सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें सफेद चादर में लिपटे हुए दो शव ज़मीन पर रखे हुए दिखाई दे रहे हैं, शव के पास में एक महिला रोती-बिलखती हुई दिखाई दे रही है और एक पुरूष शव की चादर की गांठ को खोलते हुए दिखाई दे रहा है, जिसे लाल घेरे में दिखाया गया है.
वीडियो को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि फ़िलिस्तीनी मरने का झूठा नाटक रच रहे हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो का फुटेज असली है. वीडियो में सफेद चादर में दिख रहा शव एक मृत व्यक्ति का ही है. वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है.
ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद उग्रवादी समूह हमास के हमलों में लगभग 1,400 से ज्यादा इसराइली लोगों की मौत हुई है. वहीं ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि इसराइल के जवाबी सैन्य हमलों में ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 10,328 से अधिक फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो गई है. इसी संदर्भ से जोड़ते हुए ये दावा वायरल है.
अमेरिका में इसराइली दूतावास के अधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अंकाउट ने 30 अक्टूबर, 2023 को वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "एक दिखाई देने वाला चमत्कार, जीवन की वापसी." 'हमास दुनिया को झूठ बोलने के लिए फ़र्ज़ी ख़बर और प्रचार का इस्तेमाल करता है. टेलीविजन पर शोक मनाने के लिए जीवित लोगों को बॉडी बैग में रखा जाता है. CNN की इस वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कैसे एक शव बैग में से चमत्कारिक ढंग से अपना सिर उठा रहा है."
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इसी वीडियो को इसराइल के एक आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) ने शेयर करते हुए लिखा, "रिमाइंडर: गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय = हमास. शव अपना सिर नहीं हिला सकते."
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बूम ने पहले भी ग़लत सूचना शेयर करने के लिए इसराइल के आधिकारिक अंकाउट का फै़क्ट चेक किया है.
इसी वीडियो को कई दक्षिणपंथी X अंकाउट्स ने इसी झूठे दावे के साथ शेयर किया है.
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फै़क्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो का फुटेज असली है. वीडियो में सफेद चादर में दिख रहा शव एक मृत व्यक्ति का ही है. वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है.
हमें टेलीग्राम पर @PalpostN द्वारा पोस्ट किया वायरल वीडियो का लम्बे वर्जन वाला 46 सेकंड का एक मूल वीडियो मिला. जिसे 28 अक्टूबर 2023 को अरबी कैप्शन के साथ शेयर किया गया था, जिसका हिंदी अनुवादित शीर्षक है, "प्रेस कवरेज: ग़ज़ा पट्टी में सेंट्रल गवर्नरेट पर इसराइली हमले में हुए शहीदों की शव यात्रा की विदाई"
टाइम ऑफ़ ग़ज़ा के X अकांउट ने भी उस दिन यही वीडियो पोस्ट किया था.
People in Gaza bid farewell to those who were killed in the lsraeli atrocities committed last night amidst total blackout. pic.twitter.com/5UJcKRQbQl
— TIMES OF GAZA (@Timesofgaza) October 28, 2023
इस मूल वीडियो में शरीर पर कोई लाल घेरा नहीं है. एक व्यक्ति जो शव के पास बैठी महिला के पास आता है और शव के सफेद चादर में लगी ऊपर की गांठ को खोलता है. वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि शरीर हिल नहीं रहा है.
झूठा दावा करने के लिए वायरल वीडियो के फुटेज को ज़ूम करके एक लाल घेरा जोड़ दिया गया है. वायरल वीडियो फ़ुटेज भी उतनी साफ़ नहीं है जिससे झूठे दावे को और बल मिल जाता है. हम वीडियो में अस्पताल के बाहर रखे कई अन्य शवों को भी देख सकते हैं जिनमें कई लोग मृतकों के लिए रोते हुए नज़र आ रहे हैं.
एक अन्य X अकांउट पर शेयर की गई तस्वीरों में महिला और पुरुष को शवों के साथ बैठे देखा जा सकता है. इस पोस्ट को 28 अक्टूबर 2023 को, "आज सुबह, अल-अक्सा अस्पताल की जमीन पर कई शव पड़े हुए हैं." कैप्शन के साथ शेयर किया गया था.
This morning, scores of dead bodies lay out on the ground of Al-Aqsa hospital. pic.twitter.com/uEXFCQ7KZM
— Ramy Abdu| رامي عبده (@RamAbdu) October 28, 2023
पोस्ट में साझा की गई चौथी फोटो में वही पुरुष और महिला नजर आ रहे हैं.
हमें यही ब्लू टी-शर्ट और ब्लू जींस पहने व्यक्ति के अन्य विजुअल्स मिले, जिसमें उस व्यक्ति को शवों को ले जाने में मदद करते देखा जा सकता है.
ऊपर की तस्वीरों में दिखाए गए प्रांगण को 25 अक्टूबर 2023 की उन न्यूज़ रिपोर्ट्स में भी देखा जा सकता है, जब ग़ज़ा में अल-अक्सा अस्पताल पीड़ितों से भर गया था.
ग़लत सूचनाओं के दावों में एक दावा यह भी किया गया कि अमेरिकी समाचार आउटलेट सीएनएन ने वायरल वीडियो को शेयर किया था.
हालाँकि बूम स्वतंत्र रूप से इसे सत्यापित करने में असमर्थ था लेकिन हमने ईमेल के माध्यम से सीएनएन से संपर्क किया है, जवाब मिलते ही आर्टिकल को अपडेट कर दिया जाएगा.
(सुजित ए के इनपुट के साथ)
AI से बनाई तस्वीरें यूपी के अयोध्या में निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के फ़र्ज़ी दावे से वायरल