोड किया गया वही वीडियो मिला.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में बने अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है.

इसके अलावा हमें इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इनमें कुछ रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट देखे जा सकते हैं, वहीं कुछ रिपोर्ट में वही वीडियो देखा जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स यहां, यहां और यहां देखें.

प्रधानमंत्री बेरोज़गार भत्ता योजना 2021 का सच क्या है? फ़ैक्ट चेक

हमने पाया कि इनमें से किसी भी मीडिया रिपोर्ट्स में अवैध रूप से बने भवनों और अतिक्रमण को ध्वस्त करने की घटना को रोहिंग्या मुस्लिमों से नहीं जोड़ा गया है.

बूम ने जांच को आगे बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण से भी संपर्क किया. बूम से बात करते हुए प्रवर्तन अधिकारी अब्दुल अज़ीज़ क़ादरी ने वायरल वीडियो के दावे को ख़ारिज कर दिया.

अज़ीज़ क़ादरी ने बूम को बताया, "वे श्रीनगर के स्थानीय लोग हैं. वे डल झील के किनारे अवैध निर्माण कर रहे हैं जो कि एक ग्रीन बेल्ट है और वहां किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है."

उन्होंने आगे कहा कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण के विरुद्ध हमारा अभियान मई और जून के महीने में शुरू हुआ था. उन्होंने बूम को बताया, "लश्करी मोहल्ला, दोजी मोहल्ला, बुरझामा और डल झील के किनारे ग्रीन बेल्ट में विध्वंस अभियान चलाया गया. जब हम इन निर्माणों को ध्वस्त करने जा रहे थे, तो स्थानीय लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था."

लड़की ने शादी के लिए रखी वैक्सीन लगवाने की शर्त? जानिये वायरल विज्ञापन का सच

Related Stories