प्रधानमंत्री बेरोज़गार भत्ता योजना 2021 का सच क्या है? फ़ैक्ट चेक
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि 18 से 40 की उम्र वाले दसवीं पास सभी बेरोज़गार युवाओं को प्रधानमंत्री बेरोज़गार भत्ता योजना के तहत प्रतिमाह 3500 रुपये मिलेंगे.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री बेरोज़गार भत्ता योजना 2021 (Pradhanmantri Berozgar Bhatta Yojna 2021) के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन (Pre-Registration) शुरू हो गया है. इस योजना के अंतर्गत देश के सभी 18 से 40 वर्ष के बेरोज़गार युवाओं को हर महीने 3500 रुपये दिए जायेंगे.
बूम ने पाया कि भारत सरकार ने ऐसी किसी योजना की शुरुआत नहीं की है. वायरल पोस्ट फ़र्ज़ी है.
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ट्विटर पर हैं ही नहीं, वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है
फ़ेसबुक और ट्विटर पर यूज़र्स इस वायरल मैसेज को सच मानते हुए ख़ूब शेयर कर रहे हैं. पोस्ट में लिखा है, *प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना 2021* के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन हो रहा है, इस योजना के अंतर्गत सभी युवा बेरोजगारों को 3500 रुपये हर महीने दिया जाएगा प्री-रजिस्ट्रेशन करने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर अपना फॉर्म भरे
*आवेदन शुल्क* - 00 Rs (FREE)
*योग्यता* - 10वी पास
*आयु* - 18 से 40 वर्ष
*रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट* - 8 जून 2021
*ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन यहां से करें* 👉 https://pradhanmantri-berojgari-bhatta-yojnaa.blogspot.com/
पोस्ट यहां देखें.
आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर ही कुछ यूज़र्स इस वायरल पोस्ट को यह कहते हुए शेयर किया कि यह बेरोज़गारों को बेराज़गारी भत्ते के नाम पर ठगा जा रहा है.
काले लिबास में दिख रही न्यूज़ीलैण्ड की प्रधानमंत्री की तस्वीर क्यों हुई वायरल?
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल पोस्ट की हक़ीक़त जांचने के लिए संबधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल खोज की. इस दौरान हमें कोई विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें प्रधानमंत्री के नाम पर बेरोज़गारों को दिए जाने वाले भत्ते का ज़िक्र किया गया हो.
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल मैसेज में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए दी गई वेबसाइट के यूआरएल लिंक पर गौर किया तो पाया कि इसके अंत में .blogspot.com लिखा है, जबकि किसी भी सरकारी वेबसाइट के यूआरएल लिंक के अंत में .gov.in होता है.
हमने वायरल मैसेज में दिए गए रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक किया तो पाया कि यह 'ब्लॉग' अब हटा दिया गया है. इससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि यह महज़ फ़र्ज़ीवाड़ा है.
जांच के दौरान गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने ट्वीट करते हुए इस वायरल मैसेज को धोखाधड़ी बताया. ट्वीट में जानकारी देते हुए कहा गया है कि साइबर अपराधी इस महामारी का इस्तेमाल मासूम लोगों को फ़र्ज़ी रोज़गार भत्ता की पेशकश कर ठगने के अवसर के रूप में कर रहे हैं. वे लोगों को "प्रधानमंत्री बेरोज़गारी भत्ता योजना" जैसी नकली वेबसाइटों में पंजीकरण करने के लिए कह सकते हैं. इन नकली वेबसाइटों से सतर्क रहें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें."
हमें पीआईबी फ़ैक्ट चेक द्वारा 4 मई 2020 को किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें इसी दावे का खंडन किया गया है. हमने पाया कि पिछले साल भी ऐसा ही दावा "प्रधानमंत्री बेरोज़गार भत्ता योजना 2020" के रूप में वायरल था.
क्या दिल्ली सरकार ने सिर्फ़ मुस्लिम डॉक्टर को ही एक करोड़ का मुआवज़ा दिया है?